भैंस की प्रमुख नस्लें कौन सी है : What are the Main Breed of Buffalo
भैंस की प्रमुख नस्लें कौन सी है : What are the Main Breed of Buffalo, भारत में पशुधन के गौवंशी और भैंसवंशीय पशुओं की विभिन्न प्रजातियां है. इसमें भारत में पाई जाने वाली भैंसवंशीय पशु जैसे – मुर्राह, भदावरी, सुरती, महेशाणी, जाफरावादी और नागपुरी प्रमुख नस्ल है. भारत की मुर्राह भैंस विश्व में सर्वाधिक दूध देने वाली भैंसवंशीय पशु है.

भैंस की प्रमुख नस्लें कौन सी है : What are the Main Breed of Buffalo, भारत में पशुधन के गौवंशी और भैंसवंशीय पशुओं की विभिन्न प्रजातियां है. इसमें भारत में पाई जाने वाली भैंसवंशीय पशु जैसे – मुर्राह, भदावरी, सुरती, महेशाणी, जाफरावादी और नागपुरी प्रमुख नस्ल है. भारत की मुर्राह भैंस विश्व में सर्वाधिक दूध देने वाली भैंसवंशीय पशु है. यह नस्ल प्रायः भारत के सभी हिस्सों में पाई जाति है. इस नस्ल की मुख्य विशेषता इनके छोटे एवं मुड़े हुए सींग है. इस नस्ल का गृह क्षेत्र हरियाणा के रोहतक, हिंसार, जींद व करनाल जिला और पंजाब, दिल्ली, उत्तरप्रदेश है.
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1 . मुर्रा/मुर्राह भैंस (Murrah Buffalo)
उत्पत्ति/मूल स्थान – मुर्रा नस्ल के उत्पत्ति का मूल स्थान हरियाणा के रोहतक, हिंसार, जींद व करनाल जिला और पंजाब, दिल्ली, उत्तरप्रदेश है.
रंग – मुर्रा नस्ल के पशुओं का रंग गहरा काला या जेट ब्लैक रंग के होते हैं. पूंछ लम्बी, पतली और सफ़ेद बालों से मिले गुच्छों वाली होती है.
सींग – इस नस्ल के भैंस का सींग छोटे और कुंडलदार मुड़े होते है.
माथा – इनका माथा चौड़ा और उभरा होता है. सिर हल्का होता है तथा इनके गर्दन छोटी पर मोटी होती है.
वजन – इस नस्ल के नर भैंस का वजन 600 – 700 किलोग्राम तक होता है तथा मादा पशु का वजन 400 – 500 किलोग्राम तक होता है.
प्रथम ब्यात का उम्र – मुर्रा नस्ल के भैंस में प्रथम ब्यात का उम्र 40 – 45 माह है. तथा दो ब्यात के बीच का अंतर 450 से 500 दिन है.
औसतन दूध उत्पादन – मुर्रा नस्ल के भैंस में औसतन दूध उत्पादन प्रति ब्यात 1650 – 2000 किलोग्राम/लीटर प्रति भैंस हैं. इनके थन सुविकसित होते है. यह भैंसवंशीय पशु में विश्व की सर्वाधिक दूध देने वाली नस्ल है.
दूध में वसा का प्रतिशत – मुर्रा नस्ल के भैंस के दूध में 6.9 – 7.2 प्रतिशत वसा (Fat) पाया जाता है.

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2. भदावरी भैंस
विशेषता – भदावरी नस्ल को विश्व का विलक्षण नस्ल कहा जाता है. क्योंकि इसके दूध में समस्त भैंसवंशीय पशु की तुलना में सर्वाधिक वसा पाया जाता है. अतः इसे भारत के घी के कटोरा के नाम से जाना जाता है. इस नस्ल का गृह क्षेत्र उत्तर प्रदेश की भदावरी तहसील, जिला आगरा एवं जिला इटावा है.
उत्पत्ति/मूल स्थान – भदावरी नस्ल के भैंस की उत्पत्ति का मूल स्थान उत्तर प्रदेश की भदावरी तहसील, जिला आगरा एवं जिला इटावा है.
रंग – भदावरी नस्ल के पशुओं का रंग बादामी या तांबे रंग के होते हैं.
सींग – इस नस्ल के भैंस का सींग ऊपर की ओर मुड़े हुए होते है.
माथा – इनका माथा चौड़ा और नीचे दबा हुआ होता है.
वजन – इस नस्ल के नर भैंस का वजन 500 – 600 किलोग्राम तक होता है तथा मादा पशु का वजन 400 – 500 किलोग्राम तक होता है.
प्रथम ब्यात का उम्र – भदावरी नस्ल के भैंस में प्रथम ब्यात का उम्र 42 – 47 माह है तथा दो ब्यात के बीच का अंतर 500 से 550 दिन है.
औसतन दूध उत्पादन – भदावरी नस्ल के भैंस में औसतन दूध उत्पादन प्रति ब्यात 1000 – 1500 किलोग्राम/लीटर प्रति भैंस हैं. यह भैंसवंशीय पशु में विश्व की सर्वाधिक वसा देने वाली नस्ल की भैंस है.
दूध में वसा का प्रतिशत – भदावरी नस्ल के भैंस के दूध में 11.00 – 13.00 प्रतिशत वसा (Fat) पाया जाता है.

