एनिमल एक्सपर्ट के अनुसार बारिश में पशुओं के लिए टिप्स : According to Animal Expert Tips for Animals in the Rains
एनिमल एक्सपर्ट के अनुसार बारिश में पशुओं के लिए टिप्स : According to Animal Expert Tips for Animals in the Rains, बारिश के मौसम में पशुओं के रख-रखाव के लिए एनिमल एक्सपर्ट ने बताये ये 17 टिप्स. मानसून के दौरान गाय-भैंस बच्छा भी देती हैं. इसलिए ये और भी ये जरुरी हो जाता है किहेल्दी बच्चा मिलने के साथ ही गाय-भैंस का स्वास्थ्य ठीक रहे.
अक्सर बारिश के दौरान होने वाले प्रसवकाल बहुत जोख़िम भरे होते हैं. जरा सी भी लापरवाही होने पर पशुओं में कई तरह से संक्रमण/रोग भी हो सकती है. प्रसव के बाद पशु कितना दूध देगा या कितना नहीं देगा ये सब कुछ उसके खान-पान पर निर्भर करता है. अर्थात जितना अच्छा हरा चारा, सुखा चारा और मिनरल मिक्सचर पशु को खाने में दिया जायेगा पशु उतना ही ज्यादा और फैट युक्त दूध देती है.
आदर्श डेयरी फार्मिंग | पशुधन योजनायें |
पशुधन ख़बर | बकरीपालन |
लेकिन इसके साथ ही मौसम के साथ किया जाने वाल पशुओं का रख-रखाव भी उनके दूध उत्पादन को काफी हद तक प्रभावित करता है. किसी भी परेशानी के चलते अगर पशु तनाव में है तो समझ लीजिये उसका दूध उत्पादन घटना तय है.
इसलिए ये जरुरी है कि मौसम अनुसार चाहे गर्मी या सर्दी का हो या फी मानसून का एनिंल एक्सपर्ट के मुताबिक पशुओं की देखभाल बहुत जरुरी है. ऐसा करने से उत्पादन तो बढ़ता ही है, पशु तमाम तरह के छोटी बड़ी बीमारी से भी बचा रहता है. जिससे पशुपालक इलाज के अतिरिक्त खर्च से बाख जाता है और उसकी उत्पादन लागत नहीं बढ़ती है.
मत्स्य (मछली) पालन | पालतू डॉग की देखभाल |
पशुओं का टीकाकरण | जानवरों से जुड़ी रोचक तथ्य |
मानसून के दौरान ऐसे करें पशुओं की देखभाल के लिए 17 टिप्स
- पशु शेड की छत बहुत मजबूत होनी चाहिए और पानी का रिसाव नहीं होना चाहिए.
- हरा चारा खिलाने से पहले काटकर धुप में सुखा लेना चाहिए.
- मानसून में पशुओं को खिलाने के लिए फीड ब्लॉक बेहतर उपाय है.
- मानसून के दौरान पशुओं के पेट में निमेटोड, ट्रेमेटॉड और सेस्टॉड कीड़े हो जाते हैं.
- बारिश की शुरुवात में, बीच में और आखरी में पशुओं को पेट के कीड़े की कृमिनाशक दवाई देनी चाहिए.
- पशु शेड के पास सभी झाड़ियों और पौधों को काटकर साफ कर देना चाहिए.
- घावों या कटी हुई चोटों को लोशन से धोने के साथ ही उन पर एंटीसेप्टिक मलहम लगाना चाहिए.
- पशु फार्म को बैक्टीरिया रहित बनाने के लिए कीटाणुनाशक दवाइयों का इस्तेमाल करना चाहिए.
- चारा और उससे जुड़ी तमाम चीजों को बारिश या नमी से बचाने के लिए सूखी जगह पर रखनी चाहिए.
- बारिश के मौसम में दूध देने वाले पशुओं को चोट-संक्रमण से बचाना चाहिए.
- बरसात के मौसम में पशुओं का टीकाकरण कराया जाना चाहिए.
- बरसात के दौरान पशुओं को खुले मैदान और खेत में चारा नहीं चराना चाहिए.
- मानसून के दौरान चारा हो या घांस उसमें पानी की मात्रा ज्यादा होती है.
- पशुओं के पिने के लिए साफ, पिने योग्य और ताज़ा पानी होना चाहिए.
- पशुओं को अधिक दूध देने वाले हरे चारे के साथ सुखा चारा भी दिया जाना चाहिए.
- पशुओं को खेत में जमा लाल पानी या कीचड़ वाला पानी नहीं पिने देना चाहिए.
- प्रदूषित पानी पिने से पशुओं को सर्दी, दस्त, ब्लैक क्वार्टर समेत कई बिअमारी भी हो सकती है.
इन्हें भी पढ़ें : किलनी, जूं और चिचड़ीयों को मारने की घरेलु दवाई
इन्हें भी पढ़ें : पशुओं के लिए आयुर्वेदिक औषधियाँ
इन्हें भी पढ़ें : गाय भैंस में दूध बढ़ाने के घरेलु तरीके
इन्हें भी पढ़ें : ठंड के दिनों में पशुओं को खुरहा रोग से कैसे बचायें
प्रिय पशुप्रेमी और पशुपालक बंधुओं पशुओं की उपर्युक्त बीमारी, बचाव एवं उपचार प्राथमिक और न्यूनतम है. संक्रामक बिमारियों के उपचार के लिये कृपया पेशेवर चिकित्सक अथवा नजदीकी पशुचिकित्सालय में जाकर, पशुचिकित्सक से सम्पर्क करें. ऐसे ही पशुपालन, पशुपोषण और प्रबन्धन की जानकारी के लिये आप अपने मोबाईल फोन पर गूगल सर्च बॉक्स में जाकर सीधे मेरे वेबसाइट एड्रेस pashudhankhabar.com का नाम टाइप करके पशुधन से जुड़ी जानकारी एकत्र कर सकते है.
Most Used Key :- पशुओं की सामान्य बीमारियाँ और घरेलु उपचार
किसी भी प्रकार की त्रुटि होने पर कृपया स्वयं सुधार लेंवें अथवा मुझे निचे दिए गये मेरे फेसबुक, टेलीग्राम अथवा व्हाट्स अप ग्रुप के लिंक के माध्यम से मुझे कमेन्ट सेक्शन मे जाकर कमेन्ट कर सकते है. ऐसे ही पशुधन, कृषि और अन्य खबरों की जानकारी के लिये आप मेरे वेबसाइट pashudhankhabar.com पर विजिट करते रहें. ताकि मै आप सब को पशुधन से जूडी बेहतर जानकारी देता रहूँ.