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गाय भैंस की उम्र होने पर हीट में कैसे लायें । Gaay Bhains Ki Umra Hone Par Heat Me Kaise Layen

गाय भैंस की उम्र होने पर हीट में कैसे लायें । Gaay Bhains Ki Umra Hone Par Heat Me Kaise Layen , पशुधन एक्सपर्ट और वैज्ञानिकों का मानना है कि पशुपालन में अच्छा मुनाफा कमाने के लिए वक्त रहते गाय-भैंस का हीट में आना जरुरी होता है।

Gaay Bhains Ki Umra Hone Par Heat Me Kaise Layen
Gaay Bhains Ki Umra Hone Par Heat Me Kaise Layen

पशुपालन एक ऐसा कारोबार है जिसकी लागत तय नहीं है। ऐसा इसलिए कहा जाता है कि जब तक गाय-भैंस हीट में नहीं आएगी, गाभिन नहीं होगी। गाय-भैस के गर्भधारण के पुष्टि के बाद ही पशुपालक को अपने पशुधन से आमदनी का उम्मीद होता है।

यदि पशुपालक या डेयरी फार्मर अपने गाय-भैंस को गर्भधारण के लिए परिपक्व हो जाने के बाद भी, उन्हें बिना गर्भधारण कराये सिर्फ गाय-भैंस से गोबर प्राप्त करने के लिए ही खिलाता-पिलाता है। जहां पर पशुपालक अपने पशुधन से किसी भी प्रकार की आमदनी कि उम्मीद नहीं कर सकता है।

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इस दौरान पशुधन से उत्पादन नहीं मिलता है। मतलब बच्चा देने के बाद ही गाय-भैंस से दूध या उत्पादन लिया जा सकता है। जिससे पशुपालक को लागत के साथ मुनाफा भी मिलना शुरू हो जाता है।

लेकिन पशुपालन के दौरान कई बार ऐसे मौके आते हैं, जब गाय-भैंस तय वक्त पर गर्भवती नहीं होती है। क्योंकि पशुपालकों को कुछ वजहों के चलते यही पता चल नहीं पाता की गाय-भैंस कब हीट में आयी है या नहीं आयी है।

एनीमल एक्सपर्ट का कहना है कि पशुपालन में अच्छा मुनाफा कमाने के लिए वक्त रहते गाय-भैंस का हीट में आना जरुरी होता है। क्योंकि जब तक भैंस हीट में नहीं आएगी तो वो गाभिन नहीं होगी।

पशुधन एक्सपर्ट के मुताबिक दो से ढाई साल की दूध न देने वाली भैंस भी उतना खाती है जितना दूध देने वाली भैंस। इसलिए भैंस का वक्त रहते हीट में आना पशुपालक के हित में बहुत जरुरी होता है।

एक्सपर्ट बताते हैं कि अगर वे चाहते हैं कि उनके पशुओं में बाँझपन की समस्या न हो तो उन्हें सबसे पहला काम यह करना है कि वो बाँझपन का इलाज कराने में देरी न करें।

बाँझपन जितना पुराना होगा तो उसके इलाज में उतनी ही परेशानी आएगी। इसलिए ये जरुरी है कि सही समय में पशुओं कि जाँच कराएं। अगर भैंस दो से ढाई साल में हीट में नहीं आती है तो ज्यादा से ज्यादा दो से तीन महीने का इंतजार करें।

अगर पशु फिर भी हीट में नहीं आती है तो फ़ौरन अपने पशु कि जाँच कराए। इसी तरह से गाय के साथ भी होता है, अगर गाय डेढ़ से दो साल में हीट में न आये तो उसे भी ज्यादा से ज्यादा दो से तीन महीने के इंतजार के बाद डॉक्टर कि सलाह लें।

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एक्सपर्ट ने कहा कि एक बार बच्चा देने के बाद भी गाय-भैंस में बाँझपन कि शिकायत आती है। इसलिए अगर गाय-भैंस एक बार बच्चा देती है तो दोबारा उसे गाभिन कराने में देरी न करें। आमतौर पर पहली ब्यात के बाद दो महीने का अंतर रखा जाता है, लेकिन कुछ पशुपालक इस अंतर को ज्यादा बढ़ा देते हैं।

लेकिन पशुपालकों को सलाह दी जाती है कि पशुपालक इस अंतर को ज्यादा न रखें, अंतर जितना ज्यादा रखा जायेगा, बाँझपन कि समस्या उतनी ही ज्यादा बढ़ने कि संभावना होती है।

इसलिए पशुपालक बाँझपन को गंभीर बीमारी न माने, छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर बांझपन जैसे समस्या को जड़ से ख़त्म किया जा सकता है। इसे ज्यादा समय तक झेलने में बाँझपन गंभीर हो सकता है।

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