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बकरी का यह नस्ल 10 लीटर तक देती है दूध : Kisan Ko Yah Nasal Ki Bakripalan Kar Degi Malamal

बकरी का यह नस्ल 10 लीटर तक देती है दूध : Kisan Ko Yah Nasal Ki Bakripalan Kar Degi Malamal, बकरी का यह नस्ल छोटे किसानों के लिए गाय से भी बढ़कर है. क्योंकि यह नस्ल की बकरी प्रतिदिन 10 लीटर तक दूध देती है तथा इसका घी भी 3 हजार रूपये किलोग्राम तक बिकती है.

Kisan Ko Yah Nasal Ki Bakripalan Kar Degi Malamal
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सबसे बड़ी बात यह है कि इस नस्ल की बकरी के दूध से बने पनीर का रेट 1000 रूपये किलो होता है. वही, घी की कीमत 3000 रूपये होती है. हालाकि इस नस्ल की बकरियों का पालन हमारे देश में भी शुरू हो गया है. मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान में किसान बड़े स्तर पर सानेन नस्ल की बकरियों का पालन कर रहे हैं.

देश में छोटे और सीमांत किसानों के बीच बकरी पालन काफी तेजी से लोकप्रिय होता जा रहा है. क्योंकि बकरी के दूध और मांस बेच कर किसानों को अच्छी कमाई हो रही है. इससे इनके जीवन स्तर में सुधार आया है. यही वजह है कि केंद्र और राज्य सरकारे भी बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. इसके लिए वह किसानों को बम्फर सब्सिडी भी दे रही है. सब्सिडी के पैसे से किसान बेहतर नस्ल के बकरियों का पालन कर रहे हैं.

लेकिन आज हम एक विदेशी नस्ल के बकरी के बारे में बात करने जा रहे हैं, जो भैंस से भी ज्यादा दूध देती है. खास बात यह है कि इस बकरी का मांस भी सामान्य देशी बकरियों के मुकाबले महंगा बिकता है.

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दरअसल, हम जिस बेहतरीन नस्ल की बकरी के बारे में बात करने जा रहे है, वह ‘सानेन नस्ल’ की बकरी है. यह बकरी नीदरलैंड की नस्ल है. कहा जाता है कि यह विदेश में रोजाना 10 लीटर तक दूध देती है. ऐसे ही भारत में देशी नस्ल की कुछ भैंसें रोज 6-8 लीटर तक दूध देती है. यही नजह है कि सानेन नस्ल की बकरी को सीमांत किसानों की गाय कहा जाता है.

यह बकरी किसानों के लिए एटीएम से कम नहीं है. क्योंकि इसके दूध और मांस की मार्केट में बहुत डिमांड है. ज्यादा दूध देने के चलते इसे दूध की रानी के रूप में भी जाना जाता है. इसकी गिनती दुनिया में सबसे अधिक दूध देने वाली बकरी की नस्लों में होती है.

200 रूपये प्रति किलोग्राम बिकता है दूध

मिडिया रिपोर्ट क्र मुताबिक, सानेन नस्ल की बकरी का रंग सफ़ेद होता है. इसके सींग ऊपर की ओर लम्बे होते हैं, जबकि कान खड़े होते हैं. इस नस्ल के एक नर बकरे का वजन 80 किलोग्राम तक होता है, जबकि मादा का वजन 60 किलोग्राम तक हो सकता है. इसके दूध और मांस में प्रोटीन की मात्रा बहुत अधिक होती है. इसके चलते इसका दूध मार्केट में 150 रु. से 200 रु. तक बिकता है. वही, इसके एक किलो मांस का भी रेट 1000 रूपये से 1500 रूपये तक होता है.

पनीर का रेट है 1000 रूपये प्रति किलोग्राम

ऐसे सानेन नस्ल की बकरियां महज 9 महीने में गर्भधारण के लिए तैयार हो जाती हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि इस नस्ल के बकरी के दूध से बने पनीर का रेट 1000 रूपये किलो होता है. वही, घी की कीमत 3000 रूपये होती है. हालाकि इस नस्ल के बकरियों का पालन देश में भी शुरू हो गया है. मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान में किसान बड़े स्तर पर सानेन नस्ल की बकरियों का पालन कर रहे हैं. इससे उन्हें अच्छी कमाई हो रही है.

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45 दिन पहले जन्मी बकरी दे रही दूध

ख़बरों के मुताबिक कल्लोथी गाँव के रहने वाले किसान अन्नाप्पा के घर 45 दिन पहले एक मादा बकरी ने जन्म लिया था. जन्म के समय से ही बकरी के लक्षण सही नही बताये जा रहे हैं. बकरी के थन में सूजन के साथ दो के जगह चार ग्रंथियां थी.

गाँव हो या शहर लगभग हर जगह से कई बार हमें कुछ अजीबोगरीब सुनने को जरुर मिल जाता है. ऐसी ही कुछ अजीब घटना हुई बेलगावी के कल्लोथी गाँव में रहने वाले एक किसान का. दरअसल, किसान के घर 45 दिन पहले एक प्यारी सी बकरी ने जन्म लिया था जिसमें कुछ अजीब लक्षण देखने को मिल रहे हैं.

45 दिन पहले जन्मी बकरी दे रही दूध

कल्लोथी गाँव के रहने वाले किसान अन्नप्पा के घर 45 दिन पहले एक मादा बकरी ने जन्म लिया था. जन्म के समय से बकरी के लक्षण सही नहीं बतये जा रहे थे. बकरी के थन में सूजन के साथ दो की जगह चार ग्रंथियां थी. पहले to अन्नप्पा को यह सामान्य लगा लेकिन उन्हें आश्चर्य तब हुआ जब 45 दिन की बकरी दूध देने लगी.

क्या कहते हैं डॉक्टर

अजब-गजब को देखकर अन्नप्पा ने डॉक्टर को बुलाया. डॉक्टर का भी यही कहना है कि ये मामला हैरान कर देने वाला है. यह लगभग एक लाख में से एक घटना है. डॉक्टर का कहना है कि इस घटना के पीछे बकरी के हार्मोनल असंतुलन जिम्मेदार है. हालाकि बकरी के अच्छे से जाँच करने के बाद डॉक्टर ने उसे स्वस्थ बताया है.

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