मंगला पशु बीमा योजना का उद्देश्य क्या है : Mangala Pashu Bima Yojana Ka Uddeshya Kya Hai
मंगला पशु बीमा योजना का उद्देश्य क्या है । Mangala Pashu Bima Yojana Ka Uddeshya Kya Hai, पशुपालकों और किसानों को राहत देने के लिए राज्य और केंद्र सरकार तरह-तरह के योजनाओं का संचालन करते है। ठीक इसी तारतम्य में पशुपालकों के लिए मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना शुरू की गई है।

मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के तहत पशुधन को आग लगने, सड़क दुर्घटना, आकाशीय बिजली गिरने, प्राकृतिक आपदा, जहरीला घास खाने, या सर्प, कीड़ा काटने, किसी बीमारी में मृत्यु होने पर बीमा का क्लेम करने पर पशुपालक को मुआवजा मिलेगा। इस योजना के तहत यह बीमा एक वर्ष के लिए किया जायेगा।
यह पशुपालकों के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि पशुपालकों को रहत देने के लिए राजस्थान सरकार ने मुख्यमंत्री पशु बीमा योजना शुरू की है। इस योजना के तहत पशुपालकों के जीवन स्तर को सुधारने या ऊपर लाने का प्रयास किया जायेगा। इसमें आवेदन करने की अंतिम तिथि 12 जनवरी 2025 है, योजना के तहत 21 लाख पशुओं का बीमा किया जायेगा।
पशुओं की टैगिंग बीमा के लिए अनिवार्य है
राजस्थान पशुपालन विभाग के अनुसार मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के तहत लाभ लेने के लिए जनाधार कार्ड धारक पशुपालक पात्र होंगे। इसके लिए पशुपालकों को बीमा विभाग के एप्प पर आवेदन करना होगा। इसके अलावा अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए 16 प्रतिशत और 12 प्रतिशत आरक्षण का भी प्रावधन है। बीमा के लिए पशुओं की टैगिंग अनिवार्य की गई है।
निःशुल्क बीमा कराने से मिलेगी राहत
पशुपालन विभाग के अनुसार इस योजना में चयनित पशुपालक के अधिकतम 2 गाय और भैंस, 10 बकरी, 10 भेड़, 1 ऊंट का निःशुल्क बीमा किया जायेगा। इसके अलावा किसी अन्य योजना में बीमित पशुओं का, इस योजना के तहत बीमा नहीं होगा।
पशुपालन विभाग के अनुसार मुख्यमंत्री मंगल पशु बीमा योजना के तहत अपने पशुधन का बीमा कराने वाले इच्छुक जनाधार कार्ड धारक पशुपालक अपना ऑनलाइन पंजीकरण मोबाइल एप्प MMPBY या https://mmpby.rajsathan.gov.in पोर्टल पर स्वयं अथवा ई-मित्र के माध्यम से कर सकते हैं।
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पोर्टल खुद ही हो जायेगा बंद
आपको बता दें की पशुधन बीमा के लिए निर्धारित संख्या से अधिक पशुपालकों की पंजीकरण होने की स्थिति में नियत तिथि तक ऑनलाइन पंजीकृत पशुपालकों का लॉटरी सिस्टम से चयन किया जायेगा।
योजना के तहत लॉटरी में चयनित पात्र एवं योग्य पशुपालक के पशुधन का ही बीमा किया जा सकेगा। ऑनलाइन पंजीकरण की तिथि पूरी होते ही पोर्टल खुद बंद हो जायेगा।
प्राकृतिक और आकस्मिक दुर्घटना से मौत पर मिलेगा क्लेम
इस योजना के तहत किसी भी प्राकृतिक या आकस्मिक दुर्घटना आग लगने, सड़क दुर्घटना, आकाशीय बिजली गिरने, प्राकृतिक आपदा, जहरीला घास खाने या सर्प, कीड़ा काटने, किसी बीमारी में मृत्यु होने पर बीमा क्लेम मिलेगा। बीमा एक वर्ष की अवधि के लिए किया जायेगा। पशुपालक को इसके लिए कोई प्रीमियम नहीं देना होगा।
बीमा राशि का निर्धारण पशु की नस्ल, उम्र, व् दुग्ध उत्पादन क्षमता के आधार पर किया जायेगा। इसके तहत गाय की उम्र 3 से 12 वर्ष और भैंस की उम्र 1 से 6 वर्ष जबकि ऊंट की उम्र 2 से 15 वर्ष होनी चाहिए।
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