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बकरीपालन और बकरियों की प्रमुख नस्लें : Goat Farming and Major Breed of Goats

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बकरीपालन और बकरियों की प्रमुख नस्लें : Goat Farming and Major Breed of Goats, हमारे देश में किसानों का कृषि और पशुपालन में विशेष महत्व है. ग्रामीण इलाकों में कृषि के साथ-साथ गाय, भैंस, भेंड़, मुर्गी और बकरियों का पालन भी किया जाता है. ग्रामीण और डेयरी फार्मों में बकरी का पालन मांस, दूध और चमड़ी उत्पादन के लिये किया जाता है. प्रायः बकरियों का पालन मांस उत्पादन के लिये होता है जो कि पशुपालक के लिये आय का एक अच्छा साधन है. बकरीपालन में कम लागत एवं कम देखरेख की जरुरत के कारण छोटे किसान बकरीपालन व्यवसाय से जुड़े हुए है एवं उनकी आजीविका के लिये यह अतिरिक्त आय का साधन बना हुआ है.

ग्रामों का शहरीकरण, जनसंख्या में वृद्धि एवं प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि के कारण बकरी के मांस की मांग दिनों-दिन बढ़ती जा रही है. प्रत्येक वर्ष बकरियों की जनसंख्या में वृद्धि के बावजूद बकरी मांस की मांग बाजार में बनी हुई है. क्योंकि प्रति व्यक्ति मांस की खपत में रोजाना वृद्धि हो रही है. इस कारण से बकरियों की मांस का मूल्य प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. ऐसे में बकरीपालन की अपार संभावनाएं व्यक्त की जा रही है. बकरी का पालन उपलब्ध झाड़ियों, पेंड़ों और वृक्षों पर अच्छी तरह से पाली जा सकती है. बकरियों का पालन विपरीत वातावरण में भी अच्छी तरह से पला जा सकता है. जहाँ अन्य फसल नहीं उगाई जा सकती, वहां खेती के साथ बकरी पालन एक अतिरिक्त आय के साधन के रूप में अपनाया जा सकता है.

Goat Farming and Major Breed of Goats
Goat Farming and Major Breed of Goats

1 . जमुनापारी

प्रमुख स्थान – यह जमुनापारी नस्ल उत्तर प्रदेश के इटावा व आगरा क्षेत्र में पायी जाने वाली प्रमुख नस्ल है. वर्तमान में सभी राज्यों में बकरीपालन में रूचि रखने वाले व्यक्ति भी इसका पालन कर रहें है.

शरीरिक भार – इस नस्ल के नर बकरा का वजन लगभग 50 किलोग्राम से 60 किलोग्राम तक का होता है तथा मादा बकरी का वजन 40 किलोग्राम से 50 किलोग्राम तक होता है. जमुनापारी नस्ल की बकरे, बकरियां मांस उत्पादन की उपयुक्त नस्ल है.

शारीरिक बनावट – 1. इस नस्ल के बकरे -बकरियां आकार में बड़े होते है और कान 25 सेमी. से 30 सेमी. लम्बे होते है.

2. इनकी नाक रोमन नोज या उभरी हुई होती है.

3. इनके पिछले टांगों पर घने लम्बे बाल होते हैं.

4. इनका रंग मुख्यतः सफ़ेद, शरीर पर काले, भूरे रंग के धब्बे भी हो सकते हैं.

5. इस नस्ल के बकरियों का थन लम्बे होते है.

Black Bengal Breed in Goats
Black Bengal Breed in Goats

2. ब्लैक बंगाल

प्रमुख स्थान – यह बलैक बंगाल नस्ल पश्चिम बंगाल व असम क्षेत्र में पायी जाने वाली प्रमुख नस्ल है. वर्तमान में सभी राज्यों में बकरीपालन में रूचि रखने वाले व्यक्ति भी इसका पालन कर रहें है.

शरीरिक भार – इस नस्ल के नर बकरा का वजन लगभग 30 किलोग्राम तक का होता है तथा मादा बकरी का वजन 20 किलोग्राम से तक होता है. ब्लैक बंगाल नस्ल की बकरे, बकरियां मांस उत्पादन की उपयुक्त नस्ल है.

शारीरिक बनावट – 1. इस नस्ल के बकरे -बकरियां आकार और कद में छोटे होते है और कान भी छोटा होता है.

2. इनका नाक सामान्य होता है और कान छोटे और चपटे होते हैं.

3. इस नस्ल के बकरियों का कंधा और पिछला भाग समान ऊंचाई के होते है.

4. इनका रंग मुख्यतः काला, भूरा होता हैं.

5. इस नस्ल के बकरियों का सींग ऊपर की ओर उठे होते है.

