पशुओं को ठंड लग जाने पर क्या करें : Gaay Bhais Ko Thand Lag Jane Par Kya Kare
पशुओं को ठंड लग जाने पर क्या करें : Gaay Bhais Ko Thand Lag Jane Par Kya Kare, ठंड के दिनों में पशुओं को ठंडी लगने से बचाना पशुपालक के लिए बहुत बड़ा चैलेन्ज होता है। क्योकि पशुओं को ठंड लग जाने पर पशु को सर्दी, जुकाम, आफरा, निमोनिया जैसे अन्य गंभीर बीमारियाँ हो सकती है तथा पशु के अस्वस्थ होने पर पशु का सम्पूर्ण स्वास्थ्य और उत्पादन क्षमता पर भी बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है।

ठंड का मौसम पशुओं के लिए बहुत ही खतरनाक होता है। क्योकि यदि पशुओं को ठंड लग जाये तो, उन्हें बहुत खतरनाक बीमारियाँ होने की सम्भावना होती है। ठंड लगने से पशुओं को साधारण और इतनी खतरनाक बीमारियाँ हो सकती है जिससे पशु की जान भी जा सकती है। इससे पशुपालक को बहुत ही आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
ठंड लगने के कारण
ठंड के दिनों में कभी-कभी पशुपालक, पशुओं को खुले चारागाह में चरने के लिए छोड़ देते है या ठंड से बचाव के कोई उपाय नहीं करते हैं। जो कि अत्यधिक ठंड लगने के कारण पशु का शारीरिक तापमान गिर जाता है. इस स्थिति में पशु ठंड को दस्त, सर्दी, जुकाम, निमोनिया या खाना नहीं खाने की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे पशुपालक पशु के स्वास्थ्य के प्रति चिंतित हो जाता है।
ठंड के दिनों में पशु को बहार रखा जाये या शेड के ऊपर छत न हो या शेड के चरों तरफ ढका हुआ नहीं हो तो, पशु के शरीर पर सीधे ओस पड़ने की अत्यधिक सम्भावना होती है। जिसकी वजह से पशु बीमार पड़ जाता है और पशु का नाक बंद हो जाता है तथा पशु को श्वास लेने में भी बहुत परेशानी होती है।
पशुओं को ठंड लगने के लक्षण
- हाइपोथर्मियां के शिकार होने की वजह से पशु के कान, नाक व अंडकोश बर्फ जैसा ठंडा हो जाता है।
- पशु के साँस और ह्रदय गति कम होने लगती है।
- पशु का तापमान, सामान्य तापमान से बहुत कम हो जाती है।
- गाय अचेत होकर मर भी सकती है।
- त्वचा पर बुरा असर पड़ने लगता है।
- सुस्त पड़ने लगती है।
- बाल खड़े हो जाते हैं, साथ ही शरीर सिकुड़ जाता है और पशु कांपने लगता है।
- सही से खाना नहीं खा पाती है और कमजोर दिखाई देती है।
- नाक से पानी गिरता है और छींकने लगता है।
पशुओं को ठंड से बचाने के उपाय
- पशु शेड – पशु को ठंड से बचाए रखने के लिए अच्छे छतदार शेड में रखना चाहिए।
- खुले चारागाह – पशु को अत्यधिक ठंड लगने की स्थिति में खुले मैदान में चरने के लिए नहीं छोड़ना चाहिए।
- नमी से बचायें – ठंड से बचाने के लिए पशु शेड के चारों ओर को ढकने की उत्तम व्यवस्था करनी चाहिए।
- खिड़कियाँ बंद –ठंड से बचाने के लिए खुले दरवाजे और खिडकियों पर टाट लगायें।
- रोगमुक्त पशुशाला – सर्दियों में पशुशाला को रोगमुक्त और रोगाणुमुक्त रखने के लिए साफ-सफाई करते समय चुना, फिनाइल आदि का छिडकाव करते रहना चाहिए।
- पल्ली या टाट – ठंड के दिनों में अत्यधिक ठंड लगने पर पशुओं को रात में टाट या बोरे की पल्ली उढ़ा देना चाहिए।
- सुखा बिछावन – रात को पशुओं के बिछावन के लिए सूखे पैरा या भूंसा का उपयोग करना चाहिए।
- आग – अत्यधिक ठंड की स्थिति में पशुओं के लिए पशुशाला में आग का ताप देना चाहिए, ताकि पशुशाला गर्म रहे।
- धुप – ठंड के दिनों में धुप निकलने पर पशुओं को खुले धुप में रखना चाहिए, जिससे ठंड के बचाव के साथ-साथ रक्त संचार भी बराबर बना रहे।
- स्वच्छ और ताज़ा पानी – सर्दियों में पशुओं को तालाब, पोखर, नाला और नदियों की दूषित पानी नहीं पिलाना चाहिए , बल्कि उन्हें दिन में तीन चार बार स्वच्छ पानी पिलाना चाहिए।
- अन्तः परजीवी – पशुओं को अन्तः परजीवी से बचाने के लिए शारीरिक भार के अनुसार कृमिनाशक की दवा जैसे – अल्बोमार, बैनामिन्थ, नीलवर्म, जानिल आदि देना चाहिए।
- बाह्य परजीवी – पशुओं को बाह्य परजीवी से बचाने के लिए, ठंड के दिनों में धुप निकलने पर किलनी, जू, पिस्सू आदि मारने की दवा बुटोक्स और अन्य क्लीनर की दवा की 2ml मात्रा 1 लीटर पानी के अनुपात में घोलकर पशु के शरीर में ठीक तरह से चुपड़ दें तथा दो घंटे के पश्चात् पशु को नहला देवें।
- संतुलित आहार – दुधारू पशुओं को सर्दी से बचने के लिए दूध उत्पादन के अनुसार संतुलित आहार देवें.
- उच्च उर्जायुक्त आहार – पशुओं को ठंड से बचाए रखने के लिए छोटे पशुओं को दिन में 30-60 ग्राम गुड़ खिलाएं तथा बड़े पशुओं को 200 ग्राम तक गुड़ खिलाना चाहिए.
ध्यान देवें – पशु को ठंड से बचाए रखने के लिए उन्हें एक अच्छे शेड में रखें, जहां वह सूखे रह सकते हैं। इसके अलावा पशु को ठंड लग जाने की स्थिति में उन्हें भांप दिलाएं। भाप दिलाने के लिए सबसे पहले एक बाल्टी में खौलता हुआ पानी लें और उसके ऊपर घास रख लें। अब पशु के नाक पर एक भारी कपड़ा रखें ताकि पानी से उठता हुई भांप उसके नाक को खोल सके। इसके अलावा रात में पशुशाला और पशुओं को अजवाइन का धुआं देवें. ऐसा करके आप अपने पशु को सर्दियों में होने वाली बीमारियों से बचा सकते हैं।
गायों का ठंड में आहार (Cold diet of cows)
- आहार में ऊर्जा की मात्रा बढ़ दें।
- गुड़ व तेल की अतिरिक्त मात्रा दें।
- जीरा-अजवायन।
- बाजरे की दलिया।
- चावल का चोकर मूंग।
- उर्द या चना की चूनी का बना पशु आहार।
- खड़िया मिट्टी।
- साधारण नमक को अनुपात में मिलाकर।
- इसके अलावा यूरिया अथवा शीरे से उपचारित भूसा।
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