मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना में भैंस भी शामिल : Mukhyamantri Dudharu Pashu Praday Yojana
मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना में भैंस भी शामिल : Mukhyamantri Dudharu Pashu Praday Yojana, राज्य शासन ने ‘मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम’ के रूप में लागु किया है. इस कार्यक्रम के तहत अब हितग्राही के मंशा अनुसार अब दुधारू गाय के अलावा, भैंस भी प्रदाय की जा सकेगी.

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 9 अगस्त 2024 को सीहोर के कार्यक्रम में ‘मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम’ योजना अंतर्गत अब हितग्राही के मंशा अनुसार दुधारू गाय के आलावा भैंस भी प्रदाय की जा सकेगी, साथ ही इसका लाभ अब विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा हे साथ सहरिया और भारिया जनजाति को भी मिलेगा. जनजातियों की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए हितग्राही अंशदान की राशि 25 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दी गई है.
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मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम
- पशुपालकों को प्रति 2 दुधारू पशु गाय/भैंस दी जाएगी.
- कार्यक्रम में 90% प्रतिशत शासकीय अनुदान और 10 प्रतिशत हितग्राही अंशदान होगा.
- क्रय किये गये सभी पशुओं का बीमा होगा.
- मिल्क रूट और दुग्ध समितियों का गठन मध्यप्रदेश दुग्ध महासंघ और पशुपालन विभाग द्वारा किया जायेगा.
- गाय प्रदाय के लिए 1 लाख 89 हजार 250 रूपये और भैंस प्रदाय के लिए 2 लाख 43 हजार रूपये की राशि निर्धारित की गई है.
- गाय प्रदाय में 1 लाख 70 हजार 325 रूपये का शासकीय अनुदान और शेष 18 हजार 925 रूपये का हितग्राही अंशदान होगा.
- भैंस प्रदाय में 2 लाख 18 हजार 700 रूपये का शासकीय अनुदान और मात्र 24 हजार 300 रूपये का हितग्राही अंशदान होगा.
मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम का उद्देश्य
कार्यक्रम का उद्देश्य दुग्ध उत्पादन और पशुओं की दुग्ध उत्पादन क्षमता में वृद्धि, रोजगार के नवीन अवसर द्वारा हितग्राहियों की आर्थिक स्थिति में सुधर और उच्च उत्पादक क्षमता के गौवंशीय, भैंसवंशीय पशुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना है.
मत्स्य (मछली) पालन | पालतू डॉग की देखभाल |
पशुओं का टीकाकरण | जानवरों से जुड़ी रोचक तथ्य |
आवेदन प्रक्रिया
हितग्राही को आवेदन निर्धारित प्रपत्र में अपने निकटतम पशु चिकित्सा संस्था या दुग्ध सहकारी समिति को देना होगा .
चयन और प्रशिक्षण
चयनित हितग्राहियों को पशुपालन, पशु आहार और पशु प्रबंधन प्रशिक्षण के साथ परिचयात्मक दौरा भी करवाया जायेगा.
आधुनिक टेक्नोलॉजी – सब्जी है या नोट छापने की मशीन
इस विधि में सुनीता अब तक 30 हजार रूपये की कमाई कर चुकि है. सुनीता देवी ने बताया कि इससे पहले वे जमींन में लौकी की खेती करती थी. जिससे वह लागत से 3 गुना आमदनी कर पाती थी. लेकिन, जब से उन्होंने खेती की आधुनिक विधि को अपनाकर खेती शुरू किया तो एक से बढ़कर एक खेती को अंजाम दे रहे हैं.
हाँ, बात कर रहे है झारखण्ड के एक गोड्डा की एक महिला किसान की कारनामे की. पथरगामा की रहने वाली सुनीता देवी ने कृषि विज्ञान केंद्र अंतर्गत जीविदा हासा परियोजना की मदद से नये तकनीक से 8 कट्ठे खेत में मचान विधि से लौकी की खेती की. इस विधि से खेती में सुनीता अब तक 30 हजार तक की कमाई कर चुकि है.
सुनीता देवी ने न्यूज़ चैनलों के माध्यम से बताया कि इससे पहले वह जमींन में लौकी की खेती किया करती थी, जिससे उसे लागत के 3 गुना ही मुनाफा होता था लेकिन, जब से उन्होंने मचान विधि से खेती करना शुरू किया है तो उसके लागत का 10 गुना मुनाफा हो रही है. उन्होंने 8 कट्ठे खेत में ही 10 हजार की लागत से लौकी की खेती की हुई है और पुरे सीजन में 1 लाख से भी अधिक मुनाफा कमाने का दावा किया है.
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