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पशुधन पशुपालन और पशु संवर्धन क्या है : What is Livestock Animal Husbandry And Animal Promotion

पशुधन पशुपालन और पशु संवर्धन क्या है : What is Livestock Animal Husbandry And Animal Promotion – पशुपालन एवं डेयरी विभाग का उद्देश्य पशु स्वास्थ्य रक्षा तथा पशु संवर्धन एवं संरक्षण के माध्यम से पशुधन एवं कुक्कुट उत्पाद में वृद्धि करना तथा कमजोर वर्ग के हितग्राहियों को पशुपालन के माध्यम से आर्थिक लाभ पहुँचाना है.

What is Livestock Animal Husbandry And Animal Promotion
What is Livestock Animal Husbandry And Animal Promotion

पशुधन पशुपालन और पशु संवर्धन क्या है : What is Livestock Animal Husbandry And Animal Promotion – पशुपालन एवं डेयरी विभाग का उद्देश्य पशु स्वास्थ्य रक्षा तथा पशु संवर्धन एवं संरक्षण के माध्यम से पशुधन एवं कुक्कुट उत्पाद में वृद्धि करना तथा कमजोर वर्ग के हितग्राहियों को पशुपालन के माध्यम से आर्थिक लाभ पहुँचाना है. हमारा पशुधन ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन एक महत्वपूर्ण गतिविधि है, जिससे कृषि पर आश्रित परिवारों को अनुपूरक आय तो प्राप्त होती ही है, साथ ही पशु उत्पाद प्रोटीन का प्रमुख स्त्रोत भी है. सूखा एवं अन्य प्राकृतिक विपदाओं जैसे आकस्मिता के समय पशुधन ही आय का एक मात्र स्त्रोत के रूप में उपलब्ध होता है. इस प्रकार पशुधन ग्रामीणों की अर्थव्यवस्था में प्रमुख स्थान रखता है.

20वी पशु संगणना का रिपोर्ट –

Reports of 20th Animal Census – मत्‍स्‍य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा जारी 20वीं पशुधन गणना रिपोर्ट के आंकड़े पर एक नजर डालें. यह गणना न केवल नीति निर्माताओं, बल्कि कृषि विशेषज्ञों, व्‍यापारियों, उद्यमियों, डेयरी उद्योग और आम जनता के लिए भी लाभप्रद साबित होगी. इस रिपोर्ट से कुछ ऐसे अहम निष्‍कर्ष उभर कर सामने आए हैं जो पशुओं की  विभिन्‍न नस्‍लों की कुल संख्‍या के साथ-साथ पिछली गणना से इसकी तुलना को भी प्रतिबिंबित करते हैं.

20वीं पशुधन गणना के महत्‍वपूर्ण निष्‍कर्ष –

  • देश में कुल पशुधन आबादी 535.78 मिलियन है जो पशुधन गणना- 2012 की तुलना में 4.6 प्रतिशत अधिक की वृद्धि दर्शाती है.
  • इनमें कुल गोजातीय आबादी (मवेशी, भैंस, मिथुन एवं याक) वर्ष 2019 में 302.79 मिलियन आंकी गई है, जो पिछली गणना की तुलना में लगभग 1 प्रतिशत अधिक है.
  • देश में मवेशी की कुल संख्‍या वर्ष 2019 में 192.49 मिलियन है जो पिछली गणना की तुलना में 0.8 प्रतिशत ज्‍यादा है.
  • मादा मवेशी (गायों की कुल संख्‍या) 145.12 मिलियन आंकी गई है जो पिछली गणना (2012) की तुलना में 18.0 प्रतिशत अधिक है.
  • विदेशी/संकर नस्‍ल और स्‍वदेशी//अवर्गीय मवेशी की कुल संख्‍या देश में क्रमश: 50.42 मिलियन और 142.11 मिलियन है.
  • स्‍वदेशी/अवर्गीय मादा मवेशी की कुल संख्‍या वर्ष 2019 में पिछली गणना की तुलना में 10 प्रतिशत बढ़ गई है.
  • विदेशी/संकर नस्‍ल वाली मवेशी की कुल संख्‍या वर्ष 2019 में पिछली गणना की तुलना में 26.9 प्रतिशत बढ़ गई है.
  • स्‍वदेशी/अवर्गीय मवेशी की कुल संख्‍या पिछली गणना की तुलना में 6 प्रतिशत कम हो गई है। हालांकि, 2012-2019 के दौरान स्‍वदेशी/अवर्गीय मवेशी की कुल संख्‍या में कमी की गति 2007-12 के लगभग 9 प्रतिशत की तुलना में अपेक्षाकृत काफी कम है.
  • देश में भैंसों की कुल संख्‍या 109.85 मिलियन है जो पिछली गणना की तुलना में लगभग 1.0 प्रतिशत अधिक है.
  • गायों और भैंसों में कुल दुधारू पशुओं की संख्‍या 125.34 मिलियन है जो पिछली गणना की तुलना में 6.0 प्रतिशत अधिक है.
  • देश में भेड़ की कुल संख्‍या वर्ष 2019 में 74.26 मिलियन है जो पिछली गणना की तुलना में 14.1 प्रतिशत ज्‍यादा है.
  • देश में बकरी की कुल संख्‍या वर्ष 2019 में 148.88 मिलियन है जो पिछली गणना की तुलना में 10.1 प्रतिशत अधिक है.
  • वर्तमान गणना में देश में सुअर की कुल संख्‍या 9.06 मिलियन आंकी गई है जो पिछली गणना की तुलना में 12.03 प्रतिशत कम है.
  • मिथुन, याक, घोड़े, टट्टू, खच्चर, गधे, ऊंट सहित अन्य पशुधन आपस में मिलकर कुल पशुधन में लगभग 0.23 प्रतिशत का योगदान करते हैं और उनकी कुल संख्‍या 1.24 मिलियन है.
  • देश में कुल पोल्‍ट्री संख्‍या वर्ष 2019 में 851.81 मिलियन आंकी गई है जो 16.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है.
  • देश में घरों के आंगन में पोल्‍ट्री की कुल संख्‍या 317.07 मिलियन आंकी गई है जो पिछली गणना की तुलना में लगभग 46 प्रतिशत ज्‍यादा है.
  • देश में वाणिज्यिक पोल्‍ट्री की कुल संख्‍या 534.74 मिलियन है जो पिछली गणना की तुलना में 4.5 प्रतिशत अधिक है.