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3. सुरती भैंस
उत्पत्ति/मूल स्थान – सुरती नस्ल के भैंस की उत्पत्ति का मूल स्थान गुजरात का खेड़ा, बड़ौदा एवं सूरत जिला है.
रंग – सुरती नस्ल के भैंस का रंग भूरा या काले रंग के होते हैं.
सींग – इस नस्ल के भैंस का सींग हंसिये के आकार के होते है. तथा भैस का आकार छोटा तथा गठा हुआ होता है.
माथा – इनके माथे के बीच सफ़ेद दाग पाये जाते हैं तथा पूंछ का निचला हिस्सा सफ़ेद होता है.
वजन – इस नस्ल के नर भैंस का वजन 400 – 550 किलोग्राम तक होता है तथा मादा पशु का वजन 400 – 500 किलोग्राम तक होता है.
प्रथम ब्यात का उम्र – सुरती नस्ल के भैंस में प्रथम ब्यात का उम्र 40 – 45 माह है तथा दो ब्यात के बीच का अंतर 500 से 550 दिन है.
औसतन दूध उत्पादन – सुरती नस्ल के भैंस में औसतन दूध उत्पादन प्रति ब्यात 1700 – 1800 किलोग्राम/लीटर प्रति भैंस हैं.
दूध में वसा का प्रतिशत – सुरती नस्ल के भैंस के दूध में 7.5 प्रतिशत वसा (Fat) पाया जाता है.

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4. महेशाणी भैंस
उत्पत्ति/मूल स्थान – महेशाणी नस्ल के भैंस की उत्पत्ति का मूल स्थान गुजरात राज्य के महेशाणा जिला है. इस नस्ल की उत्पत्ति मुर्राह नस्ल के सांड और सुरती नस्ल के मादा के प्रजनन से हुई है.
रंग – महेशाणा नस्ल के भैंसों का रंग काला से भूरा होता हैं और कद मध्यम आकार की होती है.
सींग – इस नस्ल के भैंस का सींग ऊपर की ओर मुड़े हुए होते है.
माथा – इस नस्ल के चेहरे पर सफ़ेद बाल तथा पैर और पूंछ के आखरी हिस्से पर भी सफ़ेद बाल पाये जाते है.
वजन – इस नस्ल के नर भैंस का वजन 450 -500 किलोग्राम तक होता है तथा मादा पशु का वजन 400 – 500 किलोग्राम तक होता है.
प्रथम ब्यात का उम्र – महेशाणा नस्ल के भैंस में प्रथम ब्यात का उम्र 42 – 47 माह है तथा दो ब्यात के बीच का अंतर 500 से 550 दिन है.
औसतन दूध उत्पादन – महेशाणा नस्ल के भैंस में औसतन दूध उत्पादन प्रति ब्यात 1800 किलोग्राम/लीटर प्रति भैंस हैं.
दूध में वसा का प्रतिशत – महेशाणा नस्ल के भैंस के दूध में 7.5 प्रतिशत वसा (Fat) पाया जाता है.

