छत्तीसगढ़ E खबरजैव विविधतापशुधन संसारभारत खबरविश्व खबर

कुनो नेशनल पार्क में मादा चीता की मौत : Female Cheetah Died in Kuno National Park

कुनो नेशनल पार्क में मादा चीता की मौत : Female Cheetah Died in Kuno National Park, भारत के सम्पूर्ण क्षेत्रफल के धरातलीय भूमि के 33 प्रतिशत पर वन है. भारत के सम्पूर्ण वन्य क्षेत्र जैव विविधता का घर है. इन वनों में विभिन्न प्रकार के जीवों जैसे – शेर, चीता, बाघ, तेंदुए, लकड़बघ्घा, हाथी, हिरन, वनभैसा, बारहसिंघा आदि जीवों का निवास होता है. इन वनों के आरक्षित क्षेत्रों में राष्ट्रीय उद्यान, अभ्यारण्य, गेम सेंचुरी आदि आरक्षित होते है. यहाँ सभी जीव जंतु अपना रहवास, प्रजनन, जीवन-यापन, वंश वृद्धि आदि करते है. आज आपको भारत के मध्य प्रदेश राज्य के कूनो नेशनल पार्क से संबंधित मादा चीता के मौत की खबर की जानकारी दी जाएगी. ज्ञात हो कि भारत के मध्यप्रदेश राज्य के कुनो नेशनल पार्क में एक मादा चीता की मौत हो गई है, जिससे मार्च से अब तक मृत पाई गई बड़ी बिल्लियों (चीता) की संख्या तीन हो गई है.

Cheetah Died in Kuno National Park
Cheetah Died in Kuno National Park

पार्क के एक बयान में कहा गया है कि मादा चीता मंगलवार सुबह घायल पाई गई और पशु चिकित्सकों ने उसका इलाज किया लेकिन दोपहर में उसकी मौत हो गई. इसमें कहा गया है कि प्रारंभिक रिपोर्ट से पता चला है कि दो नर चीतों के साथ संभोग के दौरान लगी चोटों से उसकी मौत हुई. इन तीनों को इस साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका से भारत में चीतों की वंशावली को फिर से लाने के प्रयासों के तहत भेजा गया था.

महत्वपूर्ण लिंक :- मवेशियों में गांठदार त्वचा रोग का कहर.

महत्वपूर्ण लिंक :- लम्पी बीमारी का विस्तारपूर्वक वर्णन.

महत्वपूर्ण लिंक :- राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना क्या है?

दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था

बयान में कहा गया है, “भारतीय और दक्षिण अफ्रीकी वन्यजीव के सन्दर्भ में अधिकारियों और विशेषज्ञों ने 30 अप्रैल को एक बैठक की, जहां मादा चीता को दो नर चीता से मिलने देने का फैसला किया गया और एक दिन बाद उनके बाड़े के बीच का गेट खोल दिया गया.” नर चीतों ने 6 मई को मादा के बाड़े में प्रवेश किया. बयान में कहा गया है, “संभोग के दौरान नर चीतों के लिए मादा के साथ हिंसक व्यवहार करना सामान्य है और निगरानी टीम के लिए उस समय चीतों के साथ हस्तक्षेप करना असंभव है.”

देश में चीते को विलुप्त घोषित किए जाने के 70 से अधिक वर्षों के बाद, भारत ने पिछले साल चीतों को फिर से पेश किया. देश में चीतों के दोबारा आने से उत्साह पैदा हो गया है और उनसे जुड़ी कोई भी खबर सुर्खियां बटोर रही है. पिछले महीने, उदय नामक एक नर चीता की मृत्यु हो गई और अधिकारियों ने कहा कि मृत्यु का कारण हृदय गति रुकना था. वह फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से भारत लाए गए 12 बाघों में से एक था.

नामीबियाई चीते

27 मार्च को, नामीबिया से लाए गए जानवरों के पहले जत्थे में शामिल एक मादा चीता की गुर्दे की संदिग्ध बीमारी से मौत हो गई. वह आठ – पांच पुरुषों और तीन महिलाओं के समूह का हिस्सा थी. जिन्हें पिछले साल धूमधाम से भारत लाया गया था. उनके आगमन पर, जंगली में छोड़ने से पहले बिल्लियों (चीता) को कूनो में एक नियंत्रित संगरोध क्षेत्र में रखा गया था. उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है.29 मार्च को नामीबिया की एक मादा ने चार शावकों को जन्म दिया.

चीतों का भारत में बहुत प्रतीकात्मक महत्व है क्योंकि वे कई लोककथाओं का हिस्सा हैं. लेकिन यह 1947 में आजादी के बाद शिकार, सिकुड़ते आवास और शिकार की कमी के कारण विलुप्त होने वाला एकमात्र बड़ा स्तनपायी भी है. मंगलवार को जिस मादा चीते की मौत हुई उसका नाम दक्ष रखा गया था.वह बगल में एक बाड़े में रखी गई थी जहाँ अग्नि और वायु नाम के दो पुरुषों को रखा गया था. अधिकारियों और विशेषज्ञों ने 30 अप्रैल को एक बैठक की, जहां मादा चीता को दो नर चीता से मिलने देने का फैसला किया गया और एक दिन बाद उनके बाड़े के बीच का गेट खोल दिया गया.” नर चीतों ने 6 मई को मादा के बाड़े में प्रवेश किया. बयान में कहा गया है, प्राकृतिक समागम के दौरान मादा चीता का, नर चीतों का हिंसक व्यवहार के कारण मृत्यु हो गई.

