पशुओं के लिए च्यवनप्राश क्या है जाने : Pashuon Ke Liye Chyavanprash Kya Hai Jane
पशुओं के लिए च्यवनप्राश क्या है जाने : Pashuon Ke Liye Chyavanprash Kya Hai Jane, पशुओं के लिए च्यवनप्राश का काम करती है इस फल की पत्तियां। दुधारू पशु को इसे खिलाने से कई लीटर दूध उत्पादन में होती है वृद्धि। पशुओं के लिए चारे की समस्या या कमी होने पर इसे खिलाने से मिलते है बेहतर परिणाम।

पशुपालकों के लिए सबसे बड़ी समस्या पशुओं के चारे की होती है। पशुपालक हमेशा चिंता में रहते हैं कि अपने पशु के लिए सालभर चारे की व्यवस्था कैसे करें। अगर पशुपालक के पास दुधारू पशु हो तो यह चिंता और भी गहरी हो जाती है। क्योंकि दुधारू पशुओं को हर तरह का चारा नहीं खिला सकते हैं।
दुधारू पशुओं को वैसा ही चारा दिया जाता है जो उसकी सेहत के लिए उपयुक्त हो। हरा चारा हमेशा उपलब्ध नहीं होता है। ऐसे में किसान हर उस विकल्प पर गौर करता है, जो उसके दुधारू पशु के लिए सेहतमंद और आसानी से उपलब्ध हो सके। इसके लिए ICAR ने एक अच्छी जानकारी दी है , यह जानकारी अन्नानास के पत्तों को लेकर है।
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भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् यानी कि आईसीआर ने बाते है कि अन्नानास के पत्तों को वैज्ञानिक तरीकों से प्रीजर्व करके चारा बनाया जा सकता है। इस चारे को टोटल मिक्स्ड राशन यानी कि TMR कहा जाता है। इसमें एक साथ कई खाद्य पदार्थों को मिलाया जाता है और पशुओं को खिलाया जाता है, ख़ासकर गाय और भैंसों को।
टीएमआर चारे के साथ साबुत कपास के बीज, अनाज, प्रोटीन, खनिज और विटामिन मिलाये जाते है। आईसीआर के मुताबिक, टीएमआर बनाने के लिए अन्नानास के पत्तों को इस्तेमाल किया जा सकता है। अन्नानास के पत्ते को चारे में प्रयोग करने के कई फ़ायदे हैं।
सबसे बड़ा फायदा ये है कि पत्तियां अधिक मात्रा में पाई जाती है। बाजार से अन्नानास का फल लेने के बाद पत्तियों को फेंक दिया जाता है या उसे बेकार माना जाता है। लेकिन अब इसे प्रीजर्व करके पशु चारे में प्रयोग किया जा सकता है।
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टीएमआर तैयार कैसे करें?
ICAR के मुताबिक, सबसे पहले अन्नानास की पत्तियों को छांट लेंना है। स्वस्थ और अच्छी पत्तियों की 100 किलो की मात्रा एक साथ लेनी है और उसमें 2 किलो गुड़ मिला देना है। इसी मिक्सचर में में आधा किलो नमक भी डालना है। फिर इस पुरे मिक्सचर को किसी एयरटाईट बर्तन में बंद कर देना है। कुछ दिनमें आपका यह टीएमआर तैयार हो जायेगा।

अपने दुधारू पशुओं को 5-10 किलोग्राम यह चारा प्रत्येक दिन खिला सकते हैं। हालाकि इसकी मात्रा बढ़ाने के लिए इसमें और भी घास आदि मिलाया जा सकता है। इस चारे को खिलाने से पशुओं के दूध उत्पादन में 1 से डेढ़ लीटर की बढ़ोतरी हो सकती है और दूध में फैट की मात्रा भी बढ़ सकती है।
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