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गाय भैस को 50 ग्राम पाउडर खिलाकर कैसे गाभिन करें । Gaay Bhains Ko 50 Gram Powder Khilakar Kaise Gabhin Karen

गाय भैस को 50 ग्राम पाउडर खिलाकर कैसे गाभिन करें । Gaay Bhains Ko 50 Gram Powder Khilakar Kaise Gabhin Karen, डेयरी फार्मर और पशुपालकों के लिए गाय-भैंस में रिपीट ब्रीडिंग और पशु के गाभिन नहीं होने की समस्या आम बात है। इससे पशुपालक को न केवल दूध उत्पादन प्रभावित होता है, बल्कि पशुपालक को बहुत ही आर्थिक क्षति होता है।

Gaay Bhains Ko 50 Gram Powder Khilakar Kaise Gabhin Karen
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गाय-भैंस के गर्भवती नहीं होने के कारण

  • पशुधन एक्सपर्ट डॉक्टर के अनुसार जानवरों के गर्भवती न होने का बड़ा कारण सूक्ष्म पोषक तत्वों (Micronutrients) की कमी है। एक्सपर्ट ने सलाह दी कि पशुओं को केलाटेड मिनरल मिक्सर पाउडर दिया जाए। प्रतिदिन 50 ग्राम पाउडर से पोषण की कमी को दूर किया जा सकता है।
  • गाय-भैंस के गर्भवती न होने का एक कारण गर्भाशय में गड़बड़ी भी हो सकती है। ऐसे में पशुपालकों को तुरंत निकटतम पशु चिकित्सालय से संपर्क करना चाहिए।
  • अगर गाय या भैंस की योनि से सफेद तरल पदार्थ (white fluid) निकलता है, तो यह गर्भाशय में संक्रमण (uterine infections) का संकेत हो सकता है। इसके लिए डॉक्टर की सलाह से उपचार करवाना जरूरी है।

समाधान

  • अगर जानवर में तीन महीने तक गर्मी नहीं आती, तो विशेषज्ञ से सलाह लें। यह समस्या लंबे समय तक बनी रहने पर पशुपालकों को आर्थिक नुकसान हो सकता है।
  • संक्रमण के इलाज में डॉक्टर की सलाह से तीन दिन तक एंटीबायोटिक्स देकर गर्भाशय को साफ किया जा सकता है।
  • बता दें कि संक्रमण का इलाज और पोषण सुधारने के बाद दूसरी गर्मी में गर्भाधान (fertilisation) करवाने पर गर्भवती होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • पशुओं की नियमित जांच (Routine checkups) और संतुलित आहार (Balanced diet) से गर्भवती न होने की समस्या से बचा जा सकता है। सही कदम उठाने से दूध पैदावार और आय में बढ़ोतरी संभव है।
  • प्रजनन की बात करें तो मवेशियों में गर्भधारण का समय ज्यादातर सितम्बर से लेकर फरवरी तक होता है। इस समय में मवेशी हीट में आते हैं और उन्हें पाल खिलाया जाता है।
  • मल्टी विटामिन प्रतिदिन एक पशु को 15-15 एमएल सुबह शाम दिया जाना चाहिए। इसके साथ घरेलू उपचार में 200 ग्राम गुड़ दो से ढाई लीटर पानी में प्रतिदिन पिलाएं। इससे हीटस्ट्रेस की बीमारी ठीक रहेगी।
  • गर्मी के दिनों में भैंस और गाय को दिनभर में दो बार नहलाया जाए। साफ सुधरा जगह पर पोखर में स्नान की सलाह दी गई है। पशु वैज्ञानिक किंकर कुमार ने बताया कि मार्केट में बहुत सारी मल्टी विटामिन हैं जो हीट को मेनटेन रखने में काम आती है, उसका उपयोग किया जाना चाहिए।

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आवश्यक सामग्री – जानें कैसे इस्तेमाल करें पत्तों और नमक-गुड़ का

  • पशु के गर्मी में आने के पहले या दूसरे दिन उपचार शुरू करें।
  • गुड़ और नमक के साथ दिन में एक बार ताजा पत्ते खि‍लाएं।
  • पांच दिनों के लिए प्रतिदिन एक सफेद मूली।
  • चार दिनों के लिए प्रतिदिन एक एलोवेरा का पत्ता।
  • चार दिनों के लिए चार मुट्ठी मोरिंगा के पत्ते।
  • चार दिनों के लिए चार मुट्ठी सिसस का तना।
  • चार दिनों के लिए पांच ग्राम हल्दी पाउडर के साथ चार मुट्ठी करी पत्ता।
  • यदि पशु गर्भधारण नहीं करता है तो उपचार को दोबारा से दोहरा सकते हैं।
  • पशु के गर्मी में आने से पहले भी इस इलाज को शुरू किया जा सकता है।

बांझपन दूर होने पर दोबारा गाभिन कराने में न करें देरी

एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि बांझपन जितना पुराना होगा तो उसके इलाज में उतनी ही परेशानी आएगी। इसलिए सही समय पर पशुओं की जांच कराएं। अगर भैंस दो से ढाई साल में हीट पर नहीं आती है तो ज्यादा से ज्यादा दो से तीन महीने ही इंतजार करें, अगर फिर भी हीट में नहीं आती है तो फौरन अपने पशु की जांच कराएं, इसी तरह से गाय के साथ है। अगर गाय डेढ़ साल में हीट पर न आए तो उसे भी दो-तीन महीने इंजार के बाद डॉक्टर से सलाह लें।

कई मामले ऐसे भी होते हैं कि एक बार बच्चा देने के बाद भी बांझपन की शिकायत आती है। इसलिए अगर गाय-भैंस एक बार बच्चा देती है तो दोबारा उसे गाभिन कराने में देरी न करें। आमतौर पर पहली ब्याहत के बाद दो महीने का अंतर रखा जाता है। लेकिन इस अंतर को ज्यादा रखें। अंतर जितना ज्यादा रखा जाएगा बांझपन की परेशानी बढ़ने की संभावना उतनी ही ज्यादा हो सकती है.

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