इन्हें भी पढ़ें : प्रतिदिन पशुओं को आहार देने का मूल नियम क्या है?

इन्हें भी पढ़ें : एशिया और भारत का सबसे बड़ा पशुमेला कहाँ लगता है?

इन्हें भी पढ़ें : छ.ग. का सबसे बड़ा और पुराना पशु बाजार कौन सा है?

इन्हें भी पढ़ें : संदेशवाहक पक्षी कबूतर की मजेदार तथ्य के बारे में जानें.

प्रिय पशुप्रेमी और पशुपालक बंधुओं पशुओं की उपर्युक्त बीमारी, बचाव एवं उपचार प्राथमिक और न्यूनतम है. संक्रामक बिमारियों के उपचार के लिये कृपया पेशेवर चिकित्सक अथवा नजदीकी पशुचिकित्सालय में जाकर, पशुचिकित्सक से सम्पर्क करें. ऐसे ही पशुपालन, पशुपोषण और प्रबन्धन की जानकारी के लिये आप अपने मोबाईल फोन पर गूगल सर्च बॉक्स में जाकर सीधे मेरे वेबसाइट एड्रेस pashudhankhabar.com का नाम टाइप करके पशुधन से जुड़ी जानकारी एकत्र कर सकते है.

Most Used Key :- गाय के गोबर से ‘टाइल्स’ बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें?

पशुओ के पोषण आहार में खनिज लवण का महत्व क्या है?

किसी भी प्रकार की त्रुटि होने पर कृपया स्वयं सुधार लेंवें अथवा मुझे निचे दिए गये मेरे फेसबुक, टेलीग्राम अथवा व्हाट्स अप ग्रुप के लिंक के माध्यम से मुझे कमेन्ट सेक्शन मे जाकर कमेन्ट कर सकते है. ऐसे ही पशुधन, कृषि और अन्य खबरों की जानकारी के लिये आप मेरे वेबसाइट pashudhankhabar.com पर विजिट करते रहें. ताकि मै आप सब को पशुधन से जूडी बेहतर जानकारी देता रहूँ.

-: My Social Groups :-

पशुधन खबरपशुधन रोग
इन्हें भी पढ़ें :- गाय, भैंस की उम्र जानने का आसान तरीका क्या है?
इन्हें भी पढ़ें :- बटेर पालन बिजनेस कैसे शुरू करें? जापानी बटेर पालन से कैसे लाखों कमायें?
इन्हें भी पढ़ें :- कड़कनाथ मुर्गीपालन करके लाखों कैसे कमायें?
इन्हें भी पढ़ें :- मछलीपालन व्यवसाय की सम्पूर्ण जानकारी.
इन्हें भी पढ़ें :- गोधन न्याय योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इन्हें भी पढ़ें :- नेपियर घास बाड़ी या बंजर जमीन पर कैसे उगायें?
इन्हें भी पढ़ें :- बरसीम चारे की खेती कैसे करें? बरसीम चारा खिलाकर पशुओं का उत्पादन कैसे बढ़ायें?
इन्हें भी देखें :- दूध दोहन की वैज्ञानिक विधि क्या है? दूध की दोहन करते समय कौन सी सावधानी बरतें?
इन्हें भी पढ़े :- मिल्किंग मशीन क्या है? इससे स्वच्छ दूध कैसे निकाला जाता है.
इन्हें भी पढ़े :- पशुओं के आहार में पोषक तत्वों का पाचन कैसे होता है?
इन्हें भी पढ़ें :- पशुओं में अच्छे उत्पादन के लिये आहार में क्या-क्या खिलाएं?
इन्हें भी पढ़ें :- पशुओं में रासायनिक विधि से गर्भ परीक्षण कैसे करें?
इन्हें भी पढ़ें :- पशुशेड निर्माण करने की वैज्ञानिक विधि
इन्हें भी पढ़ें :- पशुओं में पतले दस्त का घरेलु उपचार.
इन्हें भी पढ़ें :- दुधारू पशुओं में किटोसिस बीमारी और उसके लक्षण
इन्हें भी पढ़ें :- बकरीपालन और बकरियों में होने वाले मुख्य रोग.
इन्हें भी पढ़ें :- नवजात बछड़ों कोलायबैसीलोसिस रोग क्या है?
इन्हें भी पढ़ें :- मुर्गियों को रोंगों से कैसे करें बचाव?
इन्हें भी पढ़ें :- गाय, भैंस के जेर या आंवर फंसने पर कैसे करें उपचार?
इन्हें भी पढ़ें :- गाय और भैंसों में रिपीट ब्रीडिंग का उपचार.
इन्हें भी पढ़ें :- जुगाली करने वाले पशुओं के पेट में होंनें वाली बीमारी.
इन्हें भी पढ़ें :- पशुओं में फ़ूड प्वायजन या विषाक्तता का उपचार कैसे करें?
इन्हें भी पढ़ें :- पशुओं में गर्भाशय शोथ या बीमारी के कारण.
इन्हें भी पढ़ें :- पशुओं को आरोग्य रखने के नियम.