गाय के दूध उतारने का अचूक उपाय : Gaay Ka Dudh Utarne Ke Gharelu Upay
गाय के दूध उतारने का अचूक उपाय : Gaay Ka Dudh Utarne Ke Gharelu Upay, पशुपालकों का अक्सर शिकायत होता है कि, गाय ब्याने के बाद दूध निकालते समय दूध चढ़ा लेती है. जिससे गाय अपने बछड़े को भी दूध नहीं पिलाती है और बछड़ा भूखा ही रह जाता है.

गाय, भैंस के दूध चढ़ा लेने पर पशुपालक बहुत चिंतित हो जाता है, और इसके निदान के लिए पशुपालक कई तरह के उपाय करता है. आज आपको गाय, भैंस के दूध चढ़ा लेने पर, दूध को उतारने के आसान तरीके के बारे में बताएँगे. गाय, भैंस द्वारा दूध चढ़ा लेने पर कई पशुपालक घातक ओक्सीटोसिंन इंजेक्शन का इस्तेमाल करते हैं. जो कि पशु के घातक तो होता ही है साथ ही साथ पशु के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है.
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दूध उतारने के उपाय
गाय, भैंस में दूध उतारने के लिए पशुपालक घातक ओक्सीटोसिंन इंजेक्शन का इस्तेमाल न करें. बल्कि ओक्सीटोसिंन इंजेक्शन की जगह पर पानी (डिस्टिल वाटर) का इंजेक्शन लगाने पर बहुत कारगार परिणाम मिलता है. कुछ पशुचिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा प्रयोग किया गया है कि पशुओं में दूध उतारने के लिए घातक ओक्सीटोसिंन इंजेक्शन का इस्तेमाल न करके, पानी (डिस्टिल वाटर) का इंजेक्शन लगाया गया. पशुओं में पानी (डिस्टिल वाटर) इंजेक्शन के इस्तेमाल से दूध उतारने में काफी हद तक सफलता मिली, यही नहीं पानी (डिस्टिल वाटर) इंजेक्शन लगाने पर पशु के दूध उत्पादन में कोई अंतर नहीं आया. पशुपालक जितना ओक्सीटोसिंन इंजेक्शन लगाकर दूध निकलता था उतना ही पानी (डिस्टिल वाटर) का इंजेक्शन लगाकर दूध निकाला गया. कुछ पशुओं में तो खाली सुई को चुभोकर भी आसानी से दूध निकाला गया. अतः आप भी दूध उतारने के इस तरीके को अपना सकते है. इससे पशु के स्वास्थ्य पर भी कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा और दूध उत्पादन बना रहेगा.
पशुओं को इंजेक्शन की लत लग गई है
विशेषज्ञों का मानना है कि पशु इंजेक्शन के इतने लती हो गये हैं कि बछड़े या पड़वा को दूध पिलाया जाये तो भी दूध नहीं उतरता है. बछड़ों को भी दूध पिलाने के लिए भी इंजेक्शन की जरुरत पड़ती है. दूध उतारने के लिए ओक्सीटोसिंन इंजेक्शन के जगह पानी (डिस्टिल वाटर) का कई स्थानों में प्रयोग किया गया. इससे भी आसानी से दूध उतर आया. कई जगहों में पशुओं को सिर्फ सुई को चुभोकर भी आसानी से दूध उतारा गया.
आठ मिनट के अन्दर दूध निकालें
विशेषज्ञों का कहना है कि पशु में निडिल(सुई) प्रिक (चुभोना) करने के 1 मिनट के अन्दर ही दूध उतरने लगता है. पशुओं का दिमाग अधिकतम आठ मिनट ही इसके प्रति संवेदनशील रहता है इसके बाद पशु के दुग्ध ग्रंथि से दूध वापस लेने का हार्मोन्स स्त्रावित होने लगता है. इसलिए पशु को निडिल चुभाने के आठ मिनट के अन्दर ही दूध दुह लेना चाहिए.
ओक्सीटोसिंन क्या है?
ओक्सीटोसिंन पेप्टाइड हार्मोन है, जो इंसानों और पशुओं में पाया जाता है. इस इंजेक्शन का उपयोग गर्भवती महिलाओं के गर्भाशय में संकुचन पैदा करने के लिए दिया जाता है. इसके उपयोग से गर्भाशय मजबूत होने के साथ ही, बच्चे के जन्म लेने के बाद रक्त स्त्राव भी नियंत्रित रहता है.
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ओक्सीटोसिंन पर प्रतिबन्ध
ओक्सीटोसिंन को पशु क्रूरता निरोधक अधिनियम (1960) की धारा 12 के तहत प्रतिबंधित किया गया है. इसे पशुओं के लिए दर्दनाक इंजेक्शन माना गया है. खाद्य और उपभोग पदार्थों के अधिनियम और औषधि नियंत्रण कानून के तहत एक रजिस्टर्ड डॉक्टर के पर्चे पर ही इसकी बिक्री की जा सकती है.
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