गाय के शरीर का सामान्य तापमान कितना होता है : What is the Normal Body Temperature of a Cow
गाय के शरीर का सामान्य तापमान कितना होता है : What is the Normal Body Temperature of a Cow, पशुपालक को गाय, भैस तथा अन्य पालतू पशुओं के शरीर का तापमान की जानकारी रखना बहुत ही आवश्यक है. क्योकि पशुओं के शरीर का तापमान का सही नही होना या तापमान का कम या ज्यादा होना, पशुओं में रोग लगने या पशु के अस्वस्थता की ओर संकेत करता है.

गाय के शरीर का सामान्य तापमान कितना होता है : What is the Normal Body Temperature of a Cow, पशुपालक को गाय, भैस तथा अन्य पालतू पशुओं के शरीर का तापमान की जानकारी रखना बहुत ही आवश्यक है. क्योकि पशुओं के शरीर का तापमान का सही नही होना या तापमान का कम या ज्यादा होना, पशुओं में रोग लगने या पशु के अस्वस्थता की ओर संकेत करता है. पशुओं के शरीर का तापमान को ज्ञात करने के लिये पशुओं के मलद्वार या गोबर नली में थर्मामीटर डालकर गाय, भैस और अन्य पशुओं का तापमान का पता लगाया जाता है. पशुओं के शरीर का वास्तविक तापमान ज्ञात करके ही बीमार पशु का उचित उपचार किया जाता है.
जानें :- मुर्रा नस्ल के भैंस की प्रमुख विशेषता और खासियत के बारे में
एक सामान्य गाय का तापमान लगभग 38-39 डिग्री सेंटीग्रेड तक हो सकता है. यदि गाय के कान ठंडे हों तो इन्हें रक्त-संचार सम्बन्धी विकार होता है अथवा दुग्ध-ज्वर होने की संभावना भी हो सकती है. एक स्वस्थ गाय 10-30 बार प्रति मिनट की दर से सांस लेती है. अधिक तेज़ी से सांस ले तो यह उष्मीय तनाव, शारीरिक पीड़ा या बुखार का परिचायक है. गायों की टांगों को गौर से देखना चाहिए. यदि इनकी एडी के पास की जगह चोटिल अथवा छिली हुई हो तो इनके लिए फर्श पर पराली अथवा सूखा भूसा बिछाना चाहिए ताकि बैठते समय इनके खुर या पाँव में कोई तकलीफ न हो. चोट के स्थान पर ‘एन्टीसेप्टिक’ मल्हम का उपयोग करना चाहिए ताकि रोगाणु-संक्रमण को रोका जा सके. दिन भर में गाय 7-10 घंटे तक जुगाली करती है. मुंह में स्थित एक आहार गोले को यह 40-70 बार चबाती है तथा निगल जाती है. यह सिलसिला तब तक जारी रहता है जब तक रुमेन में पड़ा हुआ सम्पूर्ण चारा जुगाली द्वारा पिस कर बारीक नहीं हो जाता. यदि गाय कम समय तक जुगाली करे तो इसका अर्थ है कि इसने कम चारा खाया है जो इनके अस्वस्थ होने का प्रमाण है. पशुओं के प्रथम अमाशय को रुमेन कहा जाता है तथा यह इनके बाँई ओर स्थित होता है. यदि इनके रुमेन को 5 मिनट के अंतराल में हथेली द्वारा संकुचन परीक्षण हेतु देखा जाए तो यह 10-12 बार सिकुड़ता है. यह संकुचन एवं फैलाव दर सामान्य कही जा सकती है.
इन्हें भी देखें – भैंस की प्रमुख नस्लें ख़ासियत और पहचान कैसे करें?
जानें विस्तार से :- गाय की देशी नस्ल और उनका दूध उत्पादन क्षमता
पशुओं के शरीर का तापमान पैमाना
पशुओं का तापमान यह दर्शाता है कि पशु का शरीर गर्म है या ठंडा है. पशुओं का तापमान से पशु के स्वस्थ या अस्वस्थ होने का पता लगाया जा सकता है. पशु के बीमार या रोग के चपेट में आने पर भी पशु का सामान्य तापमान में अंतर देखा जा सकता है. इसी तारतम्य में कुछ पशुओं के तापमान की सूचि और संबंधित जानकारी दिया गया है.
