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छत्तीसगढ़ मोबाईल वेटनरी यूनिट सुविधा : Chhattisgarh Mobile Veterinary Unit Facility

छत्तीसगढ़ मोबाईल वेटनरी यूनिट सुविधा : Chhattisgarh Mobile Veterinary Unit Facility, छत्तीसगढ़ में जल्द ही एक फोन पर बीमार मवेशियों के इलाज के लिए मोबाइल वेटनरी वैन पहुंच जाएगी. मोबाइल वेटनरी वैन से पशुओं को बेहतर इलाज मिलेगा. दरअसल छत्तीसगढ़ में गौवंश के लिए मोबाइल चिकित्सा योजना की रूपरेखा तैयार हो चुकी है और जल्द शुरू होने की उम्मीद है. इस योजना के तहत 163 मोबाइल वैन सड़कों पर दौड़नी शुरू हो जाएगी. यह गाड़ियां 1962 पर कॉल करते ही मौके पर पहुंचेंगी.

Chhattisgarh Mobile Veterinary Unit Facility
Chhattisgarh Mobile Veterinary Unit Facility

छत्तीसगढ़ में मोबाइल चिकित्सा योजना के तहत घायल और बीमार पशु के उपचार के लिए मौके पर पहुंचेगी मोबाइल वेटनरी वैन. इसके अतिरिक्त घायल और बीमार पशु को वेटनरी अस्पताल और गौठानों तक पहुचाने की भी सुविधा उपलब्ध रहेगी. पशुपालकों कि सुविधा के लिए चरणबद्ध तरीके से इस योजना का विस्तार किया जायेगा. is योजना को लेकर ईटीवी भारत कि टीम ने पशु चिकित्सा विभाग के ओएसडी डा. मौसम मेहरा से खास बातचीत किया गया. तो आइये जानते है मवेशियों की चिकित्सा के लिए मोबाईल वेटनरी यूनिट कैसे काम करेगी और इस वैन में मवेशियों के लिए किस तरह की सुविधाएँ उपलब्ध रहेगी.

छत्तीसगढ़ मोबाईल वेटनरी यूनिट सुविधा क्या है?

इस योजना के बारे में पशुचिकित्सा विभाग के ओएसडी डा. मौसम मेहरा ने बताया कि छ.ग. के माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी द्वारा घोषणा किया गया था कि गौवंश मोबाइल वेटनरी योजना शुरू किया जायेगा. इसी के तहत मोबाईल वेटनरी वैन यूनिट योजना को शुरू किया जा रहा है. जिसमें नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना के तहत जिन गौठानों का संचालन किया जा रहा है, वहां पर मवेशियों कि चिकित्सा सुविधा पहुचाने का काम किया जा सके. इस योजना के तहत गौठानो में पशु नस्ल सुधार, टीकाकरण और डायग्नोस्टिक का काम भी यह वैन गौठानों में जाकर करेगी. इस योजना के तहत प्रत्येक विकास खंड में एक मोबाइल यूनिट वैन चलने कि तैयारी की जा रही है. वर्तमान में यह योजना प्रस्तावित है. 2 से 3 माह के भीतर लगभग 163 गाड़ियाँ पुरे प्रदेश में दौड़नी शुरू हो जाएगी.

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मोबाईल वेटनरी यूनिट वैन और उसके टीम

मिली जानकारी के अनुसार प्रत्येक वैन में एक वेटनरी डॉक्टर, एक पैरा बेड, ड्राईवर कम अटेंडेंट की टीम तैनात रहेंगे. इसके लिए एक निर्धारित (फिक्स) रूट रहेगा. जिस तरह से मुख्यमंत्री स्लम योजना संचालित हो रही है तथा स्वास्थ्य योजनाओं की गाड़ियाँ लोगों के घर तक पहुचती है ठीक उसी प्रकार से मोबाइल यूनिट वैन भी निर्धारित रूट से गौठानों तक पहुचेगी. एक दिन में एक गाड़ी 2 से 3 गौठानों को कवर करेगी और उस गौठान में जो भी मवेशी उपलब्ध होगी उन्हें सभी प्रकार का लाभ इस वैन द्वारा मिलेगा. इसके लिए पशुपालकों को जल्द ही डायल 1962 की सुविधा मुहैया कराया जायेगा.

वैन द्वारा दी जाने वाली सुविधा

इस वैन में एक कोल्ड केबिन होगा जिसे छोटा फ्रिज भी कह सकते है. हाथ धोने के लिए वास बेसिन और स्टेलाईजर होगा. इन सभी के सपोर्ट के लिए बैटरी के साथ इनवार्टर की भी सुविधा होगी. इस वैन में पशु चिकित्सीय दवाइयों का स्टॉक भी रहेगा. इसके आलावा मवेशियों को बांधने समेत दुसरे सामानों को रखने का स्टोरेज कि भी सुविधा होगी. वैन में डायग्नोस्टिक की सुविधा और ब्लड सैम्पल के लिए माइक्रोस्कोप की भी सुविधा उपलब्ध होगी.

Dial 1962 for Veterinary Service
Dial 1962 for Veterinary Service

163 गाड़ियाँ दौड़ेगी ब्लॉकों में

इस योजना कि शुरुवात में एक ब्लॉक में एक गाड़ी की सुविधा होगी. इस तरह प्रदेश के 163 ब्लॉक में 163 गाड़ियाँ विभिन्न गौठानो में दौड़ेगी. वर्तमान में शासन का मुख्य उद्देश्य यह है कि गौठानों में जितने भी मवेशी या जानवर आ रहें हैं उन्हें हर संभव सुविधा उपलब्ध कराया जा सके. मवेशियों की किसी भी प्रकार की दुर्घटना के लिए वैन में मौजूद डॉक्टर्स कि टीम और हॉस्पिटल उपलब्ध रहेगा. इसके लिए डायल 1962 काल सेंटर से जोड़ा जायेगा. किसी भी प्रकार की दुर्घटना या चिकित्सा के लिए डायल 1962 में फोन करने पर काल सेंटर द्वारा उस इलाके से सम्बंधित आसपास के डाक्टरों के टीम को सुचना दिया जायेगा. तब डॉक्टर्स कि टीम घटना स्थल पर तुरंत पहुंचकर शीघ्र पशुचिकित्सा की सुविधा प्रदान करेंगे. जब धीरे-धीरे गाड़ियों कि संख्या एक ब्लॉक में एक से अधिक हो जाएगी तब मोबइल वेटनरी यूनिट वैन सभी जगह पहुँच सकेगी. वर्तमान में गाड़ियों कि संख्या कम होने कि वजह से ऑन काल पहुंचना संभव नहीं हो पायेगा. क्योंकि वर्तमान में एक ब्लॉक में लगभग 150 से 200 गाँव है अतः सभी जगह पर पहुँच पाना असंभव है.

काल सेंटर में नियुक्त कर्मचारी

पशुचिकित्सा विभाग के ओएसडी डॉक्टर मौसम मेहरा ने बताया कि ” डायल 1962 के लिए एक काल सेंटर तैयार किया जायेगा. काल सेंटर 8 से 10 सीट का होगा. जिसमें 10 विभाग के एग्जीक्युटर और 2 डॉक्टर्स रहेंगे. यह काल सेंटर सप्ताह के सातों दिन खुला रहेगा तथा यह गाड़ियाँ सुबह से लेकर साम तक काम करेगी.

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