साहीवाल गाय की दूध और उसके फायदे : Sahiwal Cow Milk and Benefits
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साहीवाल गाय की दूध और उसके फायदे : Sahiwal Cow Milk and Benefits, साहीवाल नस्ल पाकिस्तान के मोंटेगोमरी जिले और भारत के पंजाब, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में प्रमुखतः पाई जाने वाली नस्ल है. यह दूध उत्पादन के लिये सर्वोत्तम देशी नस्ल की गाय है. साहीवाल नस्ल के गाय की दूध के गुणवत्ता को देखते हुए सुदूर वनांचल, ग्रामीण और खुले डेयरी फार्म वाले लोग भी साहीवाल नस्ल की गाय की मांग कर रहें है. इतना ही नहीं अब साहीवाल नस्ल के अलग से डेयरी फार्म भी खुलने लगे है. साहीवाल नस्ल की गाय का औसतन दूध उत्पादन प्रति ब्यात – 2250 किलोग्राम या 2250 लीटर है. किसी ज़माने में साहीवाल नस्ल की गायें पंजाब, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में मुख्यतः पाला जाता था परंतु आज गाय की गुणवत्ता और मांग को देखते हुए पुरे भारत में किसान साहीवाल नस्ल की गाय का पालन कर रहे है.
साहीवाल गाय की शारीरिक विशेषता
1 . साहीवाल गाय का रंग गहरे लाल और भूरे रंग के होते है. कभी-कभी इनके शरीर पर सफ़ेद धब्बे भी पाये जातें है.
2. साहीवाल नस्ल के गायों का शरीर भारी, ढीली चमड़ी, छोटा सिर व छोटे सींग इनकी प्रमुख विशेषताएं है. इनकी ढीली चमड़ी के कारण लोग इस नस्ल को लोला नस्ल भी कहते है.
3. इनकी टाँगें छोटी होती हैं, ये स्वाभाव से आलसी और इनकी खाल चिकनी होती है. इनके पूंछ लम्बी और मोटी होती है.
4. मादा पशुओं में नेवल फ्लैप उभरी या लटकी हुई होती है.
5. इस नस्ल के नर पशु का वजन 400 से 550 किलोग्राम और मादा पशु का वजन 300 से 450 किलोग्राम होता है.
6. साहीवाल नस्ल के गाय का औसतन दूध उत्पादन 2250 किलोग्राम या 2250 लीटर प्रति ब्यात है.
7. साहीवाल गाय के दूध में 4 से 5% प्रतिशत वसा होता है, जबकि अन्य गायों में 2.5 से 3.5 % प्रतिशत वसा होता है.
8. साहीवाल नस्ल के गायों का दूध A 2 श्रेणी का होता है, जिसके कारण इंसानों के सेहत के लिये उत्तम और फायदेमंद होता है. खासकर बच्चों के लिये बहुत फायदेमंद होता है.
9. इस नस्ल के गायों में अन्य विदेशी नस्ल के गायों की तुलना में थनैला रोग बहुत कम होता है इसलिए डेयरी फार्मों और पशुपालक किसानों का रुझान साहीवाल नस्ल की ओर आकर्षित हो रही है.
10. मौजूदा समय में केंद्र सरकार भी साहीवाल नस्ल के गाय पालन को भी बढ़ावा से रही है.
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साहीवाल गाय का दूध उत्पादन
1 . साहीवाल नस्ल के गाय का औसतन दूध उत्पादन 2250 किलोग्राम या 2250 लीटर प्रति ब्यात है.
2. इस नस्ल के गाय के दूध में पर्याप्त मात्रा में वसा पाया जाता है.
3. साहीवाल गाय विदेशी नस्ल ( जैसे- जर्सी, एच.एफ.) के गायों की तुलना में कम दूध देती है, परंतु इस पर खर्च भी कम होता है.
4. साहीवाल नस्ल के गाय की खूबियाँ और दूध उत्पादन में अच्छी गुणवत्ता के कारण वैज्ञानिक और डॉक्टर इसे अच्छी दूध उत्पादक गाय मानते है.
5. धीरे-धीरे इनकी संख्या कम होने से चिंतित वैज्ञानिक ब्रीडिंग के तहत देशी गायों में कृत्रिम गर्भाधान करके नस्ल सुधार के तहत देशी गायों को साहीवाल नस्ल में परिवर्तित करने में जोर दे रहें है.
साहीवाल गाय की अन्य विशेषता
साहीवाल नस्ल की गायें गर्मी, परजीवी और किलनी प्रतिरोधी होती है. जिससे इसके पालन-पोषण में कम खर्च, आसानी से देखभाल तथा डेयरी पशुपालक को बहुत फायदेमंद होता है.
1 . उच्च दूध की पैदावार | 2. प्रजनन में सरलता |
3. रोग प्रतिरोधी | 4. सीधा और सरल स्वाभाव |
साहीवाल नस्ल की पशुओं में गर्मी सहने की क्षमता और उच्च गुणवत्ता के दूध उत्पादन के कारण एशिया, अफ्रीका और कई कैरेबियाई देशों में इसका निर्यात किया गया.
1. दूध उत्पादन – ग्रामीण स्थिति में 1350 कि.ग्रा. या लीटर. | 2. ग्रामीण और साधारण खान-पान में भी अच्छी दूध उत्पादन क्षमता. |
3. व्यवसायिक फार्म की स्थिति में – 2100 कि.ग्रा. या लीटर. | 4. प्रथम प्रजनन की उम्र – 32 से 36 महिना |
5. दो ब्यातों के बीच अधिकतम अंतर 15 महिना. | 6. मुख्यतः पंजाब, हरियाणा, उ.प्र., दिल्ली तथा म.प्र. में पाया जाता है. |
साहीवाल गाय की कीमत या मूल्य
साहीवाल नस्ल की गाय का सभी प्रकार के मौसम ढलने या अनुकुलता और उच्च गुणवत्ता के दूध उत्पादन के कारण गाय प्रतिदिन छह से 20 किलोग्राम ही दूध देती है, लेकिन इसके बावजूद किसानों को मोटा मुनाफा होता है, क्योंकि इस नस्ल की गाय के दूध की अधिक मांग होने के कारण अन्य नस्लों की तुलना में काफी महंगा बिकता है. इस नस्ल की गाय का दूध 100 रुपये प्रति किलो तक बिक जाता है. साहीवाल डेयरी फार्म से प्रेरित होकर क्षेत्र के अन्य किसान भी अपने पशु बाड़े में साहीवाल नस्ल की गायों को जगह देने लगे हैं. गाय में अनेक खूबियों के कारण गाय बिक्री 70 हजार से 75 हजार रूपये तक आंकी गई है. समय, जगह और स्थिति अनुसार इसके मूल्य में कम ज्यादा हो सकता है.
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