पशुपोषण एवं प्रबंधनकृत्रिम गर्भाधानकृषि और पशुपालनडेयरी फ़ार्मिंग

ठंडी में पशुओं की उचित देखभाल कैसे करें : Thandi Me Pashuon Ki Uchit Dekhbhal Kaise Karen

ठंडी में पशुओं की उचित देखभाल कैसे करें। Thandi Me Pashuon Ki Uchit Dekhbhal Kaise Karen, पशुपालकों को ठंडी के मौसम में पशुओं की उचित देखभाल करने से, पशुओं की उत्पादन क्षमता बनाये रखने में बहुत मदद मिलती है। बदलते मौसम में पशुओं की उचित देखभाल करने से गाय-भैंस की न दूध घटेगा, न ही कोई बीमारी आएगी।

Thandi Me Pashuon Ki Uchit Dekhbhal Kaise Karen
Thandi Me Pashuon Ki Uchit Dekhbhal Kaise Karen

एनीमल एक्सपर्ट के अनुसार मौजूदा बदलते समय में दूध देने वाले पशुओं को सुविधा अनुसार गाभिन भी कराया जाता है। जिन पशुओं को बीती गर्मी के शुरुवात में गाभिन कराया गया होता है, वे पशु ठंडी के मौसम में बच्चे देने वाले होते हैं। पशुओं की ज्यादातर खरीद फरोस्त भी इसी मौसम के दौरान होती है। यही वजह है कि नवम्बर से लेकर फरवरी तक विभिन्न स्थानों में पशु मेलों का आयोजन भी खूब किया जाता है।

वर्तमान में पशुओं को तनाव देने वाली मौसम की शुरुवात हो चुकी है। वैसे तो गर्मियों के मौसम भी पशुओं को तनाव देता है, लेकिन ठण्ड का मौसम कई मायनों में पशुओं और पशुपालकों के लिए बहुत खास माना जाता है। इस मौसम में पशुओं का उत्पादन तो बढ़ता ही है, साथ में री-प्रोडक्शन भी होता है।

आदर्श डेयरी फार्मिंग पशुधन योजनायें
पशुधन ख़बर बकरीपालन
Thandi Me Pashuon Ki Uchit Dekhbhal Kaise Karen

एनीमल एक्सपर्ट कि माने तो ये वो मौसम भी है जब कई तरह कि बीमारियां गाय-भैंस में आती है। कुछ मौसमी बीमारियां तो पशुओं के लिए जानलेवा तक हो जाती है। और बड़ी बात ये भी है कि इस दौरान पशुओं कि खरीद-फरोस्त भी बहुत अधिक होती है।

ऐसे में पशुपालकों को इसका खामियाजा आर्थिक नुकसान के रूप में उठान पड़ता है। दूध उत्पादन काम होने के साथ ही दवाइयों का खर्च भी बढ़ जाता है। लेकिन इस मौसम लें कुछ एहतियाती कदम उठा लिए जाएँ तो आर्थिक नुकसान से बचने के साथ ही पशुओं को हेल्दी भी रख सकते है।

बदलते मौसम में पशुओं कीखास देखभाल के लिए यह जरुरी है कि उन्हें चारा देने के तरीके, मिनरल्स में किन-किन चीजों को शामिल करना है, पिने का पानी कैसे और कब देना है, साथ ही दिनभर में खुराक कितनी बार और किस वक्त पर देनी है इसका प्लान बना लिया जाये।

Thandi Men Pashuon Ki Dekhbhal
Thandi Men Pashuon Ki Dekhbhal
मत्स्य (मछली) पालनपालतू डॉग की देखभाल
पशुओं का टीकाकरणजानवरों से जुड़ी रोचक तथ्य
Thandi Me Pashuon Ki Uchit Dekhbhal Kaise Karen