भारत में पहली पशु संगणना –

देश में पशुधन गणना वर्ष 1919-20 से ही समय-समय पर की जाती रही है. पशुधन गणना में सभी पालतू जानवरों और उनकी संख्‍या को कवर किया जाता है. अब तक राज्‍य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन की भागीदारी से इस तरह की 19 गणनाएं आयोजित की गई हैं. 20वीं पशुधन गणना सभी राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों की भागीदारी से आयोजित की गई. यह गणना ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में की गई पशुओं (मवेशी, भैंस, मिथुन, याक, भेड़, बकरी, सुअर, घोड़ा, टट्टू, खच्चर, गधा ऊंट, कुत्ता, खरगोश और हाथी) के विभिन्‍न नस्‍लों और घरों, घरेलू उद्यमों/गैर-घरेलू उद्यमों और संस्थानों में मौजूद पोल्ट्री पक्षियों (मुर्गी, बतख, एमु, टर्की, बटेर और अन्य पोल्ट्री पक्षियों) की गणना संबंधित स्‍थलों पर ही की गई है.

20वीं पशुधन गणना के तहत टैबलेट कंप्‍यूटरों के जरिये डेटा संग्रह पर विशेष बल दिया गया है. 20वीं पशुधन गणना को निश्चित तौर पर एक अनूठा प्रयास इसलिए माना जाना चाहिए क्‍योंकि पहली बार संबंधित क्षेत्र से ऑनलाइन संप्रेषण के जरिये घरेलू स्‍तर के आंकड़ों के डिजिटलीकरण के लिए इस तरह की बड़ी पहल की गई है. राष्‍ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) ने एक मोबाइल एप्‍लीकेशन सॉफ्टवेयर विकसित किया है और इसका उपयोग डेटा संग्रह के साथ-साथ संबंधित क्षेत्र से एनआईसी के सर्वर पर डेटा के ऑनलाइन संप्रेषण के लिए किया गया. चूंकि भारत एक ऐसा विशाल देश है जहां पशुधन की संख्‍या भी विशाल है, इसलिए विशेषकर नस्‍लों और उनकी उम्र-संरचना के साथ ऑनलाइन प्‍लेटफॉर्म पर डेटा संग्रह करना वास्‍तव में एक बड़ी चुनौती है. इन चुनौतियों से पार पाते हुए 20वीं पशुधन गणना में 27 करोड़ से भी अधिक घरेलू एवं गैर-घरेलू मवेशी के आंकड़ों का संग्रह किया गया है, ताकि देश में पशुधन और पोल्‍ट्री की कुल संख्‍या का सटीक आकलन किया जा सके.