6. ब्लैक बंगाल नस्ल के बकरियों की छाती चौड़ी होती है.

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Barbari Breed in Goats
Barbari Breed in Goats

3. बारबरी

प्रमुख स्थान – यह बारबरी नस्ल उत्तर प्रदेश और राजस्थान क्षेत्र में पायी जाने वाली प्रमुख नस्ल है. वर्तमान में सभी राज्यों में बकरीपालन में रूचि रखने वाले व्यक्ति भी इसका पालन कर रहें है.

शरीरिक भार – इस नस्ल के नर बकरा का वजन लगभग 40 किलोग्राम तक का होता है तथा मादा बकरी का वजन 30 किलोग्राम तक होता है. बारबरी नस्ल की बकरियां दूध उत्पादन की उपयुक्त नस्ल है. इस नस्ल की बकरियां 1.30 किलोग्राम से 2.00 किलोग्राम तक दूध देती है.

शारीरिक बनावट – 1. इस नस्ल के बकरे -बकरियां आकार में छोटे कद के होते है. कान और सींग भी छोटा होता है.

2. इनकी नाक सीधी होती है.

3. इनके पिछले भारी और शरीर पर छोटे-छोटे बाल होते हैं.

4. इनका रंग ज्यादातर सफ़ेद और भूरा होता हैं.

5. इस नस्ल के बकरियों का थन या अयन पूर्ण विकसित होते है.

6. यह नस्ल घर में रखकर पालने के लिये उपयुक्त नस्ल है.

Beetal Breed in Goats
Beetal Breed in Goats

4. बीटल

प्रमुख स्थान – यह नस्ल पंजाब और हरियाणा क्षेत्र में पायी जाने वाली प्रमुख नस्ल है. वर्तमान में सभी राज्यों में बकरीपालन में रूचि रखने वाले व्यक्ति भी इसका पालन कर रहें है.

शरीरिक भार – इस नस्ल के नर बकरा का वजन लगभग 50 किलोग्राम से 60 किलोग्राम तक का होता है तथा मादा बकरी का वजन 40 किलोग्राम से 50 किलोग्राम तक होता है.

शारीरिक बनावट – 1. इस नस्ल के बकरे -बकरियां आकार में बड़े होते है और कान लम्बे होते है.

2. इनकी नाक या नोज उभरी हुई होती है.

3. इनके पिछले टांगों पर घने लम्बे बाल होते हैं.

4. इनका रंग मुख्यतः काले, भूरे रंग के होते हैं तथा जमुनापारी नस्ल से मिलती जुलती नस्ल के होते है.

5. इस नस्ल के बकरियों का सींग पीछे की ओर मुड़े हुए घुमावदार होते है.

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Sirohi Breed in Goats
Sirohi Breed in Goats

5. सिरोही

प्रमुख स्थान – यह नस्ल राजस्थान के सिरोही, अजमेर, उदयपुर जिला क्षेत्र में पायी जाने वाली प्रमुख नस्ल है. वर्तमान में सभी राज्यों में बकरीपालन में रूचि रखने वाले व्यक्ति भी इसका पालन कर रहें है.

शरीरिक भार – इस नस्ल के नर बकरा का वजन लगभग 40 किलोग्राम से 50 किलोग्राम तक का होता है तथा मादा बकरी का वजन 23 किलोग्राम से 27 किलोग्राम तक होता है. सिरोही नस्ल की बकरे, बकरियां मांस उत्पादन की उपयुक्त नस्ल है.

शारीरिक बनावट – 1. इस नस्ल के बकरे -बकरियां आकार में मध्यम और शरीर गठीला होता है.

2. इनकी नाक या नोज सामान्य होता है.

3. इनके पिछले टांगें सामान्य हैं.

4. इनका रंग मुख्यतः सफ़ेद और शरीर पर गहरे काले रंग के धब्बे होते हैं.

5. इस नस्ल के बकरियों का थन सामान्य होता है.

प्रिय किसान भाइयों पशुओं की उपर्युक्त बीमारी, बचाव एवं उपचार प्राथमिक और न्यूनतम है. संक्रामक बिमारियों के उपचार के लिये कृपया पेशेवर चिकित्सक अथवा नजदीकी पशुचिकित्सालय में जाकर, पशुचिकित्सक से सम्पर्क करें. ऐसे ही पशुपालन, पशुपोषण और प्रबन्धन की जानकारी के लिये आप अपने मोबाईल फोन पर गूगल सर्च बॉक्स में जाकर सीधे मेरे वेबसाइट एड्रेस pashudhankhabar.com का नाम टाइप करके पशुधन से जुड़ी जानकारी एकत्र कर सकते है.

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