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लू से पशुओं को बचाने के लिए क्या उपाय करें : Loo Se Pashuon Ko Bachane Ke Liye Kya Upaay Kare

लू से पशुओं को बचाने के लिए क्या उपाय करें : Loo Se Pashuon Ko Bachane Ke Liye Kya Upaay Kare , गर्मी में पशुओं को लू से बचाने के लिए करें यह उपाय नहीं तो पशुओं के दूध उत्पादन में आयेगी कमी. क्योंकि देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी का सीजन शुरू हो गया है. पशुओं में दूध का उत्पादन कम होने की सम्भावना है.

Loo Se Pashuon Ko Bachane Ke Liye Kya Upaay Kare
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वर्तमान में देश कई राज्यों में भीषण गर्मी का दौर शुरू हो गया है, गर्मी का असर इंसान के साथ-साथ मवेशियों पर भी दिखने लगा है. ऐसे में पशुओं को लू लगने का खतरा बना रहता है साथ ही अधिक तापमान का असर दूध देने वाली मवेशियों के उत्पादन पर पड़ता है जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है. ऐसे में पशुपालक को इस समय पशुओं की उचित देखभाल करनी चाहिए.

बढ़ते तापमान को देखते हुए पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा पशुओं को लू से बचने के लिए एडवायजरी भी जारी की जाने लगी है. इस सम्बन्ध में सभी पशुचिकित्सा चिकित्सा विभाग द्वारा पशुओं को लू से बचने के लिए अपने-अपने स्तर पर पशुओं की उचित प्रबंधन की सलाह दी गई है, जिसमें विभाग द्वारा गर्मियों में पशुओं के आवास प्रबंधन से लेकर पशु आहार के बारे में जानकारी दी गई है.

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गर्मियों में पशुओं को लू से बचाने के लिए क्या उपाय करें?

  • गर्मी के मौसम में पशुओं को लू से बचाने के लिए उनके आवास गृह शेड की उचित व्यवस्था करनी चाहिए.
  • दोपहर में पशुओं को छायादार वृक्षों के नीचे आराम कराना भी फायदेमंद होता है.
  • यदि तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुँच जाये तो पशुओं के आवास गृह की खिड़की, दरवाजे पर गिले परदे लगा देना चाहिए ताकि अन्दर का तापमान कम रहे.
  • दुधारू पशुओं के लिए कूलर की व्यवस्था भी की जानी चाहिए.
  • पशु आवास में स्वच्छ वायु जाने एवं दूषित वायु बाहर निकलने के लिये रोशनदान होना चाहिए.
  • गर्म दिनों में पशु को दिन में नहलाना चाहिए विशेषकर भैंसों को ठंडे पानी से नहलाना चाहिए. 
  • गर्मियों के दिनों में पशु को ठंडा पानी पर्याप्त पिलाना चाहिए. 
  • संकर नस्ल के पशु जिनको अधिक गर्मी सहन नहीं होती है उनके आवास में पंखे या कूलर लगाना चाहिए.
  • पशुओं का चराई के लिए सुबह जल्दी और शाम को देर से भेजना चाहिए. 

पशुओं को गर्मी में क्या खिलायें?

गर्मियों के मौसम में पशु के आहार में परिवर्तन करना भी जरूरी है, क्योंकि इन दिनों पशुओं को कम आहार और अधिक पानी की आवश्यकता होती है. गर्मी के मौसम में पशुओं को सूखे चारे की जगह हरे चारे की अधिक मात्रा अधिक देनी चाहिए. हरे चारे के दो लाभ हैं, एक पशु अधिक चाव से स्वादिष्ट एवं पौष्टिक चारा खाता है. दूसरा हरे चारे में 70-90 प्रतिशत तक पानी की मात्रा होती है, जो समय-समय पर पशु के शरीर में जल की पूर्ति करता है. देखा गया है कि प्राय: गर्मी में मौसम में हरे चारे का अभाव रहता है. इसलिए पशुपालक को चाहिए कि गर्मी के मौसम में हरे चारे के लिए मार्च, अप्रैल माह में मूंग, मक्का, काऊपी, बरबटी आदि की बुवाई करें जिससे गर्मी के मौसम में पशुओं को हरा चारा उपलब्ध हो सके. ऐसे पशुपालन जिनके पास सिंचित भूमि नहीं है, उन्हें समय से पहले हरी घास काटकर एवं सुखाकर तैयार कर लेना चाहिए। यह घास प्रोटीन युक्त, हल्की व पौष्टिक होती है.

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पशुओं को लू लगने पर क्या करें उपचार

यदि पशु को लू लग गई है तो इसके लिए आप ये उपाय कर सकते हैं जिससे पशु को राहत मिलेगी.

  • पशु को लू लगने पर उसे पानी से भरे गड्ढे में रखकर, उस पर ठंडे पानी का छिडक़ाव करना चाहिए.
  • पशु के शरीर पर बर्फ या ऐल्कोहॉल को रगडऩा चाहिए, इससे पशु को राहत मिलेगी.
  • पशु को प्याज और पुदीने से बना अर्क पिलाना चाहिए.  
  • पशु को ठंडे पानी में चीनी, भुने हुए जौ और नमक का मिश्रण पिलाना चाहिए। इससे भी लू से बचाव होता है. 
  • यदि इन उपयों के बाद भी पशु को आराम नहीं मिलता है तो उसे नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करके उचित उपचार करना चाहिए.

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