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कृत्रिम गर्भाधान में बायोसिक्योरिटी का महत्व क्या है : Kritrim Garbhadhan Ke Liye Bio security Kya Hai

कृत्रिम गर्भाधान में बायोसिक्योरिटी का महत्व क्या है : Kritrim Garbhadhan Ke Liye Bio security Kya Hai, कृत्रिम गर्भाधान करते समय बायोसिक्योरिटी का पालन करना भी बहुत आवश्यक है. क्योंकि बायोसिक्योरिटी स्वस्थ पशुओं में रोग संवहन का कारक भी हो सकता है.

Kritrim Garbhadhan Ke Liye Bio security Kya Hai
Kritrim Garbhadhan Ke Liye Bio security Kya Hai

इनमें बहुत से रोग कृत्रिम गर्भाधान करते समय भी फ़ैल सकता है जैसे कि एफ.एम.डी., आई.बी.आर., बी.व्ही.डी. कम्पाईलोबैक्टीरियोसिस, गायों की टी.बी., ब्रुसेलोसिस. ट्रायकोमोनियासिस इत्यादि.

पशुओं में उपर्युक्त प्रकार के रोग कृत्रिम गर्भाधान के दौरान दूषित वीर्य तथा कृत्रिम गर्भाधान के समय बायोसिक्योरिटी नियमों का पालन नहीं करने से रोगी पशुओं से स्वस्थ पशुओं में फैलता है. यदि कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता सही तरीका से बायोसिक्योरिटी के मानदंडों का पालन नही करे तो यह पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान प्रतिशत को भी प्रभावित करता है.

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इनमें अग्रलिखित रोगों में से कुछ रोग पशुओं से मनुष्यों में भी फ़ैल सकता है. अतः बायोसिक्योरिटी मानदंडों का पालन कृत्रिम गर्भाधान की सफलता तथा कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है.

कृत्रिम गर्भाधान के लिए बायोसिक्योरिटी का सामान्य मानदंड

  • पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान करने वाले स्थान साफ-सुथरा होनी चाहिए.
  • डेयरी फार्म पर कार्य करने वालों को फार्म में प्रवेश करने से पहले स्नान करके साफ़ सुथरा कपड़े पहन लेना चाहिए.
  • डेयरी फार्म में काम करने वाले मजदूरों के कपड़े की नियमित धुलाई की जानी चाहिए, ताकि बीमारी के प्रसार को रोका जा सके.
  • पशुपालक द्वारा डेयरी फार्मों में काम करने वाले मजदूरों और अधिकारिओं की टीबी. जैसे संक्रामक बीमारी की नियमित जाँच करानी चाहिए.
  • फार्मों में काम करने वाले मजदूरों या दूध निकालने वाले ब्यक्ति की ब्याक्तिगत स्वच्छता जैसे नाख़ून, बाल, स्वास्थ्य आई की नियमित जाँच होनी चाहिए.
  • डेयरी फार्मों में किसी भी आगंतुकों का सीधा प्रवेश वर्जित होना चाहिए. आवश्यकता अनुसार आगंतुकों को डेयरी फार्म में प्रवेश करने से पहले उनके हाथों और जूतों को कीटनाशक घोल से साफ़ करना चाहिए या पोलीथिन बूट कवर का उपयोग कराना चाहिए.
  • डेयरी फार्मों के लिए नये जानवर केवल विश्वशनीय स्थानों या स्रोतों से ही खरीदनी चाहिए.
  • सभी नये जानवर को डेयरी फार्म में प्रवेश देने से पहले संगरोधक स्टेशनों में 21 दिनों के लिए रखनी चाहिए.
  • पशुओं के संगरोधक अवधि में नये जानवरों विभिन्न प्रकार के बिमारियों के लिए जाँच करवानी चाहिए. इनमें जैसे टी.बी., जे.डी., ब्रुसेलोसिस, आई.बी.आर., कम्पाईलोबैक्टीरियोसिस, ट्रायकोमोनियासिस इत्यादि.
  • कृत्रिम गर्भाधान के लिए अच्छे से साफ ब्रीडिंग कीट का उपयोग करना चाहिए.
  • कृत्रिम गर्भाधान से पहले हमेशा एपरान और ग्लोब्स पहनना चाहिए तथा प्रत्येक गर्भाधान के लिए नये ग्लोब्स का उपयोग करना चाहिए.
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कृत्रिम गर्भाधान वीर्य के लिए आवश्यक सावधानियाँ

  • कृत्रिम गर्भाधान करते समय लिक्विड नाइट्रोजन पात्र या BA-3 ऐसी जगह पर रखें जहाँ आसपास के वातावरण शुद्ध, साफ, धूलमुक्त, धुपमुक्त तथा वायुसंचार उपयुक्त हो.
  • कृत्रिम गर्भाधान के लिए प्रयुक्त AI गन, कैंची इत्यादि को उपयोग के तुरंत बाद गरम पानी या साफ़ पानी से धोना चाहिए.
  • पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान के लिए प्रयुक्त AI गन, कैंची और अन्य दुसरे उपकरणों को हप्ते में एक बार गर्म पानी से उबालकर हवा में सुखाना चाहिए.
  • कृत्रिम गर्भाधान करने से पहले गर्भाधान कार्यकर्ता को सर्वप्रथम डेटोल, साबुन या एंटीसेप्टिक लिक्विड से हाथ धो लेने चाहिए.
  • वीर्य को थाविंग करने से पहले प्लास्टिक ग्लोब्स, AI गन, कैंची या स्ट्रा कटर, चिमटी, टिशू पेपर और साफ़ तौलिया की ब्यवस्था कर लेवें.
  • हमेशा सीमेन स्ट्रा को BA-3 या LN2 पात्र से चिमटी की मदद से निकालें.
  • वीर्य के स्ट्रा को हमेशा साफ तौलिये से पोंछ कर उपयोग में लावें.

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