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एक्वेरियम में रंगीन मछली पालन कैसे करें । Aquarium Me Colorful Fish Farming Ka Tarika

एक्वेरियम में रंगीन मछली पालन कैसे करें । Aquarium Me Colorful Fish Farming Ka Tarika, आज रंगीन मछली पालन का प्रचलन गाँवों, कस्बों और शहरों में दिनों दिन बढ़ते जा रहा है। रंगीन मछली पालन करने पर व्यक्तियों को सिर्फ मानसिक शांति ही नहीं मिलती, बल्कि यह वास्तु दोष का निवारण भी करती है।

Aquarium Me Colorful Fish Farming Ka Tarika
Aquarium Me Colorful Fish Farming Ka Tarika

रंगीन मछली का पालन करना ज्यादा कठिन काम नहीं है. महिलायें इसे घर के आँगन में भी कम पूंजी लागत में आसानी से पाल सकते हैं। रंगीन मछलियों का पालन एवं एक्वेरियम निर्माण की तकनीकी जानकारी प्राप्त करके व्यक्ति या महिलायें घर पर भी एक अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते है।

एक्वेरियम तैयार करने के लिए आवश्यक सामग्री

  • पॉलिश किया हुआ शीशे की प्लेट,
  • बल्ब लगा हुआ ढक्कन,
  • आवश्यकतानुसार टेबल/स्टैंड, सीलेंट/पेस्टिंग गन,
  • छोटे-छोटे रंग-बिरंगे पत्थर,
  • जलीय पौधे (कृत्रिम या प्राकृतिक),
  • एक्वेरियम के पृष्ठभूमि के लिए रंगीन पोस्टर,
  • सजावटी खिलौने,
  • फिल्टर उपकरण,
  • थर्मामीटर,
  • थर्मोस्टेट,
  • एयरेटर,
  • क्लोरिन मुक्त जल,
  • रंगीन मछलियां पसंद के अनुसार,
  • मछलियों का भोजन-जरुरत के अनुसार,
  • हैंड नेट, बाल्टी, मग, स्पंज इत्यादि।
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एक्वेरियम प्रबंधन के लिए आवश्यक बातें

  • पानी साफ रखने के लिए फिल्टर का उपयोग करें।
  • एयरेटर द्वारा वायु का प्रवाह निरंतर बनाये रखें।
  • थर्मोस्टैट द्वारा पानी का तापमान 24 डिग्री से 28 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच बनाये रखें।
  • एक्वेरियम में उपस्थित अनावश्यक आहार, उत्सर्जित पदार्थों को प्रतिदिन साइफन सिस्टम द्वारा बाहर निकालें।
  • हर 15 दिन में एक बार आधा पानी निकालकर स्वच्छ पानी भरें।
  • यदि कोई मछली मर जाती है तो उसे तुरंत निकाल दें।
  • बीमार मछली का उपचार तुरंत करें।

एक्वेरियम का रख-रखाव

  • एक्वेरियम रखने का स्थान समतल होना चाहिए तथा धरातल मजबूत होना चाहिए।
  • लोहे या लकड़ी के बने मजबूत स्टैंड या टेबल का प्रयोग किया जा सकता है।
  • जहां एक्वेरियम रखना है वहां बिजली की व्यवस्था भी आवश्यक है।
  • एक्वेरियम निर्माण में बहुत सावधानी की आवश्यकता होती है।
  • पालिश किये गए शीशे के प्लेट को सीलेंट से जोड़कर एक्वेरियम बना सकते हैं।
  • बाजार में उपलब्ध तैयार एक्वेरियम भी खरीद सकते हैं।
  • सामान्यत: घरों के लिए एक्वेरियम मुख्यत: 60 & 30 & 30 से.मी. लम्बाई, चौड़ाई एवं उंचाई की मांग अधिक है।
  • शीशे की मोटाई 2-6 मि.मी. होनी चाहिए।
  • एक्वेरियम को ढंकने के लिए फाईबर या लकड़ी के बने ढक्कन का उपयोग कर सकते हैं।
  • ढक्कन के अंदर एक बल्ब लगा होना चाहिए।
  • 40 वाट के बल्ब की रोशनी एक साधारण एक्वेरियम के लिए उपयुक्त है।

एक्वेरियम प्रबन्धन

आकर्षक लगने हेतु एक्वेरियम का प्रबन्धन बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसके लिए कुछ बातों का ध्यान देना आवश्यक है।

  1. एक्वेरियम के शीशे की दीवार कुछ समय बाद धुंधली दिखाई देने लगती है इसलिए इसे मुलायम, साफ़ कपड़े से बिना खरोंच के शीशे को प्रतिदिन पोंछना चाहिए।
  2. मछलियों के स्वास्थ्य का परीक्षण प्रतिदिन करना चाहिए।
  3. एक्वेरियम में लगाए गए उपकरणों की क्रियाविधि की जांच समय-समय पर करते रहना चाहिए।
  4. प्रत्येक 15 दिन पर जल का 10-30 प्रतिशत भाग बदलते रहना चाहिए।
  5. अगर किसी कारणवश मछली बीमार हो तो तुरंत उसे अलग कर देना चाहिए।