पशुओं का तापमान सारणी
क्रमांक | पशु का प्रकार | तापमान डिग्री सेल्शियस (°C) | तापमान फारेनहाइट (°F) | धड़कन प्रति मिनट | श्वास प्रति मिनट |
1 | भैंस | 38.3 °C | 101.5 -103.5°F | 40-50 | 15-20 |
2 | गाय | 38.1–39.2°C | 101-103°F | 50-60 | 20-25 |
3 | बकरी | 38.5–39.7°C | 103.8°F | 70-90 | 12-30 |
4 | भेड़ | 38.3–39.9°C | 102.4°F | 70-90 | 12-30 |
5 | सूअर | 38.7–39.8°C | 102.4°F | 70-80 | 10-16 |
6 | मुर्गी | 40.6–43.0°C | 107.2°F | 128-140 | 12-28 |
7 | ऊंट | 36.3°C | 97.4°F | 32-50 | 5-12 |
8 | बिल्ली | 38.3°C | 101.4°F | 100-130 | 18-22 |
9 | कुत्ता | 37.9–39.9°C | 102°F | 70-100 | 15-25 |
10 | हाथी | 36.3°C | 97.4°F | 22-35 | 10-15 |
11 | घोड़ी | 37.3–38.2°C | 100°F | 38-45 | 8-12 |
12 | खरगोश | 39.5–40.1°C | 103.2°F | —- | —— |
13 | मनुष्य | 38.8-37°C | 98.4-98.6°F | 60-90 | 10-25 |
जानें :- विदेशी नस्ल की गायें और उनका दूध उत्पादन
पशुओं के तापमान पर मौसम का प्रभाव
वर्तमान में सर्दी का मौसम चल रहा है. यदि दुधारू पशुओं के रहन-सहन और आहार का ठीक प्रकार से प्रबंध नहीं किया तो ऐसे में उनकी तबीयत खराब हो सकती है. दूध उत्पादन में गिरावट आ सकती है. ठंड के मौसम में पशुपालक अपने पशुओं को संतुलित आहार दें. आहार में ऊर्जा, प्रोटीन, खनिज तत्व, पानी, विटामिन व वसा आदि पोषक तत्व मौजूद हो. ठंड के दिनों में पशुओं के खान-पान और दूध निकालने का समय एक ही रखना चाहिए.
पशु चिकित्सक के मुताबिक सर्दी के मौसम में अंदर व बाहर के तापमान में अंतर होता है. पशु के शरीर का सामान्य तापमान विशेष तौर से गाय-भैंस का क्रमश: 101.5 डिग्री फार्नहाइट व 98.3 से 103 डिग्री फार्नहाइट (सर्दी और गर्मी) में रहता है. पशुघर के बाहर का तापमान कभी कभी शून्य तक चला जाता है, यानी पाला तक जम जाता है. ऐसे में पशुधन को बचाने के लिए पशु का बिछावन की मोटाई, खिड़कियों पर बोरी व टाट के पर्दे आदि पर विशेष ध्यान देना चाहिए. ताकि इससे पशुओं पर शीत लहर का सीधे प्रकोप न पड़े.
ठंड में सेंधा नमक का ढेला रखें
शीतलहर में पशु की खोर के ऊपर सेंधा नमक का ढेला रखें, ताकि पशु जरूरत के अनुसार उसे चाटता रहे. सर्दी में पशुओं को सिर्फ हरा चारा खिलाने से अफारा व अपचन भी आ सकता है. ऐसे में हरे चारे के साथ सूखा चारा भी खिलाए. पशुओं को सर्दी के मौसम में गुनगुना व ताजा व स्वच्छ पानी भरपूर मात्रा में पिलाएं, क्योंकि पानी से ही दूध बनता है और सारी शारीरिक प्रक्रियाओं में पानी का अहम योगदान रहता है. इसके अलावा धूप निकलने पर पशुओं को बाहर बांधे और दिन गर्म होने पर नहलाकर सरसों के तेल की मालिश करे, जिससे पशुओं को खुश्की आदि से बचाया जा सकता है.
जानें :- गाय, भैंस में ऋतुकाल चक्र क्या है?
देखें :- दुधारू गाय, भैंस की पहचान कैसे करें?
दुधारू पशुओं को खिलाएं कपास का बिनौला
सर्दी के मौसम में दुधारू पशुओं को कपास के बिनौले अधिक मात्रा में खिलाना चाहिए. बिनौला दूध के अंदर चिकनाई की की मात्रा को बढ़ाता है. साथ ही बाजरा पशुओं को कम हजम होता है. इसलिए बाजरा किसी भी संतुलित आहार में 20 फीसदी से अधिक नहीं मिलाना चाहिए.
जाने :- खुरहा/खुरपका – मुंहपका रोग का ईलाज और लक्षण
जाने :- गलघोटू, संक्रामक रोग से पशु को कैसे बचाएं ?
प्रिय किसान भाइयों पशुओं की उपर्युक्त बीमारी, बचाव एवं उपचार प्राथमिक और न्यूनतम है. संक्रामक बिमारियों के उपचार के लिये कृपया पेशेवर चिकित्सक अथवा नजदीकी पशुचिकित्सालय में जाकर, पशुचिकित्सक से सम्पर्क करें. ऐसे ही पशुपालन, पशुपोषण और प्रबन्धन की जानकारी के लिये आप मेरे वेबसाइट pashudhankhabar.com पर हमेशा विजिट करते रहें.
जाने :- लम्पी वायरस से ग्रसित पहला पशु छत्तीसगढ़ में कहाँ मिला?
किसी भी प्रकार की त्रुटि होने पर कृपया स्वयं सुधार लेंवें अथवा मुझे निचे दिए गये मेरे फेसबुक, टेलीग्राम अथवा व्हाट्स अप ग्रुप के लिंक के माध्यम से मुझे कमेन्ट सेक्शन मे जाकर कमेन्ट कर सकते है. ऐसे ही पशुधन, कृषि और अन्य खबरों की जानकारी के लिये आप मेरे वेबसाइट pashudhankhabar.com पर विजिट करते रहें. ताकि मै आप सब को पशुधन से जूडी बेहतर जानकारी देता रहूँ.