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छ.ग. बैकयार्ड कुक्कुट इकाई वितरण योजना 2023 : C.G. Backyard Poultry Unit Distribution Scheme 2023

छ.ग. बैकयार्ड कुक्कुट इकाई वितरण योजना 2023 : C.G. Backyard Poultry Unit Distribution Scheme 2023, छत्तीसगढ़ राज्य के ग्रामीण इलाकों में लोग पारम्परिक पद्धति, व्यवसायिक दृष्टि से और कुछ पालतू जानवर के रूप में मुर्गीपालन किया जाता है. छ.ग. में खासकर आदिवासी समुदाय के लोग पारम्परिक रूप से कुक्कुट या मुर्गी पालन करते है. क्योंकि छ.ग. की अधिकतर 83% जनसंख्या ग्रामीण इलाकों में निवास करती है. जिनमें राज्य में आदिवासियों की जनसंख्या लगभग 30% है. यहाँ प्राचीन समय से पाई जाने वाली मुर्गियों की प्रमुख नस्लें जैसे – असील, याकुत, चित्ता, कड़कनाथ, पीला एवं देशी आदि पाये जाते है.

C.G. Backyard Poultry Unit Distribution Scheme 2023
C.G. Backyard Poultry Unit Distribution Scheme 2023

छ.ग. के गरीब परिवार आंशिक रूप से कुक्कुट या मुर्गी पालन पर भी निर्भर रहते है. इसलिए यह आश्चर्य की बात नहीं होगा कि प्रदेश में कुल 81 लाख कुक्कुट की जनसंख्या में लगभग 30% कुक्कुट देशी घरेलु मुर्गी की संख्या है. आमतौर पर प्रत्येक आदिवासी परिवार में 5-10 मुर्गी का पालन किया जाता है. हालाकि देशी मुर्गी का वृद्धि दर धीमा होता है, परन्तु प्रदेश में देशी मुर्गियों की संख्या अधिक होने के कारण प्रदेश का 20% अंडा उत्पादन और 40% मांस उत्पादन देशी मुर्गियों से किया जाता है. देशी मुर्गियों के अंडे उत्पादन का 10-15% प्रतिशत हिस्सा अंडे को खाने के लिये उपयोग किया जाता है तथा 85-90% हिस्सा से चूजे उत्पन्न करके मांस के लिये पाला जाता है. इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि यह अप्रत्यक्ष रूप से गरीब आदिवासी परिवारों के लिये नियमित आय का एक महत्वपूर्ण साधन है.

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बैकयार्ड कुक्कुट इकाई वितरण योजना

आज आपको इस लेख के माध्यम से व्यक्तिमुलक योजना अंतर्गत बैकयार्ड कुक्कुट इकाई वितरण योजना के बारे में जानकारी दी जाएगी. जिससे कुक्कुट या मुर्गी पालन में रूचि रखने वाले पशुपालक बंधू सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना का लाभ उठा सकेंगे. प्रारंभ में बैकयार्ड कुक्कुट इकाई वितरण योजना अंतर्गत 15 दिवसीय चूजों का वितरण किया जाता था परंतु अब वर्तमान में कम से कम 28 दिवसीय चूजों का वितरण किया जाता है. बैकयार्ड कुक्कुट इकाई वितरण योजना से संबंधित प्रमुख जानकारियाँ निम्नलिखित है.

  • इस योजना के अंतर्गत 28 दिवसीय उम्र के चूजों का वितरण किया जायेगा.
  • इस योजना के अंतर्गत देशी नस्ल के चूजे कड़कनाथ, याकुत, चित्ता, पीला असील आदि किसी भी देशी नस्ल के चूजे का वितरण किया जायेगा.
  • वितरित किये जाने वाले चूजों की संख्या 45 नग होगा.
  • एक व्यक्ति के नाम पर एक ही यूनिट बैकयार्ड कुक्कुट इकाई प्रदाय होगा.

अंशदान राशि –

व्यक्तिमुलक योजना अंतर्गत बैकयार्ड कुक्कुट इकाई वितरण योजना का लाभ लेने वाले व्यक्ति को एक यूनिट (45 नग) कुक्कुट इकाई के लिये निम्नलिखित अंशदान राशि देना होगा.

  • अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को व्यक्तिमुलक योजना अंतर्गत बैकयार्ड कुक्कुट इकाई वितरण की एक यूनिट (45 नग) के लिये 350 रु. की अंशदान राशि जमा करना होगा.
  • अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के व्यक्तियों को बैकयार्ड कुक्कुट इकाई की एक यूनिट (45 नग) के लिये 700 रु. की अंशदान राशि जमा करना होगा.
  • योजना से जुड़ी अधिक जानकारी जैसे – आवश्यक दस्तावेज, आवेदन प्रक्रिया, अंशदान जमा राशि और विस्तृत जानकारी के लिये कृपया निकटतम पशुपालन विभाग, पशु चिकित्सालय, पशु औषधालय, कृत्रिम गर्भाधान केंद्र आदि में जाकर जानकारी प्राप्त करें.

आवेदन प्रक्रिया –

  • विकास खंड सीमा के निकटस्थ पशु चिकित्सा संस्था (पशु औषधालय, कृत्रिम गर्भाधान उपकेंद्र, मुख्य ग्राम इकाई, पशु चिकित्सालय, कृत्रिम गर्भाधान केंद्र, मुख्य ग्राम खण्ड) में निर्धारित प्रपत्र में किया जायेगा.
  • दस्तावेज (सत्यापित छायाप्रति) – पहचान पत्र, छ.ग. के मूल निवासी प्रमाण पत्र.

आवेदन का पंजीकरण –

  1. विकास खंड स्तरीय संस्था – पशु चिकित्सालय/कृत्रिम गर्भाधान केंद्र/मुख्य ग्राम खंड में आवेदन का पंजीकरण निर्धारित पंजी में किया जायेगा.
  2. पंजीयन में – क्रमांक/वित्तीय वर्ष/संस्था का नाम/दिनांक दर्ज होगा.
  3. विकास खंड स्तरीय संस्था में पंजीयन उपरान्त आवेदन पत्रों का परीक्षण उपरान्त सीधे विभागीय जिला कार्यालय में प्रेषित किया जायेगा.

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