पशुधन विकास विभाग की व्यक्तिमूलक योजनायें : Pashudhan Vikas Vibhag Ki Vyaktimulak Yojana
पशुधन विकास विभाग की व्यक्तिमूलक योजनायें : Pashudhan Vikas Vibhag Ki Vyaktimulak Yojana, पशुधन विकास विभाग द्वारा पशुपालकों को लाभान्वित करने के लिए व्यक्तिमूलक योजनायें संचालित की जाती है. जिसमें पशुपालक को अनुदान पर बैकयार्ड कुक्कुट वितरण योजना, अनुदान पर सुकर-त्रयी वितरण योजना, अनुदान पर बकरा वितरण योजना आदि योजनाओं का संचालन किया जाता है.

विभाग द्वारा संचालित व्यक्तिमूलक योजनायें

1 . अनुदान पर बैकयार्ड कुक्कुट वितरण योजना
योजना के लिए पात्रता | सभी वर्ग के हितग्राही |
इकाई लागत | 3000/- |
विभागीय अनुदान | अ.जा. एवं अ.ज.जा. हेतु – 2700 रु. सामान्य और अ.पि.व. हेतु 2250 रु. |
हितग्राही अंशदान | अ.जा. एवं अ.ज.जा. हेतु – 300 रु. सामान्य और अ.पि.व. हेतु – 750 रु. |
योजना का विवरण | प्रति इकाई 28 दिवसीय 45 नग चूजे एवं 15 दिन का खाद्यान्न प्रदान किया जाता है. |
क्रियान्वयन | विकास खंड स्तरीय संस्था में आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक पास बुक तथा जाति प्रमाण पत्र की छाया प्रति के साथ आवेदन करने पर स्वीकृति उपरान्त प्रति इकाई 28 दिवसीय 45 नग चूजे एवं 15 दिवस का खाद्यान्न प्रदाय किया जाता है. |
आदर्श डेयरी फार्मिंग | पशुधन योजनायें |
पशुधन ख़बर | बकरीपालन |

2. अनुदान पर सुकर-त्रयी वितरण योजना
योजना के लिए पात्रता | अ.जा. एवं अ.ज.जा. वर्ग के हितग्राही |
इकाई लागत | 9000/- |
विभागीय अनुदान | इकाई लागत का 90 प्रतिशत अथवा 9000 रु. अधिकतम |
हितग्राही अंशदान | इकाई लागत का 10 प्रतिशत अथवा 900 रु. |
योजना का विवरण | प्रति इकाई 2 नग मादा तथा 1 नग नर सूअर प्रदान किया जाता है. |
क्रियान्वयन | विकास खंड स्तरीय संस्था में आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक पास बुक तथा जाति प्रमाण पत्र की छाया प्रति के साथ आवेदन करने पर स्वीकृति उपरान्त हितग्राही द्वारा पशु क्रय करने के पश्चात् फोटो, क्रय-विक्रय रसीद/प्रमाण पत्र, समिति द्वारा सत्यापन इत्यादि प्रस्तुत किये जाने पर DBT के माध्यम से प्रावधानित अनुदान राशि उनके बैंक खाते में अंतरित किया जाता है. |

3. अनुदान पर बकरा वितरण योजना
योजना के लिए पात्रता | सभी वर्ग के हितग्राही |
इकाई लागत | 4000/- |
विभागीय अनुदान | अ.जा. एवं अ.ज.जा. हेतु इकाई लागत का 90 प्रतिशत या अधिकतम 4000 रु. तथा सामान्य एवं अ.पि.व. हेतु इकाई लागत का 75 प्रतिशत या 3500 रु. |
हितग्राही अंशदान | अ.जा. एवं अ.ज.जा. हेतु – 400 रु. सामान्य और अ.पि.व. हेतु – 1000 रु. |
योजना का विवरण | देशी बकरियों में नस्ल सुधार हेतु 1 नग उन्नत नस्ल का बकरा प्रदाय किया जाता है. |
क्रियान्वयन | विकास खंड स्तरीय संस्था में आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक पास बुक तथा जाति प्रमाण पत्र की छाया प्रति के साथ आवेदन करने पर स्वीकृति उपरान्त हितग्राही द्वारा पशु क्रय करने के पश्चात् फोटो, क्रय-विक्रय रसीद/प्रमाण पत्र, समिति द्वारा सत्यापन इत्यादि प्रस्तुत किये जाने पर DBT के माध्यम से प्रावधानित अनुदान राशि उनके बैंक खाते में अंतरित किया जाता है. |

