सांप काटने पर यह पत्ता जहर को करेगा बेअसर : Tribal People Eat these Leaves in Case of Snake Bite
सांप काटने पर यह पत्ता जहर को करेगा बेअसर : Tribal People Eat these Leaves in Case of Snake Bite, छत्तीसगढ़ एक आदिवासी बाहुल्य प्रदेश है. यहाँ बड़ी संख्या में विभिन्न प्रकार के जनजाति आदिवासी लोग जंगलों में निवास करते हैं. यहाँ जंगलों में रहने वाले आदिवासी भाई लोग सांप के काटने पर एक खास प्रकार के पौधे का पत्ते का इस्तेमाल करते हैं.
आपको बता दें कि जंगलों में निवास करने वाले हमारे आदिवासी भाईयों को वनों जंगलों में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के जड़ी-बूटी का ज्ञान होता है. जिसका वे रोग लगने पर उपचार के तौर पर इस्तेमाल करते है. आज आपको इसी तारतम्य में आदिवासियों द्वारा सांप काटने पर, जहर को बेअसर करने में इस्तेमाल किये जाने वाले एक खास प्रकार के पौधे के बारे में बताया जायेगा.
जैसे ही वर्षा ऋतु का आगमन होता है, जैसे ही प्रदेश में मानसून दस्तक देता है तो सर्प दंस के मामले बढ़ जाते हैं. प्रदेश में शहर से लेकर गाँव तक सर्प दंस की घटनाओं में कई लोगों की जान तक चली जाती है. ख़ासकर जंगलों के करीब रहने वाले आदिवासी भाई लोग ज्यादा शिकार बनते हैं. लेकिन, साँपों से बचने के लिए आदिवासी एक ऐसा प्रयोग करते हैं, जो सांप के जहर को बेअसर करने में आज भी कारगर दवाई/नुस्खा माना जाता है.
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दरअसल छत्तीसगढ़ प्रदेश एक आदिवासी बाहुल्य प्रदेश है. यहाँ बड़ी संख्या में आदिवासी लोग जंगल में निवास करते हैं. जंगलों के आसपास आदिवासी लोग सर्प दंस के मामले होने पर जंगल में मिलने वाले एक खास प्रकार के पौधे के पत्ते का इस्तेमाल करते हैं. सांप काटने पर आदिवासी लोग ईश्वर मूल के पेड़ के पत्ते का सेवन कर लेते हैं. उनका दवा है कि ऐसा करने पर 2 घंटे के अन्दर सांप का जहर बेअसर हो जाता है और खतरा टल जाता है.
जहर को बेअसर करता है यह पौधा
आपको बता दें कि झारखण्ड राज्य के पलामू की रहने वाली नीलम देवी कहते हैं कि जंगल में जाने पर अक्सर सांप, बिच्छु या किसी जहरीले जानवर के काटने का ख़तरा बना रहता है. क्योंकि जंगल में छोटे-छोटे घने पौधे पाए जाते जिससे जंगल के जहरीले जीव अक्सर दिखाई नहींह पड़ते, ऐसे में कई बार सांप काट भी लेता है तो पता देर से चलता है. मगर सांप के काटे जाने पर वे जंगल में मिलने वाले खास खास प्रकार के पौधे के पत्ते का इतेमाल करते है, इस पौधे का नाम है ईश्वर मूल. ईश्वर मूल नामक पौधे के रस में इतनी शक्ति होती है कि जहरीले से जहरीले सांप के जहर को काट सकता है.
ऐसे करते हैं पौधे का इस्तेमाल
उन्होंने आगे बताया कि सांप ही नहीं, बल्कि बिच्छु, छिपकली व अन्य जहरीले जानवर के काटने पर अगर पीड़ित पी ले तो जहर बेअसर हो जाता है. आदिवासी समाज के लोग सांप के पकड़े जाने पर जहरीले दांतों को निकालने के लिए ईश्वर मूल नामक पौधे का इस्तेमाल करते हैं. वही इसके पत्ते को पीसकर रस निकाला जाता है फिर पीड़ित को पिला दिया जाता है. कुछ ही देर में पौधे के रस का असर दिखने लगता है.
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घर में भी रखते हैं यह पौधा
झारखण्ड राज्य के पलामू की रहने वाली नीलम देवी ने आगे बताया कि जंगल में मिलने वाले ईश्वर मूल नमक इस पौधे को वो अपने घर में जरुर रखते हैं. क्योंकि की कभी भी सांप, बिच्छु या अन्य जहरीले जीव काट ले तो इसे ढूंढने में परेशानी ना हो और यथा शीघ्र उपचार हो सके. मानसून आते ही आदिवासी समुदाय के लोग इसका इस्तेमाल करने के लिए इसके पत्ते को तोड़कर पिसते हैं, जिससे इसका रस निकलता है और पीडिता को तुरंत पिला दिया जाता है. इसका रस पीने में काफ़ी कड़वा लगता है. लेकिन जहरीले से जहरीले सांप के असर को बेअसर करता है.
नोट – pashudhankhabar.com द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल/ख़बर आदिवासियों की मान्यताओं पर आधारित है. पशुधन ख़बर – इसकी पुष्टि नहीं करता है. यदि कोई भी सर्प दंश से पीड़ित होता है तो उसे यथाशीघ्र नजदीकी अस्पताल पहुँचाना चाहिए.
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