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नेपियर घास पशुओं के लिए सुपर फ़ूड क्यों है : Napier Ghaas Pashuon Ke Liye Super Food Kyo Hai

नेपियर घास पशुओं के लिए सुपर फ़ूड क्यों है : Napier Ghaas Pashuon Ke Liye Super Food Kyo Hai, सर्दियों के इस मौसम में नेपियर घास एक बेहद ही फायदेमंद चारा साबित हो सकता है, इसे ‘हाथी घास’ भी कहते हैं।

Napier Ghaas Pashuon Ke Liye Super Food Kyo Hai
Napier Ghaas Pashuon Ke Liye Super Food Kyo Hai

पशुओं के लिए सर्दियों के मौसम में नेपियर घास उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में बहुत ही लाभदायक हो सकता है। इस घास को एक बार लगाने से इसका कई वर्षों तक बार-बार कटाई करके उपयोग किया जाता है। इस आर्टिकल के माध्यम से इस घास की खेती और इसके बेहतरीन फायदों के बारे में जानेंगे।

नेपियर चारा प्रत्येक 50 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाता है और ये प्रक्रिया कई सालों तक जारी रहती है। इससे किसानों को बार-बार बीज बोने का झंझट नहीं होता है और लागत भी बचती है।

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थाईलैंड से आयातित इस ‘हाथी घास’ को पशुओं के चारे में शामिल करने से दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी होती है। ये पशुपालकों के लिए आर्थिक रूप से वरदान माना जाता है।

नेपियर चारे को उगने में किसी अतिरिक्त संसाधन की जरुरत नहीं होती है। ये किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के साथ-साथ पशुओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।

नेपियर एक सदाबहार चारा है, जिसे मार्च, जुलाई और अगस्त में बोया जा सकता है। इसे गन्ने की तरह लाइन और मेड़ों पर लगाना सबसे अधिक फायदेमंद रहता है।

मूल रूप से थाईलैंड की ये विदेशी प्रजाति भारतीय किसानों के लिए बेहद उपयोगी शाबित हो रही है। इसका बड़ा आकर और पोषण क्षमता इसे पशुओं के लिए आदर्श चारा बनाती है।

नेपियर घास की खासियत

  • गर्मियों में हर साल हरे चारे की सबसे ज्यादा परेशानी होती है।
  • ऐसे में पशुपालक एक बार नेपियर घास लगाकर 4 से 5 साल तक दुधारू पशुओं के लिए पौष्टिक आहार की जरूरत को पूरा कर सकते हैं।
  • नैपियर घास अपनी सभी अवस्थाओं पर हरा, पौष्टिक और स्वादिष्ट चारा होता है।
  • इसमें कच्ची प्रोटीन की मात्रा 8-11 प्रतिशत, रेशे की मात्रा 30.5 प्रतिशत और ऊर्जा तत्व 60 प्रतिशत तक होते हैं।
  • 70 से 75 दिन बाद काटे गए नेपियर चारे में सुपाच्य पोषक तत्व 65 प्रतिशत तक पाए जाते हैं।
  • इसमें 10.88 प्रतिशत कैल्शियम तथा 0.24 प्रतिशत तक फॉस्फोरस मिलता है।
  • नेपियर घास को रिजका, बरसीम या अन्य चारे अथवा दाने एवं खली के साथ पशुओं को खिलाना चाहिए।
  • नेपियर घास (Napier Grass) खिलाने पर पशुओं के दुग्ध उत्पाद में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि होती है।

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नेपियर घास की प्रमुख किस्में

नैपियर घास एक बहुवर्षीय पैनीसेटम कुल का पौधा है, जिसको जड़ों और क्लम्पों द्वारा समुद्र तल से 1550 मीटर की ऊंचाई पर रोपित करके चारा प्राप्त किया जा सकता है। इसकी प्रमुख किस्मों में जॉइंट किंग, सुपर नेपियर , सीओ-1, हाइब्रिड नेपियर – 3 (स्वेतिका), सीओ-2, सीओ-3, सीओ-4, पीबीएन – 83, यशवन्त (आरबीएन – 9) आईजीएफआरआई 5 एनबी- 21, एनबी- 37, पीबीएन-237, केकेएम 1, एपीबीएन-1, सुगना, सुप्रिया, सम्पूर्णा (डीएचएन – 6) आदि हैं।

नेपियर घास के लिए उपयुक्त जलवायु

नेपियर घास की खेती गर्म और नम जलवायु वाले स्थानों बेहतर तरीके से की जा सकती है। भारत में इसकी खेती मुख्य रूप से राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, बिहार, बंगाल, असम, उड़ीसा, आन्धप्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और केरल में होती है। किसान भाई नेपियर घास (Napier Grass) के बीज खाद-बीज की दुकान, सहकारी संस्थाओं के कार्यालय और ऑनलाइन वेबसाइट से प्राप्त कर सकते हैं।

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