सर्दियों में ऐसे करें पशुओं की देखभाल

  • सर्दियों की शुरुवात हो चुकी है इसलिए पशुओं को ठण्ड (सर्दी) से बचाने का इंतजाम करना चाहिए।
  • इस मौसम में ज्यादातर गाय-भैंस हीट में आती है, हिट में आने वाले पशु को जरूर गाभिन कराएं।
  • भैंस को मुर्राह नस्ल के नर से ही या नजदीकी कृत्रिम गर्भाधान केंद्र पर कृत्रिम गर्भाधान कराएं।
  • बच्चा देने के 60-90 दिनों बाद भी अगर पशु दोबारा हिट में नहीं आये तो पशु चिकित्सक से इसकी जाँच कराएं।
  • पशु शेड को बाहरी कीड़ों से बचाने के लिए पशुशाला पर दवाई का छिड़काव करें।
  • पशुओं को पेट के कोड़े से बचाने के लिए पशु चिकित्सक की सलाह से कृमिनाशक की दवाई खिलाएं।
  • गाय-भैंस को पुनः हिट में लाने के लिए अच्छी कंपनी का मिनरल मिक्सचर खिलाएं।
  • अधिक दूध देने वाली गाय को थनैला रोग से बचाने के लिए पशु चिकित्सक की सलाह लेवें।
  • बछड़ों को बैल बनाने के लिए 6 माह की उम्र हो जाने पर उनका बधियाकरण कराएं। क्योंकि ठण्ड के मौसम में बधियाकरण कराने से बछड़ों को कोई समस्या नहीं होती है।
  • पशुओं को हरा चारा खिलाने के लिए बरसीम घांस की बीेेएल 10, बीेेएल 22, और बीेेएल 42 प्रजाति खेतों में लगाएं।
  • बरसीम के साथ सरसों की चायनीज कैबिज या जई मिलाकर भी बिजाई कर सकते हैं।
  • बरसीम के साथ राय मिलाकर बिजाई करने से चारे की पौष्टिकता-उपज दोनों ही बढ़ती है।
  • बरसीम की बिजाई नए खेत में कर रहे हैं तो पहले राइजोबियम कल्चर से उपचारित जरूर कर लें।
  • जई और बरसीम की बिजाई के लिए अक्टूबर का समय ज्यादा उचित माना जाता है।
  • जई का ज्यादा चारा या उत्पादन लेने के लिए ओएस 6, ओएल 9 और कैंट की बिजाई करें।

इन्हें भी पढ़ें : किलनी, जूं और चिचड़ीयों को मारने की घरेलु दवाई

इन्हें भी पढ़ें : पशुओं के लिए आयुर्वेदिक औषधियाँ

इन्हें भी पढ़ें : गाय भैंस में दूध बढ़ाने के घरेलु तरीके

इन्हें भी पढ़ें : ठंड के दिनों में पशुओं को खुरहा रोग से कैसे बचायें

प्रिय पशुप्रेमी और पशुपालक बंधुओं पशुओं की उपर्युक्त बीमारी, बचाव एवं उपचार प्राथमिक और न्यूनतम है. संक्रामक बिमारियों के उपचार के लिये कृपया पेशेवर चिकित्सक अथवा नजदीकी पशुचिकित्सालय में जाकर, पशुचिकित्सक से सम्पर्क करें. ऐसे ही पशुपालन, पशुपोषण और प्रबन्धन की जानकारी के लिये आप अपने मोबाईल फोन पर गूगल सर्च बॉक्स में जाकर सीधे मेरे वेबसाइट एड्रेस pashudhankhabar.com का नाम टाइप करके पशुधन से जुड़ी जानकारी एकत्र कर सकते है.

Most Used Key :- पशुओं की सामान्य बीमारियाँ और घरेलु उपचार

किसी भी प्रकार की त्रुटि होने पर कृपया स्वयं सुधार लेंवें अथवा मुझे निचे दिए गये मेरे फेसबुक, टेलीग्राम अथवा व्हाट्स अप ग्रुप के लिंक के माध्यम से मुझे कमेन्ट सेक्शन मे जाकर कमेन्ट कर सकते है. ऐसे ही पशुधन, कृषि और अन्य खबरों की जानकारी के लिये आप मेरे वेबसाइट pashudhankhabar.com पर विजिट करते रहें. ताकि मै आप सब को पशुधन से जूडी बेहतर जानकारी देता रहूँ.

-: My Social Groups :-