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सूअर पालन और उसका देखभाल : Pig Farming and Care

सूअर पालन और उसका देखभाल : Pig Farming and Care, ग्राम में सबसे निचले सामाजिक और आर्थिक स्तर के परिवारों द्वारा सुअर पालन किया जाता है. आमतौर पर इन परिवारों में पशु चिकित्सा सेवाओं की पहुंच नहीं है. विभिन्न पशुधन प्रजातियों में से सुअर पालन में मांस उत्पादन की सबसे अधिक संभावना है. सुअर पालन की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं.

Pig Farming and Care
Pig Farming and Care

विशेषताएं

  • सुअर में उच्चतम आहार रूपांतरण दक्षता है.
  • सुअर आहार की व्यापक विविधता अर्थात अनाज, दाने, खराब आहार और कचरे का उपयोग कर सकते है.
  • इमारतों और उपकरणों पर छोटे निवेश की आवश्यकता होती है.
  • औद्योगिक इकाइयों की ओर से सुअरों की वसा की मांग की जाती है.
  • सुअर पालन जल्दी लाभ देता है.
  • सुअर के मांस की मांग में वृद्धि हुई है.
  • इस व्यवसाय को लाभदायक बनाने के लिए सुअरों को रोगों से संरक्षित करने की आवश्यकता है, गर्भावस्था के दौरान और छौनों की देखभाल सुनिश्चित करने की जरूरत है.

रोगों से संरक्षित

निम्नलिखित द्वारा सुअरों को रोगों से संरक्षित किया जा सकता है……

  • खाने की सम मात्रा, बुखार, असामान्य स्राव, असामान्य व्यवहार और आम बीमारियों के लिए समय पर उपचार उपलब्ध कराना.
  • संक्रामक रोगों के फैलने के मामले में तुरन्त बीमार और स्वस्थ पशुओं को अलग करना और रोग नियंत्रण के आवश्यक उपाय करना.
  • नियमित रूप से जानवरों को डीवर्मिग/कृमिनाशक करना.
  • आंतरिक परजीवी के अंडे का पता लगाने के लिए वयस्क जानवरों के मल की जाँच करना और उपयुक्त दवाओं के साथ पशुओं का इलाज करना.
  • स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर पशुओं को धोना/नहलाना.

क्या आपको पता है?

सुअर कम पीढ़ी अंतराल के साथ विपुल संख्या में हैं. एक सुअर मात्र 8-9 महीने की उम्र में प्रजनन आरंभ कर सकती है और एक वर्ष में दो बार सुअरों को जन्म दे सकती है. प्रत्येक बार में 6-12 सुअर के छौनों को जन्म देती है.

  • सुअरों को उनके मांस उत्पादन के लिए जाना जाता है, जो ड्रेसिंग में 65 प्रतिशत से 80 प्रतिशत की सीमा में है. अन्य पशुओं की ड्रेसिंग उपज 65 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती है.
  • सुअर के मल का व्यापक रूप से कृषि फार्मो और मछली तालाबों के लिए खाद के रूप में प्रयोग किया जाता है.

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रोग और टीकाकरण

उत्पादकता को प्रभावित करने और जानवर की असामयिक मौत का कारण बन सकने वाली विभिन्न बीमारियों से सुअरों की रक्षा के लिए निम्नलिखित टीके प्रदान किए जाने चाहिए.

क्र.सं.रोग का नामटीके का प्रकारटीकाकरण का समयप्रतिरक्षा की अवधिटिप्पणी
1बिसहरिया (एंथ्रेक्स)स्पोर टीकासाल में एक मानसून –पूर्व टीकाकरणएक मौसम
2हॉग हैजाक्रिस्टल वायलेट टीकादूध छुड़ाने के बादएक साल
3खुर और मुँह की बीमारीपॉलीवेलेंट टिशु कल्चर टीकालगभग छह महीने की उम्र में चार महीने के बाद बूस्टर के साथएक मौसमहर साल अक्टूबर/नवंबर में टीकाकरण दोहराएं
4स्वाइन इरिसिपेलासफिटकिरी में उपचारित टीकादूध छुड़ाने के बाद 3-4 सप्ताह के बाद एक बूस्टर खुराक के साथलगभग एक साल
5तपेदिकबी सी जी टीकालगभग छह महीने की उम्र मेंएक से दो सालहर 2 या 3 साल में दोहराया जाना चाहिए
Pig Farming Plan
Pig Farming Plan

गर्भावस्था में देखभाल

जन्म देने से एक सप्ताह पहले गर्भवती सुअर को पर्याप्त स्थान, चारा, पानी उपलब्ध कराके उसका विशेष ध्यान रखा जा सकता है. जन्म देने की अपेक्षित तारीख से 3-4 दिन पहले गर्भवती सुअर और साथ ही जन्म देने के स्थान को विसंक्रमित किया जाना चाहिए और अच्छी तरह से बिस्तर बनाने के बाद उसमें सुअर को रखा जाना चाहिए.

सुअर के छौनों के देखभाल

  • बाड़ उपलब्ध कराके नवजात सुअर के छौने का ख्याल रखना.
  • नाल के कटते ही आयोडीन के टिंचर से उसका उपचार/विसंक्रमण किया जाना चाहिए.
  • पहले 6-8 सप्ताह माँ के दूध के साथ घोंटा आहार (एक क्रीप आहार उसी समय आरंभ करना चाहिए जब वे अपनी माँ का दूध पी रहे हों) दें.
  • विशेष रूप से पहले दो महीनों के दौरान विषम मौसम की स्थिति में सुअर के छौने को सुरक्षित रखें.
  • सुअर के छौने माँ के थन को नुकसान पहुंचा सकते हैं इसलिए जन्म के बाद शीघ्र ही उनके सुई दांतों को छांट दें.
  • मजबूत छौना अपने लिए वह थन सुरक्षित रखता है जिसमें अधिक दूध होता है और किसी भी अन्य छौने को उस चूची से दूध नहीं पीने देता.
  • सिफारिश किए गए टीकाकरण कार्यक्रम के अनुसार सुअर के छौनों का टीकाकरण करें.
  • सुअर के छौनों में एनीमिया को रोकने के लिए आईरन के पूरक की आवश्यकता होती है.
  • प्रजनन करने वाले सुअर के रूप में बेचे जाने वाले छौने को ठीक से पाला जाना चाहिए.
  • प्रजनन के लिए चयनित नहीं किए गए सुअर के छौनों की अधिमानत: 3-4 सप्ताह की आयु में बधिया की जानी चाहिए जिससे पके मांस में सुअर की गंध को रोका जा सके.
  • सभी नवजात सुअर के छौनों के उचित उपचार के लिए स्तनपान कराने वाली सुअर की अतिरिक्त आहार की आवश्यकताओं को पूरा करना सुनिश्चित किया जाना चाहिए.

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