राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना क्या है : What is Rashtriya Gokul Mission Scheme
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राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना क्या है : What is Rashtriya Gokul Mission Scheme, भारत सरकार देश के किसानों की आय को दुगुना करने के लिये विभिन्न प्रकार के योजनाओं का संचालन कर रही है. राष्ट्रीय गोकुल मिशन 2023 के तहत सरकार द्वारा किसानो और आर्थिक रूप से कमजोर पशुपालक परिवारों को शामिल किया गया है ताकि उन्हें दुधारू पशुओ के पालन को बढ़ावा दिया जा सके जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी. इससे घरेलू नस्ल के दुधारू पशुओं का संरक्षण और संवर्धन किया जायेगा जिससे उन्हें बढ़ावा मिलेगा. दरअसल सरकार का मुख्य उद्देश्य किसानों को अधिक से अधिक लाभ पहुँचाना, ताकि किसानों का जीवन स्तर बेहतर हो सके. इन योजनाओं के माध्यम से विभिन्न प्रकार की आर्थिक एवं सामाजिक सहायता प्रदान की जाती है. हाल ही में सरकार द्वारा राष्ट्रीय गोकुल मिशन का शुभारंभ किया गया है. इस मिशन के माध्यम से गायों के संरक्षण एवं नस्ल के विकास को वैज्ञानिक विधि से प्रोत्साहित किया जाएगा. इस लेख कि माध्यम से आपको राष्ट्रीय गोकुल मिशन 2022 से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जाएगी. आप इस लेख को पढ़कर इस योजना का उद्देश्य, लाभ, विशेषताएं, पात्रता, महत्वपूर्ण दस्तावेज, आवेदन करने के प्रक्रिया आदि से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकेंगे. तो यदि आप Rashtriya Gokul Mission का लाभ प्राप्त करने में रूचि रखते हैं तो आपसे निवेदन है कि आप हमारे इस लेख को अंत तक पढ़े.
राष्ट्रीय गोकुल मिशन 2022 क्या है?
राष्ट्रीय गोकुल मिशन को केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह द्वारा 28 जुलाई 2014 को आरंभ किया गया था. इस योजना के माध्यम से स्वदेशी गायों के संरक्षण और नस्ल के विकास को वैज्ञानिक विधि से प्रोत्साहित किया जाएगा. वर्ष 2014 में इस योजना के कार्यान्वयन के लिए 2025 करोड़ रुपए के बजट का आवंटन किया गया था. सन 2019 में इस योजना के बजट को 750 करोड़ रुपये और बढ़ा दिया गया. इस मिशन के माध्यम से स्वदेशी दुधारु पशुओं की अनुवांशिक संरचना में सुधार करने के लिए नस्ल सुधार कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. जिससे कि पशुओं की संख्या में भी वृद्धि होगी. इसके अलावा दूध उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए भी विभिन्न प्रकार के प्रयास किए जाएंगे. Rashtriya Gokul Mission 2022 के माध्यम से देश के पशुपालक किसानों की आय में वृद्धि होगी. इसके अलावा इस मिशन से माध्यम से पशुपालन को बढ़ावा दिया जाएगा. इस योजना के माध्यम से किसानों को दूध उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार करने के साथ वैज्ञानिक रुप से वृद्धि करने के विषय में भी जानकारी प्रदान की जाएगी.
