कछुआ को खाने में क्या क्या खिलायें : What do Feed the Turtle
कछुआ को खाने में क्या क्या खिलायें : What do Feed the Turtle, कछुआ पिछले 20 मिलियन सालों से धरती पर रह रहे हैं, इसका मतलब यह है कि इन जीवों ने भी डायनासोर के साथ धरती पर कदम रखा था. जो कि सर्पों और मगरमच्छों से भी पहले भी पहले था. इसलिए वैज्ञानिक उन्हें प्राचीनतम सरीसृपों में से एक मानते है. विश्व में स्थलीय कछुओं और जलीय कछुओं की कई प्रजातियाँ है कछुआ बहुत ही करामाती पालतू जानवर होता है, इसको देखना और इसकी देखभाल करना बहुत ही रोचक और मजेदार होता है. कछुए भले ही गद्देदार नहीं होते, लेकिन वे प्यारे और आकर्षक होते है. ये पालतू जानवर के रूप में बढ़िया विकल्प होता है क्योंकि उन्हें तब तक बनाये रखना आसान है जब तक उन्हें रहने योग्य वातावरण प्रदान करते है. वर्तमान में कछुओं की कई प्रजातियाँ विलुप्त हो चुकी है लेकिन 327 प्रजातियाँ आज भी अस्तित्व में हैं. इन प्रजातियों में से किसी भी प्रजाति के कछुओं को आप अपने घर में पालतू जानवर के रूप में रख सकते हैं. कछुओं का पालन करने के लिए आपको कछुओं की देखभाल, भोजन ब्यवस्था, छिपने की जगह, विशेष प्रकाश और गर्मी तथा शिकारियों से सुरक्षा प्रदान करने की आवश्यकता पड़ती है. अपने पालतू कछुओं के लिये घर बनाते समय, इस तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित करना होता है कि कछुए ठंडे खून वाले प्राणी है और तापमान परिवर्तन के प्रति अति संवेदनशील होते हैं.

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कछुओं का वास्तुशास्त्र में महत्व
लोग अपने-अपने घरों में वास्तु शास्त्रियों के सलाह पर घर की खूबसूरती बढ़ाने के लिये कांच के बर्तनों में कछुओं को रखते हैं, वर्तमान में लोगों में यह चलन लगातार बढ़ते ही जा रहा है. इसके पीछे यह भी माना जाता है कि घरों में रखने वाले इन कछुओं के बलबूते परिवार में सुख और समृद्धि आती है साथ ही लोगों को लक्ष्मी अर्थात् धन की भी प्राप्ति होती है. मध्यप्रदेश के बैतूल जिला में एक दुर्लभ प्रजाति का कछुआ मिला, इसकी पीठ काली होने के कारण इसे ब्लैक शेड के नाम से भी जाना जाता है. अंतराष्ट्रीय बाजार में इसकी अच्छी खासी कीमत बताई जा रही है. वास्तु शास्त्र के अनुसार इस कछुए को गुडलक चार्म माना जाता है. इसे घर में रखने से सुख शांति आती है और घर में धन-दौलत की कभी कमी नहीं रहती है. जानकारों का कहना है की यह कछुआ घास खाता है, साथ ही यह पानी पर बहुत कम रहता है और जमीं पर ज्यादा चलता है. इसके एक पैर में चार नाख़ून होते है, 16 नाखूनों वाले इस अनोखे कछुए को लोग भाग्यशाली मानते है. आमतौर पर यह बहुत कम दिखाई देता है और इसे घर में रखना गैर क़ानूनी होता है. कछुओं के कुछ इसी तरह के खासियतों और भ्रांतियों के कारण दुर्लभ प्रजातियों के कछुओं की धड़ल्ले से तस्करी किया जा रहा है. आये दिन कछुओं की तस्करी का मामला न्यूज और अख़बारों में पढ़ने को मिल जाता है आखिर कछुओं की तस्करी पर भी सवाल उठता है. कुछ जानकारों का मानना है ही कछुओं की तस्करी पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के रास्ते चीन, हांगकांग, और थाईलैंड जैसे देशों में की जाति है. वहां के लोग कछुए के मांस को पसंद करते है, साथ ही इसे पौरुषवर्धक दवा के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. इन तमाम देशों में कछुए की सूप और चिप्स की जबरदस्त मांग है.