मानसिक प्रभाव

1. रंगीन मछलियों को घर में पालने से मछलियों की उपस्थिति वातावरण को जीवंत बनाती है।
2. मानसिक तनाव को कम करती है एवं हमारे मन में प्रकृति एवं जीव-जन्तु के प्रति प्रेम की भावना जागरूक करती है।
3. इसे हम एक लाभकारी व्यवसाय के रूप में भी कर सकते हैं।
4. हमारे देश में रंगीन मछली पालन शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन में काफी महत्वपूर्ण भूमिका रखता है।
5. रंगीन मछलियों को शीशे के एक्वेरियम में पालन का एक विशिष्ट शौक है।
6. रंग-बिरंगी मछलियां सभी का मनमोह लेती हैं।
Aquarium Me Colorful Fish Farming Ka Tarika

एक्वेरियम की सजावट

  • एक्वेरियम को खरीदने के बाद उसे सजाने से पहले अच्छी तरह साफ पानी से धो लेना चाहिए।
  • इसके बाद साफ बालू (रेत) की परत बिछा देते हैं और उसके ऊपर छोटे-छोटे रंगीन पत्थर की एक परत बिछा दिया जाता है।
  • पत्थर बिछाने के बाद फिल्टर, एयरेटर एवं थर्मोस्टैट को लगा दिया जाता है।
  • एक्वेरियम को आकर्षक बनाने के लिए तरह-तरह के खिलौने एवं कृत्रिम पौधे अपने पसंद से लगाये जा सकते हैं।
  • उसके बाद पानी भरा जाता है। एक्वेरियम में भरा जाने वाला पानी क्लोरीन मुक्त होना चाहिए।
  • इसलिए यदि नल का पानी हो तो उसे कम से कम एक दिन संग्रह कर छोड़ देना चाहिए और फिर उस पानी को एक्वेरियम में भरने हेतु उपयोग करना चाहिए।
  • एक्वेरियम में पानी भरने के बाद एक या दो दिन के लिए छोड़ दिया जाता है। दो दिन बाद मछलियों का संचयन किया जाना उचित माना जाता है।

एक्वेरियम में मछलियां की संख्या

एक्वेरियम तैयार कर अनुकूलित करने के बाद उसमें विभिन्न प्रकार की रंग-बिरंगी मछलियां पाली जाती है। रंगीन मछलियों की अनेक प्रजातियां हैं, पर इन्हें एक्वेरियम में एक साथ रखने के पहले जानना आवश्यक है कि ये एक दूसरे को परस्पर हानि तो नहीं पहुंचाएंगे। छोटी आकार की मछलियां रखना एक्वेरियम के लिए ज्यादा बेहतर माना जाता है, जिनका नाम निम्नलिखित है……

इनमें ब्लैक मोली, गोल्ड फिश, एंजल, गोरामी, फाइटर, गप्पी, प्लेटी, टैट्रा, शार्क, बार्ब, आस्कर, सोर्ड टेल। इन मछलियों के अतिरिक्त कुछ देशी प्रजातियाँ हैं जिनको भी एक्वेरियम में रखा जाने लगा है – जैसे – लोच, कोलीसा, चंदा, मोरुला इत्यादि। आमतौर पर 2-5 से.मी. औसतन आकार की 50 मछलियां प्रति वर्ग मी. जल में रखना ज्यादा बेहतर माना गया है।
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मछलियों का आहार

मछलियों का प्राकृतिक आहार प्लवक है परन्तु एक्वेरियम में मुख्यत: कृत्रिम आहार का प्रयोग किया जाता है। बाजार में रंग-बिरंगे आकर्षक पैकेटों में इनका आहार उपलब्ध है। आहार दिन में दो बार निश्चित समय में 2 प्रतिशत शरीर भार के अनुसार दिया जाना चाहिए। यह मात्रा जरुरत के अनुसार बढ़ायी या घटायी जा सकती है। भोजन उतना ही देना चाहिए जितना मछलियां तुरंत खाकर खत्म कर दें। सप्ताह में एक या दो बार प्लवक भी खिलाना चाहिए इससे मछलियों की चमक बनी रहती है।

मछलियों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए पानी की गुणवत्ता निम्नलिखित होनी चाहिए
पैरामीटर मात्रा 
तापमान240 – 280 सेंटीग्रेड
घुलित ऑक्सीजन5 मि.ग्रा./लीटर
पी. एच.7.5-8.5
क्षारीयता40-120 मि.ग्रा./लीटर
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