4. शत-प्रतिशत अनुदान पर सांड वितरण योजना
योजना के लिए पात्रता | सभी वर्ग के हितग्राही |
इकाई लागत | 35,000/- |
विभागीय अनुदान | 35,000 रु. |
योजना का विवरण | देशी नस्ल के पशुओं में नस्ल सुधार हेतु ग्राम पंचायतों को शत-प्रतिशत अनुदान पर उन्नत नस्ल का सांड प्रदाय किया जाता है. |
क्रियान्वयन | ग्राम पंचायत के प्रस्ताव एवं अनुमोदन प्राप्त कर ‘बुल कस्टोडीयन’ का चयन कर विकासखंड स्तरीय संस्था में आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक पास बुक तथा जाति प्रमाण पत्र की छाया प्रति के साथ आवेदन करने पर स्वीकृति उपरान्त, शासकीय प्रक्षेत्रों से ग्राम पंचायत को निःशुल्क सांड प्रदाय किया जाता है. |

5. उन्नत मादा वत्स पालन योजना
योजना के लिए पात्रता | सभी वर्ग के हितग्राही |
इकाई लागत | 35,000/- |
विभागीय अनुदान | अ.जा. एवं अ.ज.जा. हेतु इकाई लागत का 90 प्रतिशत या अधिकतम 18,000 रु. तथा सामान्य एवं अ.पि.व. हेतु इकाई लागत का 75 प्रतिशत या 15,000 रु. |
योजना का विवरण | कृत्रिम गर्भाधान से उत्पन्न मादा वत्सों के 4 से 24 माह के आयु तक भरण-पोषण हेतु संतुलित आहार क्रय करने के लिए सहायता राशि प्रदान की जाती है. |
क्रियान्वयन | विकासखंड स्तरीय संस्था में आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक पास बुक तथा जाति प्रमाण पत्र की छाया प्रति के साथ आवेदन करने पर स्वीकृति उपरान्त, कृत्रिम गर्भाधान से उत्पन्न मादा वत्स का फोटो, तथा विभाग द्वारा सत्यापन इत्यादि प्रस्तुत किये जाने पर हितग्राही तथा स्थानीय पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ के संयुक्त खाते में प्रावधानित राशि अंतरित की जाती है तथा पशु आहार क्रय करने हेतु विभिन्न किश्तों में राशि का आहरण किया जाता है. |
मत्स्य (मछली) पालन | पालतू डॉग की देखभाल |
पशुओं का टीकाकरण | जानवरों से जुड़ी रोचक तथ्य |

6. राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना
योजना के लिए पात्रता | सभी वर्ग के हितग्राही |
इकाई लागत | 1,40,000/- |
विभागीय अनुदान | अ.जा. एवं अ.ज.जा. हेतु इकाई लागत का 66.6 प्रतिशत या अधिकतम 93,200 रु. तथा सामान्य एवं अ.पि.व. हेतु इकाई लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 70,000 रु. |
योजना का विवरण | भारतीय उन्नत नस्ल/संकर नस्ल के 2 गाय/भैंस 70,000 रु. की दर से हितग्राही द्वारा क्रय किया जाता है, जिसका दुग्ध उत्पादन कम से कम 10 लीटर प्रतिदिन प्रति पशु हो. यह योजना बैंक ऋण अथवा स्व वित्तीय प्रकार की हो सकती है. |
क्रियान्वयन | विकासखंड स्तरीय संस्था में आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक पास बुक, निवास प्रमाण पत्र, इकाई स्थापना, स्थल के दस्तावेज, अनुबंध पत्र तथा जाति प्रमाण पत्रकी छाया प्रति के साथ आवेदन करने पर स्वीकृति उपरान्त, ऋण प्रकरण को सम्बंधित बैंक को प्रेषित किया जाता है. बैंक द्वारा ऋण प्रकरण की स्वीकृति उपरान्त हितग्राही द्वारा निर्धारित संख्या में पशु क्रय करने के पश्चात् फोटो, क्रय-विक्रय रसीद/प्रमाण पत्र, पशु बीमा समिति द्वारा सत्यापन इत्यादि प्रस्तुत किये जाने पर अनुदान की प्रावधानित राशि ऋण खाते में अंतरित कर दी जाती है, तथा शेष राशि को हितग्राही के द्वारा ब्याज सहित किश्तों में बैंक को भुगतान किया जाता है. |
पशुधन विकास विभाग की उपर्युक्त योजनाओं की विस्तृत जानकारी के लिए आप अपने नजदीकी शासकीय पशु चिकित्सालय में जाकर, पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारीयों से संपर्क कर सकते है.
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प्रिय पशुप्रेमी और पशुपालक बंधुओं पशुओं की उपर्युक्त बीमारी, बचाव एवं उपचार प्राथमिक और न्यूनतम है. संक्रामक बिमारियों के उपचार के लिये कृपया पेशेवर चिकित्सक अथवा नजदीकी पशुचिकित्सालय में जाकर, पशुचिकित्सक से सम्पर्क करें. ऐसे ही पशुपालन, पशुपोषण और प्रबन्धन की जानकारी के लिये आप अपने मोबाईल फोन पर गूगल सर्च बॉक्स में जाकर सीधे मेरे वेबसाइट एड्रेस pashudhankhabar.com का नाम टाइप करके पशुधन से जुड़ी जानकारी एकत्र कर सकते है.
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