पशुधन उत्पाद तथा पशुधन प्रबंधन : Livestock Products and Livestock Management
पशुधन उत्पाद तथा पशुधन प्रबंधन : Livestock Products and Livestock Management, भारतीय अर्थव्यवस्था में कमजोर वर्गों में बेरोजगारी एवं अल्प रोजगार जैसी गंभीर समस्याओं को हल करने की दृष्टि से पशुपालन का विशेष महत्व है. पशुपालन से संबंधित योजनाएँ, गरीबी हटाओ प्रोग्राम के तहत किया जा रहा है. ताकि पशुपालन के जरिये अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराकर ग्रामीण निर्धनों आर बेरोजगारों की आमदनी में इजाफ़ा की जा सके.
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पशुधन से जुड़ी महत्वपूर्ण तथ्य
- विश्व में भारत में पशुओं की जनसंख्या सबसे अधिक है और दुसरे स्थान पर चीन है.
- भारतीय अर्थव्यवस्था में पशुधन का क्षेत्र कृषि का एक महत्वपूर्ण उपक्षेत्र है. भारत की कुल कृषि एवं समबद्ध क्षेत्र में पशुधन का योगदान 2019-20 में 29.35% था.
- 2019-20 में पशुधन क्षेत्र ने कुल GDP का लगभग 4.35% योगदान दिया है.
- देश में 10 करोड़ से अधिक किसान पशुपालन और सम्बन्धित क्षेत्र से संलग्न है.
- इनके प्रमुख उत्पादों में दूध, अंडा और मांस सामिल है.
- घी में वजन के अनुपात में अधिक वसा रहता है.
- घी सामान्य तापमान में अधिक समय तक संगृहीत रह सकता है.
- भैंस के दूध में सर्वाधिक वसा पाया जाता है. क्योकि छत्तीसगढ़ में मवेशियों को प्रमुखतः धान का भूसा खिलाया जाता है.
दूध का उत्पादन
- भारत दूध उत्पादन में विश्व में प्रथम स्थान पर है, जो कि वैश्विक दूध उत्पादन का 23% योगदान देता है.
- डेयरी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 5% का योगदान करने वाली सबसे कृषि वस्तु है और 8 करोड़ से अधिक किसानों को प्रत्यक्ष रोजगार देती है.
- देश में दूध उत्पादन वर्ष 2020-21 में 209.96 मिलियन टन तक पहुँच गया है.
- दूध उत्पादन की वार्षिक वृद्धि दर लगभग 6.2% है.
- 2020-21 में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 427 ग्राम प्रतिदिन है. जबकि छत्तीसगढ़ में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 154 ग्राम प्रतिदिन मात्र है.
अंडा एवं मांस उत्पादन
- भारत विश्व में अंडा उत्पादन पर तीसरे स्थान पर है.
- भारत विश्व में मांस उत्पादन में 8 वें स्थान पर है.
- भारत में उपलब्ध मांस का तीन चौथाई भेड़ों और बकरियों से प्राप्त होता है.
ऊन का उत्पादन
- ऊन भी भारत में एक प्रमुख उत्पाद है. भारत में उन का उत्पादन साल-दर-साल घटता बढ़ता है.
- 2020-21 में ऊन का उत्पादन 3.7 करोड़ किलोग्राम रहा.
महत्वपूर्ण लिंक :- लम्पी बीमारी का विस्तारपूर्वक वर्णन.
पशुओं से संबंधित अनुसंधान संस्थान
अनुसंधान | संस्थान |
भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान | इज्जतनगर (उत्तर प्रदेश) |
राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान | करनाल (हरियाणा) |
राष्ट्रीय मधुमक्खी अनुसंधान संस्थान | पुणे (महाराष्ट्र) |
केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान | हिंसार (हरियाणा) |
केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान | मखदूम (उत्तर प्रदेश) |
केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान | अम्बिकानगर (राजस्थान) |
राष्टीय ऊँट अनुसंधान केंद्र | बीकानेर (राजस्थान) |
राष्ट्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान | चेन्नई (तमिलनाडु) |
पशुधन और उनकी नस्लें
उद्देश्य | नस्ल का नाम |
दुग्ध उत्पादक गाय | गिर (कठियावाड़, गुजरात), थारपारकर (सिंध, पाकिस्तान), रेड सिन्धी, साहीवाल (पाकिस्तान) |
कृषि उत्पादक | मालवी, निमाड़ी, बेल्लारी (कर्नाटक) |
दुग्ध उत्पादक एवं कृषि कार्य | हालिकर (महाराष्ट्र), अमृतमहल (कर्नाटक, आँध्रप्रदेश), थारपारकर (हरियाणा) |
भैंस | मुर्रा (पंजाब, हरियाणा), सुरती(गुजरात), नीली (गुजरात), भदावरी (गुजरात), जाफरावादी (कठियावाड़) |
बकरी | जमुनापारी, बरबरी, महेशाना, तोतापारी |
भेड़ | पश्मीना, अंगोरा |
20 वीं पशुसंगणना वर्ष 2019
पशु | भारत | छत्तीसगढ़ |
गौवंशीय | 1934.6 | 96.84 |
भैंसवंशीय | 1098.0 | 11.75 |
एक | 0.6 | 0 |
मिथुन | 3.9 | 0 |
भेड़ | 742.6 | 1.80 |
बकरी | 1488.8 | 4006 |
सूअर | 96.6 | 5.27 |
अन्य पशु | 8 | 0.01 |
कुल पशुधन | 5367.6 | 158.72 |
कुल कुक्कुट | 8518.1 | 187.12 |
प्रमुख स्मरणीय तथ्य
तथ्य | पशुधन |
औसतन सर्वाधिक समय तक दूध देने वाली भैंस | जाफरावादी |
सर्वाधिक वसायुक्त दूध देने वाली भैंस | भदावरी |
सर्वाधिक दूध देने वाली भैंस | मुर्रा |
देशी नस्ल में सर्वाधिक दूध देने वाली गाय | साहीवाल |
गरीबों का गाय किसे कहते हैं | बकरी |
बकरी की प्रमुख नस्लें | जमुनापारी, महेशाना, |
आकार में सबसे बड़ी बकरी | जमुनापारी |
भारत में सर्वाधिक दूध देने वाली बकरी | बरबरी |
भेड़ की प्रमुख नस्लें | पश्मीना |
सर्वाधिक पानी की प्रतिशत मात्रा वाला पशु आहार | हरा चारा |
सर्वाधिक वसा वाला दूध | भैंस का |
छ.ग. राज्य में पशुओं का मुख्यतः आहार | धान भूंसा |
वजन के अनुपात में सर्वाधिक वसा की मात्रा | घी में |
सामान्य तापमान से अधिक समय तक किसे संगृहित किया जाता है | घी |
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