पूंगनूर को कामधेनु गाय क्यों कहा जाता है : Pungnoor Ko Kamdhenu Gaay Kyo Kaha Jata Hai
पूंगनूर को कामधेनु गाय क्यों कहा जाता है : Pungnoor Ko Kamdhenu Gaay Kyo Kaha Jata Hai, पुंगनूर नस्ल की गाय दुनिया की सबसे छोटी नस्ल की गाय है। ऐसा दावा है कि समुद्र मंथन से निकली कामधेनु गाय भी इसी नस्ल की है।

पुंगनूर नस्ल की गाय को जब से माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जनवरी 2024 मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर पुंगनूर नस्ल के गायों को चारा खिलाते हुए एक वीडियो सोशल मिडिया पर शेयर किये, तब से पुंगनूर नस्ल की गाय चर्चा का विषय बना हुआ है और इस नस्ल के गाय की डिमांड भी बढ़ गई है। यही कारण है की पुंगनूर नस्ल के गायों की कीमत लाखों रूपये के करीब पहुँच गई है।
पुंगनूर नस्ल की गाय देश के विभिन्न राज्यों में आयोजित पशु मेले, पशु बाजार आदि में चर्चा का विषय बनी हुई है। दावा है यह भारत की ही नहीं दुनिया की सबसे कम ऊंचाई की छोटी गाय है। इसी साल जनवरी में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने इसी नस्ल की गाय का वीडियो शेयर किया था।
यह 17 से 24 इंच (3 फीट) लम्बी इन गायों की कीमत 2 लाख से 10 लाख है। ये गाय 5 लीटर तक दूध देती है। इनके दूध की कीमत 1000 रूपये लीटर तक है जबकि इनके घी को 50 हजार रूपये प्रति किलोग्राम तक बेंचा जाता है। इन गायों को गोद में भी उठाकर घूम सकते हैं। इस नस्ल की गायों को लेकर कई धार्मिक मान्यताएं भी जुड़ी हुई हैं।
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पुंगनूर गाय-हाईट कम, खुराक भी साधारण
पुंगनूर गाय के पालन करने वाले गोपालक बताते हैं कि उनके पास मौजूद पुंगनूर नस्ल की गाय की ऊंचाई 27 इंच से 36 इंच (3 फीट) तक है। बछड़े और बछड़ी की ऊंचाई 17 से 24 इंच है। यह पुंगनूर की ओरिजिनल नस्ल है और इनकी उम्र करीब 20 साल होती है।
2 साल की उम्र में यह गर्भधारण कर सकती है और 3 साल की उम्र में दूध देना शुरू कर देती है। इन गायों का वजन 10 किलो से 25 किलो तक होता है। उन्होंने कहा पुंगनूर नस्ल की गाय रोजाना 3 से 5 लीटर तक दूध देती है। इसकी खुराक भी ज्यादा नहीं है। इन्हें साधारण खाना में चारा, भूंसा, खली आदि दिया जाता है।
आंकड़ों के अनुसार सन 2016 तक देश में पुंगनूर नस्ल की सिर्फ 1600 गाय बची थी। सन 2024 में इनकी संख्या लगभग 10 हजार के करीब पहुँच गई है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने भी सन 2023 में इसी नस्ल के गाय के साथ एक वीडियो शेयर किया था।
यूपी सीएम श्री योगी जी के पास भी इसी नस्ल के गाय
गोपालकों ने बताय कि भारत सरकार ने इसे प्रोत्साहन और संरक्षण दिया और उसका वर्तमान में असर दिखने लगा है। साल 2024 के संक्रांति पर पुंगनूर नस्ल के गोवंश को श्री पीएम मोदी जी ने पीएम हाउस से गाय को चारा खिलाने का वीडियो डाला था। वही यूपी के सीएम श्री योगी जी और मध्यप्रदेश के सीएम श्री मोहन यादव जी भी इसी नस्ल के गाय का पालन कर रहे हैं। इसके बाद इस नस्ल की गायों की डिमांड बढ़ी है।