5 . जाफरावादी भैंस
उत्पत्ति/मूल स्थान – जाफरावादी नस्ल के भैंस की उत्पत्ति का मूल स्थान गुजरात राज्य के काठियावाड़ क्षेत्र और गिर का जंगल है.
रंग – जाफरावादी नस्ल के भैंसों का रंग काला होता हैं और शरीर बहुत बड़ा लम्बा होता है.
सींग – इस नस्ल के भैंस का सिर और सींग बहुत बड़ा होता है.
माथा – इस नस्ल के भैंस का माथा उभरा हुआ और ऑंखें गहरी होती है.
वजन – इस नस्ल के नर भैंस का वजन 600 – 700 किलोग्राम तक होता है तथा मादा पशु का वजन 450 – 500 किलोग्राम तक होता है.
प्रथम ब्यात का उम्र – जाफरावादी नस्ल के भैंस में प्रथम ब्यात का उम्र 42 – 47 माह है तथा दो ब्यात के बीच का अंतर 500 से 550 दिन है.
औसतन दूध उत्पादन – जाफरावादी नस्ल के भैंस में औसतन दूध उत्पादन प्रति ब्यात 2000 किलोग्राम/लीटर प्रति भैंस हैं.
दूध में वसा का प्रतिशत – जाफरावादी नस्ल के भैंस के दूध में 7.5 – 8.00 प्रतिशत वसा (Fat) पाया जाता है.

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6. नागपुरी भैंस
उत्पत्ति/मूल स्थान – नागपुरी नस्ल के भैंस की उत्पत्ति का मूल स्थान महाराष्ट्र राज्य के नागपुर, अकोला, अमरावती, वर्धा आदि जिले में पायी जाति है. यह नस्ल दोहरे उपयोग के अर्थात नर यातायात के लिये उपयोगी हैं.
रंग – नागपुरी नस्ल के भैंसों का रंग काला और कभी-कभी चेहरे पर सफ़ेद बाल भी पाये जाते है.
सींग – इस नस्ल के भैंस का सींग लम्बे, पतले पीछे की ओर मुड़े हुए कंधे तक पहुचनें वाले तलवार की तरह होते है.
वजन – इस नस्ल के नर भैंस का वजन 450 -500 किलोग्राम तक होता है तथा मादा पशु का वजन 400 – 500 किलोग्राम तक होता है.
औसतन दूध उत्पादन – नागपुरी नस्ल के भैंस में औसतन दूध उत्पादन प्रति ब्यात 1000 – 1500 किलोग्राम/लीटर प्रति भैंस हैं.
दूध में वसा का प्रतिशत – नागपुरी नस्ल के भैंस के दूध में 7.5 – 8.00 प्रतिशत वसा (Fat) पाया जाता है.

7. गोदावरी भैंस
विशेषता – इस नस्ल का गृह क्षेत्र आंध्रप्रदेश के पूर्व व पश्चिम गोदावरी जिले हैं, यह नस्ल अच्छे दुग्ध उत्पादन एवं अच्छी दुग्ध वसा के लिए जानी जाती है. इस नस्ल में कई गो जातिया रोगों के विरूद्ध प्रतिरोधक क्षमता होती है. इस नस्ल की उत्पत्ति मुर्रा नस्लों से मूल निवासी मादाओं के संकर से हुई है, इस प्रक्रिया को ग्रेडिंग अप के नाम से जानी जाती है. औसत दुग्ध उत्पादन/ब्यांत 2150 कि.ग्रा. है.
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8. संबलपुरी भैंस
इस नस्ल का गृह क्षेत्र उड़ीसा का संबलपुर जिला है, यह नस्ल छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में भी पायी जाती है. यह नस्ल दोहरे उपयोग वाली है.दुग्ध उत्पादन/ब्यांत 2300 से 2700 कि.ग्रा. है.
9. तराई भैंस
यह मध्यम आकार की नस्ल है तथा कम चारे में भी पर्याप्त मात्रा में दूध देती है. यह नस्ल उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में तथा उत्तराखंड में पाई जाती है. औसत दुग्ध उत्पादन -1030 कि.ग्रा.
10. टोड़ा भैंस
इस नस्ल का नाम दक्षिण भारत के टोड़ा आदिवासियों के नाम पर है. इस नस्ल का गृह क्षेत्र तमिलनाडू की नील गिरी पहाड़ियां है. इस नस्ल की उत्पत्ति प्रतिकूल परिस्थितियों में अनुकूलन से हुई है. औसत दुग्ध उत्पादन/ब्यांत 500 कि.ग्रा. है. दुग्ध में वसा की मात्रा 8% है.

11. साथकनारा भैंस
यह मध्यम आकार की प्रचलित नस्ल है. यह नस्ल कर्नाटक के बंगलौर जिले के समुद्रतटीय क्षेत्रों में पायी जाती है. औसत दुग्ध उत्पादन 600 से 800 कि.ग्रा. है.
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