कृषि और पशुपालनजैव विविधतापशुधन की योजनायेंपशुधन संसारपशुपालन से आर्थिक लाभपालतू जानवरों की देखभालविश्व खबर

गाय के गोबर से टाइल्स का बिजनेस कैसे शुरू करें : How to Start Tile Business with Cow Dung

गाय के गोबर से टाइल्स का बिजनेस कैसे शुरू करें : How to Start Tile Business with Cow Dung, गाय के गोबर का इस्तेमाल मौजूदा समय में कई कामों में किया जा रहा है. इनमें मुख्य रूप से घर की सजावट की वस्तुएं और उत्पाद बनाने में गाय का गोबर का उपयोग किया जा रहा है. इसमें देशी गाय के गोबर के उपयोग को वैज्ञानिक प्रमाण मिल चूका है. अब देशी गाय के गोबर से कंडे, लकड़ी, हवन-सामग्री, धुप, खाद, गुलाल, मूर्तियाँ, गमले और टाइल्स जैसे अलग-अलग सामग्रियां बनाई जा रही है. इसके साथ ही गोबर की चप्पल, सूटकेश, घड़ियाँ और पेंटिंग्स की वस्तुएं भी शामिल है. अंततः गाय के गोबर से कई तरह के उत्पाद तैयार किये जा रहे है. गोबर का इस्तेमाल आपने खाद के तौर पर तो किया ही होगा. मगर वर्तमान में बढ़ती तकनीक के साथ गाय के गोबर से निर्मित कई प्रकार के उत्पाद बनाये जा रहे है. इसी कड़ी में हम आपको आज गाय के गोबर से टाइल्स बनाने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देंगें.

How to Start Tile Business with Cow Dung
How to Start Tile Business with Cow Dung

गाय के गोबर से निर्मित टाइल्स के फायदे

1 . गाय की गोबर से बनने वाली टाइल्स बहुत की खुबसूरत और मनमोहक दिखाई देती है.

2. गाय के गोबर से बनी टाइल्स से कमरे का तापमान 6 डिग्री से 8 डिग्री तक कम हो जाता है.

3. यह व्यवसाय को ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में आसानी से और कम लागत में शुरू किया जा सकता है.

4. गाय के गोबर से निर्मित टाइल्स का प्रयोग करके घर बनाकर भी लोग शहरों में भी गाँव जैसे मिट्टी से बने घरों का आनंद उठा सकते है.

5. गाय का गोबर घरों के साथ-साथ वातावरण को शुद्ध करके प्रदुषण को कम करता है. यही वजह है की आज भी गावों में घर, आंगन, गली की पुताई देशी गाय की शुद्ध गोबर से की जाति है.

गाय की गोबर से टाइल्स बनाने के लिये आवश्यक सामग्री

1 . गाय के गोबर का सुखा चुरा/चूर्ण.

2. नीलगिरी के पत्ते

3. चुना पाउडर

4. लकड़ी का बुरादा

5. चन्दन पाउडर

6. कमल के पत्ते

गाय के गोबर से टाइल्स बनाने की प्रक्रिया

1 . सबसे पहले गाय के गोबर को 2-3 दिनों तक धुप में अच्छी तरह से सुखा लें.

2. सुखे हुए गोबर को मशीन की सहायता से अच्छी तरह चुरा/चूर्ण बना लें.

3. चुरा तैयार होने के बाद अब इसमें नीलगिरी के पत्ते, कमल के पत्ते, चुना और चन्दन पाउडर को अच्छी तरह से मिला लें.

4. अच्छी तरह से मिश्रण करके पेस्ट तैयार कर लेवें.

5. अब इस पेस्ट को अलग-अलग टाइल्स या ईंट बनाने वाली सांचे में दाल दें.

6. अब आपका टाइल्स या ईंट बनकर तैयार हो जाता है.

गोबर से टाइल्स बिजनेस शुरू करने में लागत

गोबर से टाइल्स बनाने की बिजनेस की शुरुवात करने के लिये टाइल्स बनाने वाली मशीन की आपको जरुरत पड़ेगी. इसके लिये आपको 50 हजार से 1 लाख रूपये तक की लागत लग सक्ती है. इसके बाद बाजार मांग की हिसाब से आप अपनी आमदनी को दुगुना कर सकते है.

