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जन्म से छोटे बछड़ों का देखभाल कैसे करें । Chhote Bachche Ka Janm Se Dekhbhal Kaise Kare

जन्म से छोटे बछड़ों का देखभाल कैसे करें । Chhote Bachche Ka Janm Se Dekhbhal Kaise Kare, आदर्श डेयरी उद्योग की सफलता के लिए बछड़ों का जन्म से दो महीने पहले ही देखभाल करना आवश्यक है। बछड़ों का जन्म लेने के बाद उनके प्रबंधन से सम्बंधित गतिविधियों पर ध्यान देना अति महत्वपूर्ण होता है।

Chhote Bachche Ka Janm Se Dekhbhal Kaise Kare
Chhote Bachche Ka Janm Se Dekhbhal Kaise Kare

आज डेयरी फार्मिंग की पारम्परिक द्वारा चलाए जाने वाले व्यापार से, एक संगठित डेयरी उद्योग जिसकी ही प्रक्रिया में तकनीकी विशेषताएं हैं के रूप में वृद्धि हुई है. जैसे कि पशु के दूध का उत्पादन, दूध देने की अवधि, बछड़ा उत्पादन में नियमितता, चारे का मूल्य, श्रम लागत और प्रबन्धन आदि।  पशुओं में प्रजनन, उत्पादन कार्य में नेक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नियमित रूप से प्रजनन एवं उत्पादन के लिए पोषण और स्वास्थ्य में देखभाल बहुत महत्वपूर्ण है।

अच्छा खाना खिलाने तथा प्रबन्धन के कार्यक्रम बछड़े के जन्म होने से दो महीने पहले ही शूरू कर दिए जाने चाहिए। बछड़े के विकास का एक बड़ा गर्भ आखिरी दो महीने के भीतर होता है। मादा के प्रबन्धन कार्यक्रम का प्रभाव उसके कोलोस्ट्रम में पाई जाने वाली एंटीबोयोड़ीज की गुणवत्ता और मात्रा पर पड़ता है जिसका सीधा प्रभाव बछड़े के स्वास्थ्य पर पड़ता है। इसलिए, नवजात बछड़ों की देखभाल के लिए कुछ प्रबन्धन के तरीके  अपनाने चाहिए जो कि इस प्रकार हैं.

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शेल्टर प्रबन्धन

आवास का उद्देश्य बछड़ों को धूप, बारिश और अन्य ख़राब मौसम के खिलाफ आश्रय प्रदान करना है ।  युवा बछड़ों के पालन में यह जरुरी है कि एक खुला व्यायाम मांडक सीधे उनका आश्रय तथा खिलाने के घर के साथ संवाद स्थापित करने के लिए प्रदान किया जाना चाहिए साथ ही पीने का स्वस्छ पानी हेमशा उनके लिए उपलब्ध होना चाहिए। एक बछड़े के बेहतर प्रबन्धन और देखभाल के लिए 4 से 6 फीट फर्श की जगह प्रदान की  जानी चाहिए।

भोजन प्रबन्धन

कोलोस्ट्रम दूध पिलाना – बछड़े को जन्म देने के बाद गाय जो पहला दूध देती है उसे बछड़े को अवश्य प्राप्त करना चाहिए जिसे कोलोस्ट्रम कहा जता है। बछड़े के जन्म के पहले तीन दिन तक उसे प्रतिदिन 2-2.5 लीटर के बीच काफी कोलोस्ट्रम खिलाना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। अतिरिक्त कोलोस्ट्रम झुण्ड में अन्य बछड़ों को सामान्यतः पिलाए जाने वाले दूध की मात्रा के बराबर खिलाया जा सकता है। अगर एक गाय का ब्याने के पहले दूध निकाला जा चूका है तो जहाँ तक संभव हो, कुछ कोलोस्ट्रम बाद में बछड़ों को खिलाने के लिए जमा का रख दें। इनमें कुछ भी बर्बाद नहीं किया जाना चाहिए।