Reports of 20th Animal Census – गणना से जुड़ी इस समूची प्रक्रिया में राज्‍यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों ने 80,000 से भी अधिक ऐसे क्षेत्रीय कर्मचारियों की सेवाएं लीं जो मुख्‍यत: पशु चिकित्सक और पैरा-पशु चिकित्सक हैं, ताकि 20वीं पशुधन गणना का संचालन सुगमतापूर्वक किया जा सके. इस गणना का एक महत्‍वपूर्ण घटक प्रशिक्षण था क्‍योंकि पहली बार क्षेत्रीय कर्मचारियों (फील्‍ड स्‍टाफ) के लिए टैबलेट कंप्‍यूटर का संचालन अनिवार्य किया गया, ताकि इतने बड़े पैमाने पर गणना कार्य सुव्‍यवस्थित रूप से हो सके. विभिन्‍न स्‍तरों पर प्रशिक्षण देने का काम पूरा किया गया जिसकी शुरुआत दिल्‍ली में आयोजित ‘प्रशिक्षकों के लिए अखिल भारतीय प्रशिक्षण कार्यशाला’ के साथ हुई. बाद में राज्‍य और जिला स्‍तर पर भी प्रशिक्षण देने का काम पूरा किया गया. प्रशिक्षण देने के अलावा प्रशिक्षण मैनुअल, ट्यूटोरियल वीडियो, ऑनलाइन ई-लर्निंग कक्षाओं इत्‍यादि की भी व्यवस्था की गई.

छत्तीसगढ़ में पशु संगणना के आंकड़े –

20th Animal Census in Chhattisgarh State – छत्तीसगढ़ राज्य में 20वीं पशु संगणना वर्ष 2019 के अनुसार लगभग 1.59 करोड़ पशुधन संख्या है. जिसमें गौ वंशीय पशु संख्या 62.90%, भैंस वंशीय 7.40%, बकरी 25.24%, भेड़ 1.13% एवं सूकर संख्या 3.33% है. इससे स्पष्ट है कि ग्रामों में गरीबी उन्नमूलन हेतु पशुपालन की अहम भूमिका है.

प्रदेश में विभिन्न प्रजातियों की पशुधन संख्या

प्रमुख पशुधन17 वीं पशु संगणना 200318 वीं पशु संगणना 200719 वीं पशु संगणना 201220 वीं पशु संगणना 2019
गौ वंशीय (लाख में)88.8194.9198.1399.84
भैंस वंशीय (लाख में)15.9816.0513.9011.75
बकरी (लाख में)23.3627.6832.2540.06
भेड़ (लाख में)1.211.401.681.80
सूकर (लाख में)5.534.134.395.27
कुक्कुट (लाख में)81.81142.45179.55187.12

Reports of 20th Animal Census

पशुपालन का प्रमुख उद्देश्य –

पशुपालन के चार स्तंभ कुशल प्रबंधन, संतुलित पोषण, उन्नत प्रजनन और रोग नियंत्रण को दृष्टिगत रखते हुये पशुधन विकास विभाग का उद्देश्य समयबद्ध तरीके से पशु स्वास्थ्य सेवा, प्रशिक्षण एवं विस्तार सेवा के माध्यम से राज्य के पशुधन उत्पाद में वृद्धि करना है. उन्नत पशु-पक्षी प्रदाय कर पशुधन आधारित जीविकोपार्जन के साधनों में बढ़ोतरी करते हुए राज्य के छोटे पशुपालकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है.

इस प्रकार पशुधन ग्रामीण परिवार को सुनिश्चित आय के साधन तो प्रदान करते ही है,साथ ही रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराते है. पशुधन से दूध, अण्डा, मांस, ऊन, चमड़े, परिवहन हेतु उर्जा, जैविक खाद एवं रसोई हेतु उपले आदि उपलब्ध होते हैं. पशुपालन में क्रांतिकारी परिवर्तन, छोटे पशुपालकों को गरीबी एवं कुपोषण से मुक्ति तथा बाजार अर्थव्यवस्था की मुख्य धारा से जुड़कर आर्थिक विकास में सहायक होगा, इसे सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट पशुधन विकास एवं प्रजनन नीति का सृजन किया गया है. नीति अन्तर्गत राज्य में पशुधन विकास के सभी पहलुओं/परिस्थितियों की प्राथमिकताओं, क्षमताओं एवं संभावनाओं का निर्धारण किया गया है.

पशुधन विकास विभाग के कर्तव्य –

1. पशुधन स्वास्थ्य रक्षाः- रोग प्रतिबंधात्मक टीकाकरण, रोग अन्वेषण एवं उपचार.

2. पशु प्रजननः- कृत्रिम गर्भाधान /प्राकृतिक गर्भाधान से सुनियोजित प्रजनन.

3. प्रशिक्षण एवं विस्तारः- कुशल पशुधन प्रबंधन, कुपोषण दूर करना, चारा विकास, मानव संसाधन विकास.

4 पशुधन विकास संबंधी:- व्यक्तिमूल योजनाओं का क्रियान्वयन.

