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बकरियों में मुंह के छालों का घरेलु उपचार : Home Remedies for Mouth Ulcers in Goats

बकरियों में मुंह के छालों का घरेलु उपचार : Home Remedies for Mouth Ulcers in Goats, यह एक संक्रामक बीमारी अक्षिमा है जिसे आमतौर पर बकरियों में मुंह के छाले और इंग्लिश में इसे (Contagious ecthyma, Sore Mouth) भी कहा जाता है. यह संक्रामक बीमारी बकरियों में बरसात के मौसम में होने वाली संक्रामक बीमारी है. इस बीमारी को Genetic disease- transferable from animal to animal and animal human के श्रेणी में रखा गया है. बकरियों की एक ऐसे ही बीमारी पीपीआर (पेस्ट डेस पेटिट्स रूमिनेंट्स), इसे बकरियों की महामारी या बकरी प्लेग भी कहा जाता है. इस बीमारी से बकरियों और भेड़ में बुखार, मुंह में घाव, दस्त, निमोनिया और बकरियों की मौत तक हो जाती है. आज आप इस पोस्ट के माध्यम से बकरियो को होने वाली बकरियो के मुंह पर छाले क्यो आते है इसका उपाय क्या है? किस तरह इस संक्रामक बीमारी से बकरियो दूर रखा जाता है इसके बारे में आप जानकारी प्राप्त कर सकेंगे.

Home Remedies for Mouth Ulcers in Goats
Home Remedies for Mouth Ulcers in Goats

बकरियों में होने वाले मुंह के छाले क्या हैं?

बकरियों में होने वाली मुंह के छाले (Sore Mouth) बकरियो की होने वाली एक संक्रामक, वायरल बीमारी है जो होंठ और मसूड़ों पर मोटी, खुजलीदार घावों का उत्पादन करती है और बकरियो के स्तन और अन्य भागों पर भी देखी जा सकती है. मुंह के छाले आमतौर पर एक से चार सप्ताह तक दिखाई देते है. मुंह के छाले (Sore Mouth) का उपचार बहुत ही आसान है. मलहम और स्वादिष्ट चारा साथही घरेलू उपचार भी इस बिमारी को बकरियो को राहत दे सकते है.

बकरियों में मुंह (होंठों) के छालों से होने वाली परेशानी

बरसात के मौसम में विश्व की सभी बकरियों के मुंह (होंठों) पर छाले दिखते है. जिसे कई अलग अलग नामों से जाना जाता है, जिसमें orf, scabby mouth and contagious pustular dermatitis भी शामिल है. दुनिया भर में बकरियों में मुंह के छाले आम है और होठों और मसूड़ों पर दर्दनाक, मोटे खुजली वाले घाव होते हैं. ये बकरियों के मुंह के छालो का संक्रमण आमतौर पर एक से चार सप्ताह के बाद बिना दागे पूरी तरह से ठीक भी हो जाती हैं. हालांकि, गंभीर मामलों में ये छाले ज्यादा दिन तक भी रहते है. बकरियो के मुंह के छालों का सीधा असर बकरियो के शरीर पर दिखाई देता है क्यो की इन छालो की वजह से बकरियो को चारा पानी खाने में परेशानी होती है. जिस कारण बकरियों के वजन भी इस दौरान कम हो जाता है. बकरियो को होने वाले मुंह में छाले मुंह तक ही सीमित नहीं रहते. जैसे कि मैंने पहले बताया ये एक संक्रामक बीमारी है, अगर बकरी को मुंह के छाले (Sore Mouth) की समस्या है तो और यदि बकरी को दूध पीता बच्चा है तो वह भी Sore Mouth से ग्रसित हो सकता है औऱ इस हालत में अगर बच्चा बकरियो का दूध पीता है तो मुंह के घावों के साथ बकरियो का थन चूसने के दौरान ये संक्रमण बकरियो के थन को संक्रमित करता है और बकरियो में mastitis (स्तनदाह) की समस्या भी हो सकती है.

बकरियों के मुंह (होंठों) के छाले का असर

बकरियों के मुंह (होंठ) के छाले न ही सिर्फ मुंह तक सिमित होते हैं, बल्कि बकरियों के होंठ और मसूड़े अधिक प्रभावित होते है, लेकिन चेहरे, कान, कोरोनरी बैंड, अंडकोष, थन, योनी, गर्दन, छाती और पेट पर भी असर दिखाई पड़ता है.

क्या यह बीमारी इंसानों में भी फ़ैल सकता है?

जैसा की ऊपर बताया गया है कि यह बीमारी बकरियों में orf Virus के प्रादुर्भाव से होती है. हालाकि यह बीमारी संक्रामक होती है मगर इस बीमारी का प्रभाव मुख्य रूप से भेड़ और बकरियों को संक्रमित करता है. वैज्ञानिकों का कहना है की यह बीमारी इंसानों में भी फ़ैल सकता है. भेड़ बकरियों में ओर्फ़ वायरस Sore Mouth के संक्रमण को पर भेड़, बकरियों के होंठों पर घाव के रूप में जाना जाता है. लेकिन अगर इंसान इस बीमारी से संक्रमित हुआ हो तो आमतौर पर अपने पर अल्सरेटिव घाव अथवा पिंड विकसित हो सकता है.

बकरियों के मुंह के छालों का उपचार

बकरियों में Sore Mouth की बीमारी के लिये कोई कारगर दवा विकसित नहीं हुआ है अर्थात इस बीमारी के लिये कोई विशिष्ट दवा या टीका नहीं लगाया जता है. इस बीमारी में कोई एंटीबायोटिक भी कम नहीं करता क्योंकि यह एक वायरस है.

दोस्तों जैसा की आपको बताया गया है की मुंह के छालों की समस्या दुनिया भर में पाये जाने वाले सभी बकरियों में पायी जाती है. और इसका मुख्य कारण Orf Virus है. Orf Virus, Poxvirus परिवार का वायरस है. इस बीमारी में ज्यादा घबराने की जरुरत नहीं है, जैसे यह बीमारी दिखती उतनी खतरनाक नहीं होती है. Sore Mouth का सीधा-साधा ईलाज कोई भी वेटनरी एंटीबायोटिक मरहम बकरियों के जख्म में लगाने से यह बीमारी ठीक हो जाती है.

बकरियों के मुंह के छालों का घरेलु ईलाज

1 . पीसी हुई साफ़ हल्दी और नारियल का तेल को मलहम बनाकर दिन में दो बार लगाने से बीमारी धीरे-धीरे ठीक हो जाता है.

2. नारियल का तेल और बोरिक पाउडर का पेस्ट लगाकर भी इस बीमारी का ईलाज किया जा सकता है.

3. एलोवेरा का गुदा वाला भाग निकालकर बकरियों के मुंह के घाव में लगाने से भी शीघ्र आराम मिलता है.

प्रिय किसान भाइयों पशुओं की उपर्युक्त बीमारी, बचाव एवं उपचार प्राथमिक और न्यूनतम है. संक्रामक बिमारियों के उपचार के लिये कृपया पेशेवर चिकित्सक अथवा नजदीकी पशुचिकित्सालय में जाकर, पशुचिकित्सक से सम्पर्क करें. ऐसे ही पशुपालन, पशुपोषण और प्रबन्धन की जानकारी के लिये आप अपने मोबाईल फोन पर गूगल सर्च बॉक्स में जाकर सीधे मेरे वेबसाइट एड्रेस pashudhankhabar.com का नाम टाइप करके पशुधन से जुड़ी जानकारी एकत्र कर सकते है.

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