राष्ट्रीय गोकुल मिशन 2022 का उद्देश्य
राष्ट्रीय गोकुल मिशन का मुख्य उद्देश्य स्वदेशी नस्ल के गौवंश तथा दुधारू पशुओं को बढ़ावा देना तथा इन पशुओं में होने वाली विभिन्न प्रकार की प्राण घातक बीमारियों से बचाना है. इसके साथ ही हमारे देश में बहुत से ऐसे किसान है, जो विदेशी नस्ल के दुधारू पशुओं का पालन करते है, परन्तु जलवायु परिवर्तन से सामंजस्य न बैठ पानें के कारण उनकी मृत्यु हो जाती है. इसके अलावा उचित संरक्षण तथा दुग्ध उत्पादन क्षमता को बढ़ाना एवं उनकी गुणवत्ता को बेहतर बनाना है. इस Rashtriya Gokul Mission के माध्यम से अनुवांशिक संरचना में सुधार करने के लिए नस्ल सुधार कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. जिससे कि दुधारु पशु की संख्या में वृद्धि हो सके. इस योजना के माध्यम से लाल सिंधी, गिर, थारपरकर और साहीवाल आदि जैसी उच्च कोटि की स्वदेशी नस्लों का उपयोग करके अन्य नस्लों की गायों का विकास किया जाएगा. किसानों के दुधारु पशुओं के लिए गुणवत्तापूर्ण कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा उनके घर पर उपलब्ध करवाई जाएगी. इसके अलावा इस मिशन के अंतर्गत अनुवांशिक योग्यता वाले सांड का वितरण किया जाएगा. इस स्कीम में राष्ट्रीय पशु प्रजनन एवं डेयरी विकास कार्यक्रम (NPBBDD) भी शामिल है. इसके अंतर्गत स्वदेशी गायों और दुधारू पशुओं के संरक्षण और नस्लों के विकास को वैज्ञानिक तरीके से प्रोत्साहित किया जा रहा है.
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राष्ट्रीय गोकुल मिशन से जुड़ी तथ्य
योजना का नाम | राष्ट्रीय गोकुल मिशन |
आरम्भ तिथि | 28 जुलाई 2014 |
लाभार्थी | पशुपालक किसान |
उद्देश्य | स्वदेशी गाय का संरक्षण और नस्ल सुधार को वैज्ञानिक तरीके से प्रोत्साहित करना |
अधिकारिक वेबसाइट | https://dahd.nic.in/ |
साल | 2022 |
आवेदन का प्रकार | ऑनलाइन/ऑफलाइन |
राष्ट्रीय गोकुल मिशन और पुरस्कार
1 . इस मिशन के अंतर्गत पुरुस्कार का प्रावधान भी रखा गया है.
2. जिससे की देश किसान पशुपालन की तरफ आकर्षित हो सके.
3. यह पुरस्कार पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा प्रदान किया जाएगा.
4. प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले नागरिक को गोपाल रतन पुरस्कार प्रदान किया जाएगा एवं तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले नागरिक को कामधेनु पुरुस्कार से सम्मानित किया जाएगा.
5. इसके अलावा स्वदेशी नस्लओ के गौजातीय पशुओं का बेहतर संरक्षण करने वाले पशुपालक को गोपाल रत्न पुरस्कार दिया जाएगा.
6. कामधेनु पुरस्कार गौशालाओं और सर्वोत्तम प्रबंधित ब्रीड सोसाइटी को दिया जाएगा.
7. इस योजना के अंतर्गत अब तक लगभग 22 गोपाल रत्न तथा 21 कामधेनु पुरुस्कार प्रदान किए जा चुके है.
राष्ट्रीय गोकुल मिशन और गोकुल ग्राम
1 . इस मिशन के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में पशु केंद्र बनाए जाएंगे.
2. इन पशु केंद्रों को गोकुल ग्राम कहा जाएगा.
3. गोकुल ग्राम के माध्यम से लगभग 1000 से अधिक पशुओं को रखने की व्यवस्था की जाएगी.
4. इन सभी पशुओं के पोषक संबंधित आवशकता को पूरा करने के उद्देश्य से उनके लिये चारे की व्यवस्था की जाएगी.
5. प्रत्येक गोकुल ग्राम में एक पशु चिकित्सालय एवं कृत्रिम गर्भाधान सेंटर की व्यवस्था भी की जाएगी.
6. गोकुल ग्राम में रहने वाले पशुओं से दूध की प्राप्ति होगी और गोबर से जैविक खाद का निर्माण किया जाएगा.
7. इस योजना के माध्यम से देश के नागरिकों के लिए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे.
राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिये वित्तीय प्रावधान
1 . शुरुवात में इस योजना के संचालन के लिए 2025 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया था.
