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आधुनिक ब्रायलर मुर्गीपालन के तरीके : Modern Broiler Chicken Farming Method

आधुनिक ब्रायलर मुर्गीपालन के तरीके : Modern Broiler Chicken Farming Method, मुर्गियों में ब्रायलर मुर्गी उन नर या मादा पक्षी को कहते हैं जिनका शारीरिक वजन 6 से 8 सप्ताह की उम्र में सवा दो से ढाई किलोग्राम मात्र दाना खाकर या डेढ़ किलोग्राम या उससे अधिक हो जाता है. ब्रायलर पालन एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें थोड़ी सी पूंजी लगाकर शीघ्र अच्छा लाभ कमाया जा सकता है. किसान भाइयों के लिये यह एक अतिरिक्त आय का साधन है तथा बड़े स्तर पर करने से उद्योग की भांति मुनाफा होता है. इस कार्य को परिवार का कोई भी सदस्य जैसे बच्चे, बूढ़े एवं जवान व्यक्ति सभी कर सकते हैं. जिस किसी भी के पास समय हो ब्रायलर की देखभाल कर सकता है.

Modern Broiler Chicken Farming Method
Modern Broiler Chicken Farming Method

इस उद्योग में कम से कम अवधि के भीतर बिक्री योग्य वजन वाले वाले ब्रायलर के उत्पादन की होड़ लगी हुई है. अतः ब्रायलर मुर्गी पालक या कुक्कुट पालक को इस दौड़ में बने रहने तथा आगे बढ़ने के लिये उन सभी बांटों के प्रति चौकन्ना रहना होता है जो उत्पादन और उसकी लागत को प्रभावित करता है.

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ब्रायलर पालन के तरीके

आधुनिक समय में ब्रायलर पालन के दो तरीके होते हैं –

1 . आल-इन-आल आउट कार्यक्रम – इसके अंतर्गत 1 दिन की आयु से लेकर 6 से 8 सप्ताह तक एक ही आयु वर्ग के ब्रायलर को पाला जाता है और बिक्री योग्य होने पर उन्हें एक साथ बेच दिया जाता है. इसके बाद ब्रायलर की नई खेप लाने से पहले ब्रायलर घर की रोगाणुनाशक घर की सफाई किया जाता है.

2. बहु-आयु वर्गीय कार्यक्रम – इसके अंतर्गत एक उत्पादन अवधि में विभिन्न आयु वर्गों के ब्रायलर को एक साथ रखा जाता है. इस कार्यक्रम में कुक्कुट पालक को रोग नियंत्रक कुशल सफाई व्यवस्था व व्यवसायिक साधनों पर अधिक नजर रखनी पड़ती है. एक ब्रायलर घर में एक ही आयु वर्ग के पक्षी रखें तथा दो ब्रायलर घरों के बीच की दुरी कम से कम 40 फुट की हो.

ब्रायलर चूजे कहाँ से खरीदें ? – मुर्गी पालकों को चूजे किसी सरकारी या अन्य मान्यता प्राप्त हैचरी से ही खरीदने चाहिए जहाँ उत्तम श्रेणी के हाइब्रिड चूजे तैयार किये जाते हैं. एक दिन के अच्छे चूजे का वजन करीब 38 ग्राम होता है जो कम समय में कम दाना खाकर ज्यादा वजन बढ़ा लेते है.

चूजे के आने से पहले का प्रबंध

चूजे लाने से पहले का प्रबंध बहुत ही जरुरी है. इसके लिये मुर्गी घर की सभी दीवारें, छत, फर्श को रगड़कर साफ करें और कीटाणु नाशक फिनाइल के घोल का छिड़का कर दें. दीवार एवं जालियों पर मैलेथियाँन के घोल का स्प्रे करके सफेदी करें. जब फर्श पूरी तरह सुख जाय तब उस पर लकड़ी का बुरादा बिछा दें. 250 पक्षियों के लिये करीब 1 से डेढ़ बोरी लकड़ी का बुरादा पर्याप्त रहता है. यहाँ पर यह ध्यान रखें कि बुरादे में लकड़ी के टुकड़े न हो तथा हर नए चूजों के स्टाक के लिये नया बुरादा ही काम में लायें. बुरादे के ऊपर साफ अख़बार बिछा दें.

