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सांप काटने पर पशुओं का प्राथमिक उपचार : Animal Treatment for Snake Bite

सांप काटने पर पशुओं का प्राथमिक उपचार : Animal Treatment for Snake Bite, पशुपालक ध्यान देवें यदि आपके पशु को सांप या सर्प ने काट लिया हो तो घबराने की जरुरत नहीं है. यहाँ हम आपको पशुओं को सर्प के काटने पर प्राथमिक उपचार के कुछ तरीके बताएँगे जिसे आप अपनाकर अपने पशुओं को बचा सकते है. भारत में करीब सापों की लगभग 306 प्रजातियाँ पायी जाती है जिसमें 85 प्रजातियाँ जहरीली होती हैं. लेकिन इन सभी जहरीली साँपों में से चार तरह के सांप कोबरा, रसेल वाईपर, सा स्केल्ड वाईपर और करैत सबसे ख़तरनाक सांप है. क्योंकि भारत में सर्पदंश से होने वाले मृत्यु में इनका सबसे ज्यादा योगदान है. भारत में सांप के काटने से मरने वाले लोंगों की संख्या प्रतिवर्ष 50 हजार से भी ज्यादा है जो कि पूरी दुनिया में सबसे अधिक है. इसमें सही समय पर ईलाज न होने के कारण मरने वालों की संख्या गाँवो में सबसे ज्यादा है. इससे यह शाबित होता है शहरों की अपेक्षा गांवों में सबसे ज्यादा सर्पों की रहवास होता है, जो की मनुष्यों के साथ-साथ पशुओं को भी डसते है. गाँव में पशुओं की चिकित्सा के अभाव और जानकारी के अभाव के कारण पशुओं में भी मृत्यु दर ज्यादा होता है.

जैसे ही बारिश की मौसम शुरू होता है, तो शहरों, गांवों, जंगलों, कन्दरावों में रहने वाले पशु, पक्षी, मनुष्य और अन्य जानवर जो कि जहरीले सांप, बिच्छु, कीड़े-मकोड़े आदि के चपेट में आ जाते है. इनमें से कुछ प्रभावित जीवों का समय पर ईलाज हो जाने पर बचने की संभावनाएं बढ़ जाती है और वही प्रभावित जीव का समय पर ईलाज नहीं होने पर अधिकांश जीव मृत्यु को गले लगा लेते है. आज हम आपको जानकारी के रूप में ऐसे ही पशुधन से जुड़ी जहरीले सांप, बिच्छु, कीड़े-मकोड़े आदि के काट लेने पर आप अपने पशुधन (गाय, भैंस, बकरी, कुत्ता, बिल्ली, खरगोश, सूअर, मुर्गियाँ आदि) का प्राथमिक उपचार करके जहर के फैलने से कैसे रोक सकते है और अपने पशुधन की हानि या मृत्यु से कैसे बचा सकते है?

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सर्प या सांप काटने की पहचान कैसे करें?

सर्प या सांप काटने की शिकायत बारिश की मौसम में ज्यादा होता है. क्योंकि अक्सर सांप, बिच्छु आदि जैसे जहरीले जीव का निवास जमींन के अन्दर बिल या चट्टान या भिंभोरा आदि में होता है. मगर जैसे ही बरसात के मौसम में बारिश होती है तो बारिश का पानी इनके निवास ( बिल, चट्टान, भिंभोरा ) में भार जाने से जमींन के अन्दर के जीव-जंतु जमीन से बाहर आ जाते हैं. जमीन से बाहर आने के बाद कुछ जीव पेड़ों में, कुछ गाँव के घरों में, कुछ चट्टान आदि में छिप जाते हैं. कई बार पशु चारा चरने के लिये जाता है तो सर्प या सांप पशु को डस लेते हैं. जब पशु चरने के बाद घर लौटता है तो किसान इसकी पहचान नहीं कर पाता है कि पशु को क्या हुआ है?

लक्षण – सर्पदंश से प्रभावित पशु में प्राथमिक लक्षण के तौर पर पशु के मुंह से झाग आ रहा होता है और बेचैन दिखाई देती है. साथ ही पशु बेचैनी की वजह से एक जगह पर शांत खडी न होकर, इधर-उधर घुमती रहती है.

पहचान – यदि पशु में कुछ ऐसे ही लक्षण दिखाई दे तो पशु के पैरों के पास देखें या जाँच करें की कहीं पैरों के पास सांप या सर्प काटने की निशान तो नहीं हैं. क्योंकि पशु चरने के लिये जंगलों में जातें हैं तो कभी-कभी गलती से पशुओं के पैरों के नीचे सांप आ जाते है और डस लेते है. यदि पशु को सांप डसता है तो पशु के पैरों को ध्यान से देखने पर दो बिंदीनुमा निशान दिखाई देता है जो की सांप या सर्प के काटने की आशंका को प्रमाणित करता है.

पशु को सांप या सर्प के काटने पर क्या करें?

1 . सर्पदंश से प्रभावित पशु को बांधकर रखें ताकि पशु ज्यादा इधर-उधर हरकत न करें और जहर ज्यादा न फैले.

2. पशु के जिस हिस्से को सर्प काटा हो उसकी अच्छी तरह से पहचान करें.

3. पशु को सर्प के काटने की स्थान से दूसरी जगह ले जाएँ.