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कछुआ को क्या-क्या खिलाएं
कछुए की अलग-अलग प्रजातियों में अलग-अलग पोषण सम्बन्धी आवश्यकता होती है, इसलिए अपने पालतू कछुओं को खिलाने से पहले पशुचिकित्सक से सलाह लेना आवश्यक होता है. कुछ कछुए की प्रजाति शाकाहारी होते है जिसका अर्थ यह होता है कि वे केवल पौधे की सामग्री पर अपना भोजन करते है. कुछ कछुए मांसाहारी और शाकाहारी दोनों होते हैं इसलिए वे मांस और पेड़ पौधे इत्यादि को अपना भोजन बनाते है. आप जिस प्रकार के कछुए को पाल रहे हैं, यह सुनुश्चित करना होता है की जिस प्रकार से आप उसे भोजन दे रहें हैं क्या वह कछुए की सम्पूर्ण पोषण सम्बन्धी आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है. आप अपने नजदीकी पालतू जानवरों के स्टोर से आसानी से अपने पालतू कछुए के लिये भोजन या भोज्य सामग्री प्राप्त कर सकते हैं.

पालतू कछुए को पोषण प्रदान करने वाली अन्य वस्तुएं
फल और सब्जियां – आपको अपने पालतू कछुए के भोजन के लिये या दैनिक आहार की पूर्ति के लिये ताजी सब्जियां की आवश्यकता होती है. जब आप सब्जियों के सलेक्शन करते है तो आप हरि पत्तीदार सब्जियों के बारें में विचार करें जैसे केल्स, गाजर के टॉप्स, लेट्युस, कोलार्ड ग्रीन और पालक आदि. कछुए के लिये अन्य सब्जियों में जैसे यम, बीट, कार्न, गाजर, मटर और स्क्वैश को शामिल किया जा सकता है. इसके अलावा टमाटर, कैंटालूप, स्ट्राबेरी, केला और आम के अच्छे-अच्छे फलों को भी इन फलों के साथ कछुए के आहार में सामिल किया जा सकता है. कछुए के आहार में आप गेंदें का फुल, सिंहपर्णी, जेरेनियम और कार्नेंसन जैसे फूलों को भी शामिल कर सकते है. आप अपने कछुए को सब्जियों को खिलाने से पहले छोटे-छोटे टुकड़ों में काटना सुनिश्चित करें.
प्रोटीन – आपको आपके पालतू कछुए को प्रोटीनयुक्त पोषक आहार देना भी जरुरी होता है जिसे आप अंडें, घोंघा, मिटवर्म, किन्क्रेट, केंचुए आदि से प्राप्त कर सकते है.
वाणिज्यिक खाद्य पदार्थ – समय-समय पर आपको विशेष रूप से कछुओं के लिये बनाये गए वाणिज्यिक भोजन भी देना चाहिए क्योंकि इसमें कैल्शियम, फास्फोरस और विटामिन A भरपूर मात्रा में पाया जाता है.
प्रिय किसान भाइयों पशुओं की उपर्युक्त बीमारी, बचाव एवं उपचार प्राथमिक और न्यूनतम है. संक्रामक बिमारियों के उपचार के लिये कृपया पेशेवर चिकित्सक अथवा नजदीकी पशुचिकित्सालय में जाकर, पशुचिकित्सक से सम्पर्क करें. ऐसे ही पशुपालन, पशुपोषण और प्रबन्धन की जानकारी के लिये आप अपने मोबाईल फोन पर गूगल सर्च बॉक्स में जाकर सीधे मेरे वेबसाइट एड्रेस pashudhankhabar.com का नाम टाइप करके पशुधन से जुड़ी जानकारी एकत्र कर सकते है.
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