गीर नस्ल के गाय पालन के क्या फ़ायदे हैं । Gir Nasl Ke Gaay Palan Ke Kya Fayde Hain
गीर नस्ल के गाय पालन के क्या फायदे हैं । Gir Nasl Ke Gaay Palan Ke Kya Fayde Hain , भारत एक कृषि प्रधान देश है, यहां के किसान पारम्परिक रूप से कृषि के साथ-साथ पशुपालन में गाय, भैंस, भेड़, बकरी आदि का पालन करते हैं। वर्तमान समय में पशुपालन बेरोजगारों के लिए रोजगार के सुनहरे अवसर के रूप में उभरा है।
आज हम बात करेंगे यदि आप डेयरी फार्मिंग व्यवसाय से जुड़े है या जुड़ना चाहते है तो आप कौन से नस्ल की गाय-भैंस का पालन करेंगे जिससे आपको अधिक से अधिक मुनाफा हो। पिछले कुछ समय से डेयरी फार्मिंग की और लोगों की रुझान बढ़ते जा रहा है , ऐसे में पशुपालन से जुडी कुछ बातों का ज्ञान होना बहुत ही आवश्यक है।
डेयरी फार्मिंग की सफलता गाय-भैंस की अच्छी नस्ल, पोषण प्रबंधन आदि पर निर्भर है ऐसे में आज आपको एक ऐसी नस्ल के बारे में बताने जा रहे है जो कि 50 से 80 लीटर तक दूध देती है , इस नस्ल कि गाय को खूंटा ठोंककर इसका पालन करने से आपको कभी भी नुकसान नहीं होगा और यह काम समय में ही आपको मालामाल बना देगी।
आदर्श डेयरी फार्मिंग | पशुधन योजनायें |
पशुधन ख़बर | बकरीपालन |
जैसा कि हम जानते कि भारत एक कृषि प्रधान देश है, यहां कि अर्थव्यवस्था कृषि, पशुपालन और इससे जुडी व्यवसाय पर निर्भर है। यहां के लोग पारम्परिक रूप से भैंसों और बकरियों के साथ गायों को भी पालते हैं। पिछले कुछ समय में डेयरी फार्मिंग और पशुपालन का व्यवसाय तेजी से बढ़ रहा है।
यह बताना जरुरी है कि यह ग्रामीण क्षेत्रों के लाखों लोगों के लिए आय का एक अच्छा साधन है। हमारे देश गीर नाम की एक विशेष नस्ल पायी जाती है जो एक दिन में लगभग 50 से 80 लीटर तक दूध देती है। डेयरी फार्मर इसकी मदद अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं।
गीर नस्ल की गाय के दूध के फायदे
गीर नस्ल के गाय की दूध में कई पोषक तत्व मौजूद होते है। गाय के इस नस्ल का दूध किसी भी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को दिया जाये तो उसके स्वाथ्य में बहुत तेजी से सुधार आता है। गिर गाय को खिलाये जाने वाले आहार की मात्रा और गुणवत्ता, दूध की मात्रा और गुणवत्ता को प्रभावित करता है।
गिर नस्ल के गाय का दूध छोटे बच्चों के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत ही फायदेमंद होता है। आप भी इस गाय को पालकर अपना डेयरी फार्मिंग का व्यवसाय को बढ़ा सकते हैं और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
मत्स्य (मछली) पालन | पालतू डॉग की देखभाल |
पशुओं का टीकाकरण | जानवरों से जुड़ी रोचक तथ्य |
गीर गाय की पहचान क्या है?
- अब हम बात करते हैं गीर गाय की पहचान की। गिर गाय के कान लम्बे और बड़े होते हैं।
- गिर नस्ल की गाय सफ़ेद, गहरे लाल रंग की या गहरे लाल रंग के साथ भूरे रंग के धब्बो वाली होती है।
- इस गाय की त्वचा लटकी हुई होती है।
- गीर नस्ल की मादा गाय का वजन लगभग 385 किलोग्राम और ऊंचाई 130 सेंटीमीटर तक होती है।
- गीर नस्ल के नर गाय का वजन लगभग 545 किलोग्राम और ऊंचाई 135 सेंटीमीटर तक होता है।
- गीर गाय में एक दिन में कई लीटर दूध देने की क्षमता होती है।
- आपको बता दें कि गीर नस्ल की गाय को तेज धूप में रहना पसंद नहीं होता है।
गीर गाय का आहार प्रबंधन
जैसा कि बताया गया है, गीरगाय की दूध की मात्रा और गुणवत्ता उसके आहार पर निर्भर करता है। गिर नस्ल की गाय चारा के रूप में मक्का, बाजरा, गेहूं, जौ, चावल, मूंगफली, सरसों तिल, अलसी, मक्के से तैयार खुंट,गवार पाउडर आदि का सेवन करती है।
इन्हें भी पढ़ें : किलनी, जूं और चिचड़ीयों को मारने की घरेलु दवाई
इन्हें भी पढ़ें : पशुओं के लिए आयुर्वेदिक औषधियाँ
इन्हें भी पढ़ें : गाय भैंस में दूध बढ़ाने के घरेलु तरीके
इन्हें भी पढ़ें : ठंड के दिनों में पशुओं को खुरहा रोग से कैसे बचायें
प्रिय पशुप्रेमी और पशुपालक बंधुओं पशुओं की उपर्युक्त बीमारी, बचाव एवं उपचार प्राथमिक और न्यूनतम है. संक्रामक बिमारियों के उपचार के लिये कृपया पेशेवर चिकित्सक अथवा नजदीकी पशुचिकित्सालय में जाकर, पशुचिकित्सक से सम्पर्क करें. ऐसे ही पशुपालन, पशुपोषण और प्रबन्धन की जानकारी के लिये आप अपने मोबाईल फोन पर गूगल सर्च बॉक्स में जाकर सीधे मेरे वेबसाइट एड्रेस pashudhankhabar.com का नाम टाइप करके पशुधन से जुड़ी जानकारी एकत्र कर सकते है.
Most Used Key :- पशुओं की सामान्य बीमारियाँ और घरेलु उपचार
किसी भी प्रकार की त्रुटि होने पर कृपया स्वयं सुधार लेंवें अथवा मुझे निचे दिए गये मेरे फेसबुक, टेलीग्राम अथवा व्हाट्स अप ग्रुप के लिंक के माध्यम से मुझे कमेन्ट सेक्शन मे जाकर कमेन्ट कर सकते है. ऐसे ही पशुधन, कृषि और अन्य खबरों की जानकारी के लिये आप मेरे वेबसाइट pashudhankhabar.com पर विजिट करते रहें. ताकि मै आप सब को पशुधन से जूडी बेहतर जानकारी देता रहूँ.