4. सर्प के काटने पर सर्प की फोटो ले लेवें ताकि जहरीली सांप की पहचान की जा सके.

सर्प या सांप के काटने पर प्राथमिक चिकित्सा

1 . पशु के जिस अंग को सर्प ने काटा हो और जहाँ से खून का स्त्राव जाता हो उसके ऊपर पट्टी बांध देवें. अगर पशु की उपचार में देरी हो रहा हो तो पट्टी को हर 30 मिनट में खोल कर दुबारा बांध देवें ताकि अंग में खून का स्त्राव बना रहे.

2. जहाँ पर सांप ने कटा है वहां पर बर्फ लगावे ताकि उस अंग के तापमान को संतुलित रखा जा सके.

3. पशु की उपचार के लिये शीघ्र से शीघ्र पशुचिकित्सक से संपर्क करें.

पशुओं में सर्पदंश का ईलाज

उपचार – सांप काटने पर पशुओं को भी मनुष्य की तरह एंटीवेनम इंजेक्शन दिया जाता है, लेकिन यह एंटीवेनम इंजेक्शन पशुचिकित्सालय में न मिलकर मानव चिकित्सालय में मिलता है. पशुओं को सर्प के काटने पर पशुपालक एंटीवेनम इंजेक्शन के लिये आप पशुचिकित्सक से संपर्क करके भी जिला अस्पताल या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से भी एंटीवेनम इंजेक्शन प्राप्त कर सकते हैं. एंटीवेनम इंजेक्शन मिल जाने के बाद पशुपालक पशुचिकित्सक से एंटीवेनम इंजेक्शन लगवा लेवें.

सर्पदंश की उपयोगी दवाईयां

1 . ग्लुकोकार्टोकोइड जैसे कि डेक्सामेथासोन और हाइड्रोकोर्टी देवें ( केवल एंटीवेनम के साथ कम मात्र में)

2. सांप के जहर को सामान्य करने के लिये एंटीवेनम देवें.

3. अगर सांप के दंश में खून का स्त्राव अधिक मात्रा में हो तो एपिनेफ़रीन टीके के रूप में देवें.

4. पशु को धीरे-धीरे नार्मल सलाईन नस द्वारा दें.

5. पशु को अगर अधिक बुखार हो तो एनाल्जिन का टीका लगवाएं.

6. इन सभी दवाइयों के साथ पशु को पशु को संक्रमण से बचाने के लिये किसी एक एंटीबायोटिक का उपयोग करें.

सर्पदंश से पशु की मौत होने पर क्या करें?

अगर सर्पदंश से आपके किसी पशु की मौत हो जाति है तो जैसे बाढ़, सुखा, दैविक या प्राकृतिक आपदाएं आदि के लिये भारत सरकार के गृह मंत्रालय से वर्ष 2015 में जो गाइडलाइन जारी हुई थी, जिसके तहत अगर पशु की उपर्युक्त कारणों से मृत्यु हो जाति है तथा जिसका पंचनामा बनाकर ग्राम प्रधान दे देते हैं तो पशुपालक को 30 हजार रूपये की राहत राशि दी जाति है. जिससे पशुपालक को मृत पशु की पूरी लागत तो नहीं निकलती है परंतु कुछ क्षतिपूर्ति मिल जाति है.

मृत पशु की बीमा होने पर क्या करें?

यदि पशुपालक अपने मृत पशु का बीमा करा रखें हैं तो पशुपालक को पशु की क्षति की पूरी धनराशी मिल जाति है, लेकिन इसके लिये पशुपालक यदि मृत पशु की मृत्यु सर्पदंश से हुई हो तो पशुचिकित्सक डॉक्टर से पोस्टमार्टम रिपोर्ट लानी होती है. अगर बाढ़ के दौरान सर्प द्वारा कटा गया हो तो पोस्त्मर्तम नहीं हो पाता है, इसके लिए ग्राम प्रधान, लेखपाल और पंच से पंचनामा बनवाकर लाना होता है जिससे पशुपालक को बीमा कंपनी से मुआवजा मिल जाता है.

प्रिय किसान भाइयों पशुओं की उपर्युक्त बीमारी, बचाव एवं उपचार प्राथमिक और न्यूनतम है. संक्रामक बिमारियों के उपचार के लिये कृपया पेशेवर चिकित्सक अथवा नजदीकी पशुचिकित्सालय में जाकर, पशुचिकित्सक से सम्पर्क करें. ऐसे ही पशुपालन, पशुपोषण और प्रबन्धन की जानकारी के लिये आप अपने मोबाईल फोन पर गूगल सर्च बॉक्स में जाकर सीधे मेरे वेबसाइट एड्रेस pashudhankhabar.com का नाम टाइप करके पशुधन से जुड़ी जानकारी एकत्र कर सकते है.

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किसी भी प्रकार की त्रुटि होने पर कृपया स्वयं सुधार लेंवें अथवा मुझे निचे दिए गये मेरे फेसबुक, टेलीग्राम अथवा व्हाट्स अप ग्रुप के लिंक के माध्यम से मुझे कमेन्ट सेक्शन मे जाकर कमेन्ट कर सकते है. ऐसे ही पशुधन, कृषि और अन्य खबरों की जानकारी के लिये आप मेरे वेबसाइट pashudhankhabar.com पर विजिट करते रहें. ताकि मै आप सब को पशुधन से जूडी बेहतर जानकारी देता रहूँ.

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