2. वर्ष 2020 तक लगभग 1842.76 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा चुकी है.
3. इस योजना को देश के सभी राज्यों में संचालित किया जा रहा है.
4. मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार सन 2014 से लेकर सन 2020 तक इस योजना के संचालन के लिए 1842.76 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं.
राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लाभ और विशेषताएं
1 . राष्ट्रीय गोकुल मिशन को केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह द्वारा 28 जुलाई 2014 को आरंभ किया गया था.
2. इस योजना के माध्यम से स्वदेशी गायों के संरक्षण और नस्ल के विकास को वैज्ञानिक विधि से प्रोत्साहित किया जाएगा.
3 . वर्ष 2014 में इस योजना के कार्यान्वयन के लिए 2025 करोड़ रुपए के बजट का आवंटन किया गया था.
4. सन 2019 में इस योजना के बजट को 750 करोड़ रुपया से बढ़ा दिया गया.
5. इस मिशन के माध्यम से स्वदेशी दुधारु पशुओं की अनुवांशिक संरचना में सुधार करने के लिए नस्ल सुधार कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.
6. जिससे कि पशुओं की संख्या में भी वृद्धि होगी.
7. इसके अलावा दूध उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए भी विभिन्न प्रकार के प्रयास किए जाएंगे.
8. इस योजना के माध्यम से देश के पशुपालक किसानों की आय में वृद्धि होगी.
9. इसके अलावा इस मिशन से माध्यम से पशुपालन को बढ़ावा दिया जाएगा.
10. इस योजना के माध्यम से किसानों को दूध उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार करने के साथ वैज्ञानिक रुप से वृद्धि करने के विषय में भी जानकारी प्रदान की जाएगी.
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राष्ट्रीय गोकुल मिशन की पात्रता
1 . आवेदन को भारत का निवासी होना चाहिए.
2. इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक की आयु 18 वर्ष या फिर उससे ज्यादा होने चाहिए.
3. इस योजना के अंतर्गत छोटे किसान तथा पशुपालक ही आवेदन कर सकते हैं.
4. सरकारी पेंशन प्राप्त करने वाले पशुपालकों या किसानों को इस योजना का लाभ नहीं प्रदान किया जाएगा.
योजना का महत्वपूर्ण दस्तावेज
1 . निवास प्रमाण पत्र,
2. आधार कार्ड,
3. आयु का प्रमाण,
4. आय प्रमाण पत्र,
5. पासपोर्ट साइज फोटो,
6. मोबाइल नंबर,
6. ईमेल id आदि.
आवेदन प्रक्रिया
1 . सर्वप्रथम योजना की विस्तृत जानकारी के लिये पशुपालन और डेयरी विभाग में संपर्क करना होगा.
2. अब आपको वहा से आवेदन पत्र प्राप्त करना होगा.
3. इसके पश्चात आपको आवेदन पत्र में पूछी गई सभी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे कि आपका नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल id आदि दर्ज करना होगा.
4. अब आपको सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को अटैच करना होगा.
5. इसके पश्चात आपको आवेदन पत्र को पशुपालन एवं डेरी विभाग में जमा करना होगा.
6. इस प्रकार आप राष्ट्रीय गोकुल मिशन अंतर्गत आवेदन कर सकेंगे.
प्रिय किसान भाइयों पशुओं की उपर्युक्त बीमारी, बचाव एवं उपचार प्राथमिक और न्यूनतम है. संक्रामक बिमारियों के उपचार के लिये कृपया पेशेवर चिकित्सक अथवा नजदीकी पशुचिकित्सालय में जाकर, पशुचिकित्सक से सम्पर्क करें. ऐसे ही पशुपालन, पशुपोषण और प्रबन्धन की जानकारी के लिये आप अपने मोबाईल फोन पर गूगल सर्च बॉक्स में जाकर सीधे मेरे वेबसाइट एड्रेस pashudhankhabar.com का नाम टाइप करके पशुधन से जुड़ी जानकारी एकत्र कर सकते है.
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