चूजों के आने से एक दिन पूर्व ब्रूडर चालू कर दिया जाता है. ब्रूडर के चारों ओर 2 से 2 फुट की दुरी पर डेढ़ फीट ऊँचा चिक गार्ड लगायें. चिक गार्ड को लगभग 8 से 10 दिन बाद हटा देना चाहिए. बारह वर्ग फुट के एक ब्रूडर जिसमें तीन 60 वाट के तथा दो 100 वाट के बल्ब लगें हों, उसके निचे करीब 250 चूजे आते है. ब्रूडर के निचे का तापमान करीब पहले सप्ताह में 95 डिग्री फारेनहाइट पर रखा जाता है. जिसे 5 डिग्री फारेनहाइट प्रति सप्ताह की दर से कम करते हुए 70 डिग्री फारेनहाइट तक लाया जाता है. इसके बाद ब्रूडर की आवश्यकता नहीं रहती है. तापमान को कम या ज्यादा करने के लिये कम या ज्यादा वाट के बल्ब काम में लाये जाते हैं. ब्रायलर घर का तापमान 70 डिग्री फारेनहाइट वा नमी का स्तर 60-70% रखें.

तालिका (प्रति ब्रायलर पक्षी)

आयु ( सप्ताह)फर्श स्थान (वर्ग फुट)आहार स्थान (इंच)पानी स्थान (इंच)
0-20.252.00.5
3-40.53.00.7
5-60.53.01.0
7-81-1.23-42.0

चूजों के आने के बाद का प्रबंध

चूजों के आते ही सभी डिब्बे ततुरंत खोल कर देखें कि कोई चूजा दबा तो नहीं है. चूजों को हाथ से धीरे-धीरे हिला दें और बड़े ध्यान से चूजों को ब्रूडर के निचे छोड़ें. यदि चुजें एक जगह इकट्ठे हों तो अलग-अलग कर देवें तथा तथा ब्रूडर के निचे थर्मामीटर लटका कर लीटर से 2 इंच ऊपर का तापमान नापें.

प्रथम 15 घंटों तक चूजों को चीनी का पानी ही देना चाहिए. आहार बिल्कुल नहीं देना चाहिए. प्रति साढ़े चार लीटर पानी में आधा कप चीनी मिलाकर देना चाहिए. जब चूजे सारा पानी पी लें, तब उसके तीन घंटे बाद अख़बार पर या चूजों के डिब्बो के ढक्कनों में दली हुई मक्का डालें. ध्यान रहे मक्का ज्यादा बारीक़ पीसी हुई न हों. चूजों को शुरू के दो दिन आहार में सिर्फ मक्का ही देना चाहिए, उसके बाद ही सम्पूर्ण आहार देना चाहिए. अपने निकटतम पशु चिकित्सक के सलाह से पहले 2 दिन के पानी में ग्लूकोज, विटामिन तथा एंटीबायोटिक का प्रयोग करें. 3 दिन बाद अख़बार हटा देना चाहिए और दाने वाले बर्तनों में आहार देना शुरू कर देना चाहिए. चूजों के लिये तीन फीट लम्बे व 2 इंच गहरे फीडर काम में लायें. इस प्रकार के 7 फीडर 250 चूजों के लिये पर्याप्त होता है. 15 से 20 दिन के उम्र के बाद 3 फुट लम्बे व 2 इंच गहरे फीडर काम में लाये जाते हैं. ऐसे 11 फीडर 250 पक्षियों केलिए पर्याप्त होता है. फीडर में दाना दो तिहाई से ज्यादा नहीं भरें. फीडर का किनारा पक्षी के पीठ की ऊंचाई के स्तर का होना चाहिए.

जहाँ तक पानी के बर्तनों की बात है तो 2 सप्ताह की उम्र तक के 250 चूजों के लिये 2 लीटर क्षमता वाले 5 तथा 3 से 8 सप्ताह की उम्र के पक्षियों के लिये 5 लीटर क्षमता वाले 5 पानी के बर्तनों की आवश्यकता होती है. ब्रायलर को करीब 2 से 2.5 ग्राम पानी प्रति 1 ग्राम आहार की खपत पर चाहिए होता है. पानी के बर्तनों को रोज सुबह धोना चाहिए. दो दाने के बर्तनों के बीच में एक पानी का बर्तन कुछ इस तरीके से रखे ताकि दो दाने या पानी के बर्तनों के बीच की दुरी 10 फुट से अधिक न हों.

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