गोपालक बताते है कि सामान्य गाय जहाँ 5 से 7 फीट की होती है वहीं पुंगनूर 3 फीट तक लम्बी होती है। लम्बाई कम होने की वजह से ज्यादा जगह की जरुरत नहीं पड़ती है। ये घर के अन्दर भी आसानी से घूम सकती है। पुंगनूर नस्ल के गायों की रोग प्रतिरोधक क्षमता सभी गायों से ज्यादा होती है।

इसे गोद में लेकर घूम सकते हैं
पशुपालक और पशुधन एक्सपर्ट बताते हैं कि गाय को भारत में सबसे पवित्र माना जाता है और घरों में इसकी पूजा की जाती है। पुराने समय में हर घर में गाय होती थी। वर्तमान में जगह और समय के अभाव के कारण गाय का स्थान घरों से गायब हो गाय है। पुंगनूर नस्ल की गाय अपने छोटे आकार के कारण अब खूब डिमांड में है। इन गायों के बछड़ों को गोद में लेकर कहीं भी घूम सकते हैं।
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पुंगनूर गाय से जुड़ी धार्मिक मान्यता
धार्मिंक मान्यताओं के अनुसार अमृत प्राप्ति के लिए जब देव और दानवों ने मिलाकर समुद्र मंथन किया था तो अमृत निकलने से पहले कई दुर्लभ चीजें भी उसमें से निकली थी। उसमें से एक सुरभि गाय भी निकली थी, जिसे कामधेनु भी कहा जाता है। आँध्रप्रदेश केलोगों का मानना है की पुंगनूर वही सुरभि गाय है।
उस समय उसकी ऊंचाई 10 फीट तक हुआ करती थी, जो समय काल के प्रभाव से छोटी हो गई है। वैदिक काल में जब विश्वामित्र राजा थे तो उन्होंने ऋषि वशिष्ठ से कामधेनु गाय को हड़पने के लिए युद्ध किया था। युद्ध में ऋषि वशिष्ठ की कामधेनु ने मदद की थी। इसके कारण ही राजा विश्वामित्र हार गए थे। इसी पुंगनूर गाय के दूध से तिरुपति बालाजी को अभिषेक किया जाता है। इसे क्षिराभिशेकम कहा जाता है।
पुंगनूर गाय की खासियत
- यह दुनिया की सबसे छोटी गाय है।
- पुंगनूर नस्ल की गाय आंध्रप्रदेश प्रदेश की चित्तूर में पाई जाती है।
- पुंगनूर गाय A2 कैटेगरी का दूध देती है। इसमें प्रोटीन और कैल्शियम की मात्रा ज्यादा होती है।
- इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड भी होता है जो बॉडी के मैकेनिज्म को दुरस्त करता है।
- पुंगनूर गाय के दूध में 8% तक फैट पायी जाती है। जबकि अन्य गाय के दूध में फैट की मात्रा 3 से 5% तक ही होता है।
- इसके दूध का कीमत 300 से 1000 रूपये लीटर तक और घी 10 हजार से 50 हजार रूपये प्रति किलोग्राम तक बिकती है।
- इसके गौमूत्र में एंटीबैक्टीरियल गुण होते है। आँध्रप्रदेश के किसान इसका उपयोग फसलों पर छिड़काव के लिए करते हैं।
- सन 2019 में आँध्रप्रदेश के काकीनाड़ा के डॉक्टर कृष्णम राजू ने पुंगनूर गाय की ब्रीडिंग पर काम किया था।
- सन 2020 में सरकार ने उनके प्रयास के चलते ‘मिशन पुंगनूर’ की शुरुवात किया था।
- IVF तकनीक के चलते सरकार ने पुंगनूर गायों के लिए करीब 70 करोड़ का बजट रखा।
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