प्रिय किसान भाइयों पशुओं की उपर्युक्त बीमारी, बचाव एवं उपचार प्राथमिक और न्यूनतम है. संक्रामक बिमारियों के उपचार के लिये कृपया पेशेवर चिकित्सक अथवा नजदीकी पशुचिकित्सालय में जाकर, पशुचिकित्सक से सम्पर्क करें. ऐसे ही पशुपालन, पशुपोषण और प्रबन्धन की जानकारी के लिये आप अपने मोबाईल फोन पर गूगल सर्च बॉक्स में जाकर सीधे मेरे वेबसाइट एड्रेस pashudhankhabar.com का नाम टाइप करके पशुधन से जुड़ी जानकारी एकत्र कर सकते है.

जाने :- लम्पी वायरस से ग्रसित पहला पशु छत्तीसगढ़ में कहाँ मिला?

किसी भी प्रकार की त्रुटि होने पर कृपया स्वयं सुधार लेंवें अथवा मुझे निचे दिए गये मेरे फेसबुक, टेलीग्राम अथवा व्हाट्स अप ग्रुप के लिंक के माध्यम से मुझे कमेन्ट सेक्शन मे जाकर कमेन्ट कर सकते है. ऐसे ही पशुधन, कृषि और अन्य खबरों की जानकारी के लिये आप मेरे वेबसाइट pashudhankhabar.com पर विजिट करते रहें. ताकि मै आप सब को पशुधन से जूडी बेहतर जानकारी देता रहूँ.

पशुधन खबरपशुधन रोग
इन्हें भी पढ़ें :- बटेर पालन बिजनेस कैसे शुरू करें? जापानी बटेर पालन से कैसे लाखों कमायें?
इन्हें भी पढ़ें :- कड़कनाथ मुर्गीपालन करके लाखों कैसे कमायें?
इन्हें भी पढ़ें :- मछलीपालन व्यवसाय की सम्पूर्ण जानकारी.
इन्हें भी पढ़ें :- सायलेज क्या है? पशुओं को सायलेज खिलाकर दूध उत्पादन कैसे बढ़ाएं?
इन्हें भी पढ़ें :- गोधन न्याय योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इन्हें भी पढ़ें :- नेपियर घास बाड़ी या बंजर जमीन पर कैसे उगायें?
इन्हें भी पढ़ें :- बरसीम चारे की खेती कैसे करें? बरसीम चारा खिलाकर पशुओं का उत्पादन कैसे बढ़ायें?
इन्हें भी देखें :- दूध दोहन की वैज्ञानिक विधि क्या है? दूध की दोहन करते समय कौन सी सावधानी बरतें?
इन्हें भी पढ़े :- मिल्किंग मशीन क्या है? इससे स्वच्छ दूध कैसे निकाला जाता है.
इन्हें भी पढ़े :- पशुओं के आहार में पोषक तत्वों का पाचन कैसे होता है?
इन्हें भी पढ़ें :- पशुओं में अच्छे उत्पादन के लिये आहार में क्या-क्या खिलाएं?
इन्हें भी पढ़ें :- पशुओं में रासायनिक विधि से गर्भ परीक्षण कैसे करें?
इन्हें भी पढ़ें :- पशुशेड निर्माण करने की वैज्ञानिक विधि
इन्हें भी पढ़ें :- दुधारू पशुओं में किटोसिस बीमारी और उसके लक्षण
इन्हें भी पढ़ें :- बकरीपालन और बकरियों में होने वाले मुख्य रोग.
इन्हें भी पढ़ें :- नवजात बछड़ों कोलायबैसीलोसिस रोग क्या है?
इन्हें भी पढ़ें :- मुर्गियों को रोंगों से कैसे करें बचाव?
इन्हें भी पढ़ें :- गाय, भैंस के जेर या आंवर फंसने पर कैसे करें उपचार?
इन्हें भी पढ़ें :- गाय और भैंसों में रिपीट ब्रीडिंग का उपचार.
इन्हें भी पढ़ें :- जुगाली करने वाले पशुओं के पेट में पाचन क्रिया