5. रोजगार :- रोजगारोन्मुख बैंक क्रेडिट लिंक्ड योजनाओं का क्रियान्वयन.

6. ग्रामीण विकास :- सामाजिक आर्थिक उन्नयन हेतु विकास योजनाओं का क्रियान्वयन.

पद संरचना –

पशुधन विकास विभाग का प्रशासनिक नियंत्रण एवं विभागीय क्रियाकलापों का क्रियान्वयन कृषि उत्पादन आयुक्त, सचिव कृषि (पशुपालन) छत्तीसगढ़ शासन के अधीन संचालित है.

20th Animal Census in Chhattisgarh State

राज्य स्तरीय पद संरचना

संचालनालय स्तर पर संचालक को आवश्यक प्रशासनिक, तकनीकी एवं कार्यपालिक सहयोग हेतु अपर संचालक, संयुक्त संचालक, उप संचालक, पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ, सहायक संचालक (सांख्यिकी) पदस्थ है. इस स्तर से पशु चिकित्सा, पशु प्रजनन, चारा विकास एवं पशुपालन विकास कार्यों, न्यादर्श सर्वेक्षण, पशु संगणना तथा विभिन्न केन्द्रीय योजनाओं के कार्यों का नियंत्रण का कार्य किया जाता है.

जिला स्तरीय पद संरचना

संभागीय मुख्यालय रायपुर, बिलासपुर, जगदलपुर में संयुक्त संचालक एवं शेष 25 जिलों में उप संचालक कार्यालय प्रमुख के रूप में कार्यरत है.

तहसील एवं ब्लांक स्तरीय पद संरचना

इस स्तर पर पशु चिकित्सालय/कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र/मुख्य ग्राम खण्ड जैसी संस्थायें कार्यरत है, जहां पर पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ पदस्थ है.

ग्राम स्तरीय पद संरचना

इस स्तर पर पशु औषधालय/कृत्रिम गर्भाधान उपकेन्द्र/मुख्य ग्राम इकाई संचालित है, जहां पर सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी पदस्थ है.

पशु स्वास्थ्य रक्षा एवं विकास कार्यो हेतु संचालित संस्थायें –

पशु चिकित्सालय340केन्द्रीय वीर्य संग्रहालय (संभाग स्तरीय)05
पशु औषधालय829राज्य पशु चिकित्सालय01
पशु रोग अनुसंधान प्रयोगशाला16राज्य पशु रोग अनुसंधान प्रयोगशाला01
मोटर सायकिल चलित इकाई20मुख्य ग्राम खण्ड10
चलित पशु चिकित्सा इकाई27मुख्य ग्राम खण्ड उपकेन्द्र99
एम्बुलेंट्री पशु चिकित्सा इकाई08कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र22
केन्द्रीय वीर्य संग्रहालय (राज्य स्तरीय)01कृत्रिम गर्भाधान उपकेन्द्र248

पशु उत्पाद की स्थिति –

पशु उत्पादछत्तीसगढराष्ट्रीय (2019-20)
(2001-02)(2019-20)
दुग्ध (हजार टन)7951677198405
अण्डा (लाख में)7704202891143831
मांस (हजार टन)9.5466.068599.40

प्रति व्यक्ति पशु उत्पाद की उपलब्धता –

पशु उत्पादछत्तीसगढराष्ट्रीय
(2001-02)(2019-20)(2019-20)
दुग्ध (ग्राम प्रतिदिन)104152406
अण्डा संख्या (प्रतिवर्ष)376786

What is Livestock Animal Husbandry And Animal Promotion

मेरे प्रिय पशुपालक और पशुधन प्रेमियों उपर्युक्त आर्टिकल के द्वारा पशुधन से जुड़ी अहम् आंकड़े और महत्वपूर्ण भूमिकाओं दर्शाने की कोशिश किया गया है. इस लेख में पशुधन विकास विभाग और संबंधित पशुधन वेबसाइट पोर्टल के माध्यम से उचित आंकड़ो पर लेख लिखा गया है, परंतु किसी भी प्रकार की त्रुटियाँ होने की सम्भावनायें हो सकती है.

किसी भी प्रकार की त्रुटि होने पर कृपया स्वयं सुधार लेंवें अथवा मुझे निचे दिए गये मेरे फेसबुक, टेलीग्राम अथवा व्हाट्स अप ग्रुप के लिंक के माध्यम से मुझे कमेन्ट सेक्शन मे जाकर कमेन्ट कर सकते है. ऐसे ही पशुधन, कृषि और अन्य खबरों की जानकारी के लिये आप मेरे वेबसाइट pashudhankhabar.com पर विजिट करते रहें. ताकि मै आप सब को पशुधन से जूडी बेहतर जानकारी देता रहूँ.

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