संपूर्ण दूध पिलाना – पूरा दूध पिलाते समय, बछड़ों को नीह्स दी गई भोजन सूची के नुसार खिलाया जाना चाहिए। तीन महीने बाद बछड़ों की मुख्य भोजन के पहले का खाद्य (स्टार्टर) तह अच्छी गुन्वत्त्ता की उपलब्धि फलियाँ या हरी घास खिलाई जा सकती है।

महीने तक के बछड़े के लिए भोजन सूची

स्वास्थ्य प्रबन्धन – स्वास्थ्य प्रबन्धन कि रणनीति होनी चाहिए कि रोकथाम इलाज से बेहतर है। बछड़े के सबसे घातक रोग, बछड़ा परिमार्जन, निमोनिया दस्त और खुरपका-मुंह पका। बाह्य एवं आतंरिक परजीवी भी महत्वपूर्ण हैं।कृमिनाशक का उपयोग नियमित रूप से किया जाना चाहिए।

कृमिनाशक का उपयोग नियमित रूप से किया जाना चाहिए। कृमिनाशक साल में दो बार दिया जाना चाहिए। एक बार बरसात के मौसम (अप्रैल-मई) की शुरुआत में और एक बार बरसात (अक्तूबर-नवंबर) के मौसम के अंत में, अगर बछड़े त्वचा रोगों से प्रभावित जाना चाहिए। नुगुवन, गैमिक्सिन को बाह्य परजीवी तथा ए-मैक्टीन, बैनाजोल, लेवावेट आदि को लीवर फ्लूक, टेप वार्म तथा गोल कृमि के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, निम्न उपायों को बछड़ों को रोग मुक्त करने के लिए उपयोग में लाया जाना चाहिए-

  • बछड़े को जन्म देने के बाद कोलोस्ट्रम खिलाया जाना चाहिए।
  • पशु घर को साफ एवं शुष्क रख जाना चाहिए।
  • बछड़े को मादा से अलग रखा जाना चाहिए।
  • बछड़े के शरीर को गंदे पदार्थों से साफ रखा जाना चाहिए।
  • दूध और अन्य खाद्य सामग्री को पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति की जानी चाहिए।
  • बीमार बछड़े को स्वस्थ बछड़े से अलग रखा जाना चाहिए।
  • जरूरत के अनुसार नियमित टीकाकरण एवं कृमिनाशक कराया जाना चाहिए।
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गाय के बछड़े का पालन उसके पैदा होने से पहले ही शुरू हो जाता है। अच्छे से ना खिलाए जाने वाली गाय कुपोषित बछड़ों को जन्म देती है। चूँकि अजन्मे बछड़े का अधिकाँश विकास जन्म से 3-5 महीने पहले होता है इसलिए इस समय गाय को भरपूर खाना खिलाने में विशेष देखभाल की जानी चाहिए। जन्म के बाद बछड़े को स्वस्छ वातावरण में ध्यानपूर्वक पाला जाना चाहिए और अगत संभव हो तो भविष्य में बेहतर विकास के लिए नवजात बछड़े का प्रबन्धन व देखभाल एक बहुत ही महत्वपूर्ण क्रिया है जो एक कुशल व्यक्ति द्वारा की जानी चाहिए।

बछड़े की आयुअनुमानित शरीर का वजन (कि,ग्रा,)दूध की मात्रा (कि.ग्रा.)स्टार्टर की मात्रा (कि.ग्रा.)हरी घास  (कि.ग्रा.)
4 दिन से 4 सप्ताह252.5कम मात्राकम मात्रा
4-६ सप्ताह30३.050-100कम मात्रा
६-8 सप्ताह352.5100-250कम मात्रा
8-10 सप्ताह402.0250-350कम मात्रा
10-12 सप्ताह451-5350-5001-0
12-16 सप्ताह55500-7501-2
16-20 सप्ताह65750-10002-3
20-24 सप्ताह751000-1500३-5
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