दबंग होते हैं जंगल के ये 5 मादा जानवर : These 5 Female Animals of the Forest are Domineering
दबंग होते हैं जंगल के ये 5 मादा जानवर : These 5 Female Animals of the Forest are Domineering जंगल और पानी, दोनों ही जगहों पर कुछ मादा जानवरों का वर्चस्व देखने को मिलता है. कुछ अनुभवी किलर व्हेल और शेरनी जैसी मादायें अपने बच्चों को शिकार और सामाजिकता सिखाती हैं. वे अपने इलाके का रक्षा करती हैं और झुण्ड का नेत्रित्व करती हैं. ख़तरा आने पर ये दीवार बनकर सामने आ जाती हैं.

जंगल में केवल मादा जानवरों का काम अपने बच्चों का देखभाल करना या उनके लिए शिकार का इंतजाम करना ही नहीं होता है. कुछ मादा जानवर ऐसी भी हैं, जिनकी जंगल में दबंगाई चलती है. उनके एक इशारे पर नर जानवर चुपचाप उनके पीछे-पीछे चलने लगते हैं. शिकारियों या दुसरे जानवरों से जब इनके परिवार को कोई ख़तरा महसूस होता है, तो दीवार बनकर ये सामने खड़ी हो जाती हैं. वही, झुण्ड में चलते हुए भी ये मादा जानवर ही पुरे झुण्ड को आगे बढ़कर लीड करती हैं. आइये आज आपको ऐसे ही 5 मादा जानवर के बारे में बताते है जिनकी दबंगाई का लोहा माना जाता है.
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1 . मादा किलर व्हेल
नर किलर व्हेल भले ही आकार और वजन में मादा किलर व्हेल से बड़े होते हों, लेकिन समुद्र में मादा किलर व्हेल का ही राज चलता है. मादा किलर व्हेल पानी में रहने वाले उन जन्वारोब में सबसे पुरानी है, जो अपने अनुभव के जरिये अपने परिवार को लीड करती हैं. ये छोटी किलर व्हेल को शिकार करना और समूह के बाकी सदस्यों के साथ सामाजिक सम्बन्ध बनाना सिखाती है. एक नर किलर व्हेल की लम्बाई जहन 6 से 7 मीटर, वही मादा किलर व्हेल की लम्बाई 5 से 6 मीटर तक होती हैं.
2. शेरनी
कहने को जंगल का राजा शेर होता है, लेकिन उसके परिवार में शेरनी का राज चलता है. शेरोन के कुनबे में शावकों की देखभाल और सामने पड़ने वाले शिकार का पहला वार करने की जिम्मेदारी शेरनी ही उठाती है. कुनबे के सदस्यों के जरिये शेरनी एक ऐसा ग्रुप बनाकर रखती है, जो ना केवल अपने इलाके की रक्षा करती है, बल्कि शिकार मिलने पर उस पर एक साथ धावा भी बोल देते हैं. वही, शेर का काम मुख्य तौर पर दुश्मन जानवरों से शावकों और बाकी सदस्यों की रक्षा करने का होता है.
3. मादा लकडबग्घा
लकडबग्घों के कुनबे में मादा ना केवल आकर में बड़ी होती है, बल्कि नर से कहीं ज्यादा आक्रामक भी रहती है. जंगल में चलते वक्त मादा ही लकडबग्घों के झुण्ड का नेतृत्व करती है और सारे बड़े फैसले लेती हैं. इनके कुनबे में मादा का ही राज चलता है और इसलिए इनके झुण्ड को माँतृसत्तात्मक कहा जाता है. शिकार करने के बाद उसका बंटवारा सबसे पहले कुनबे के मादाओं के बीच होता है. नर लकडबग्घे को सबसे आखिर में ही शिकार से अपना हिस्सा लेने की इजाजत होती है.
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4. मादा बोनोबो
जंगल में मादा बोनोबो बाकी जानवरों से बहुत अलग होती है. ये ना केवल अपने बच्चों के लिए मादा तलाशती है, बल्कि उनके बीच सम्बन्ध बनवाने में भी आगे रहकर मदद करती हैं. इनके कुनबे में लकडबग्घों की तरह मादा का ही राज चलता है. ये अपने बच्चों को कुनबे के भीतर सामाजिक बर्ताव की ट्रेनिंग देती हैं. शांत स्वाभाव के बोनोबो आपस में बहुत कम लड़ते हैं और अगर दो सदस्यों के बीच लड़ाई हो भी जाये, तो उसे सुलझाने में मादा की ही सबसे बड़ी भूमिका होती है.
5. हथिनी
जंगल में हमेशा हाथियों के झुण्ड का नेतृत्व परिवार की सबसे उम्रदराज हथिनी करती है. पानी और भोजन की तलाश में निकला झुण्ड हथिनी के पीछे-पीछे ही चलता है. इस दौरान खतरे का एहसास होने पर वो पुरे झुण्ड को एलर्ट भी करती है. हाथी आकर में हथिनी से बड़े भी होते हैं, लेकिन उन्हें मादा की बात माननी होती है. मादा झुण्ड में मौजूद छोटे हाथी को सामाजिक व्यवहार और दूसरी चीजें सिखाते हुए उन्हें बड़ा करती है.
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