कृषि और पशुपालनपशु कल्याणपशुधन की योजनायेंपशुपालन से आर्थिक लाभपशुपोषण एवं प्रबंधनपालतू जानवरों की देखभालभारत खबररोज खबर

गाय के गोबर का महत्व और उपयोग : Importance and Uses of Cow Dung

गाय के गोबर का महत्व और उपयोग : Importance and Uses of Cow Dung, गाय का हिन्दू धर्म में अपना विशेष महत्व है. गाय को हमारे हिन्दू धर्म में माता के समान पूजा जाता है इसलिए गाय को गौमाता कहा जाता है. धार्मिक शास्त्रों के अनुसार गाय के अलग-अलग अंगों में अलग-अलग देवी देवताओं का निवास बताया गया है. गौ माता की महत्व का वर्णन कर पाना बहुत ही मुश्किल है. हमारे हिन्दू धर्म को मानने वालों में गाय का गोबर, मूत्र आदि का कई प्रकार से उपयोग में लाया जाता है. ऐसी मान्यता है की गाय का गोबर बहुत ही शुभ होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक होता है. इतना ही नहीं ज्योतिषाचार्य और पंडितों का मानना है कि गया के गोबर में लक्ष्मी का वास होता है. यदि गोबर का इस्तेमाल किसी कार्य में किया जाता है, तो उस कार्य पर शुभ परिणाम आने की पूरी-पूरी संभावना होती है. आज हम आपको गाय के गोबर से जुड़ी वे सभी महत्व, लाभ, उपयोग आदि के बारे में बताएँगे.

गाय के गोबर का धार्मिक महत्व

1 . हमारें हिन्दू धर्म में गाय के गोबर को पवित्र माना जाता है. आयुर्वेद चिकित्सा में भी गाय के गोबर का उपयोग किया जाता है. गाय के गोबर को धार्मिक दृष्टि से देखा जाये तो गोबर में सकारात्मक उर्जा (अर्थात नकारात्मक उर्जा को नष्ट करने की क्षमता होती है) होती है. इसलिए गाय के गोबर का उपयोग पूजा-पाठ इत्यादि में किया जाता है.

2. दीपावली के दुसरे दिन गोवर्धन पूजा किया जाता है, जिसमें गाय के गोबर से ही गोवर्धन बनाया जाता है और उसकी पूजा की जाती है.

3. गाय के गोबर में किसी भी प्रकार के जीवाणु को नष्ट करने की क्षमता होती है, इसलिए जिस स्थान को गाय के गोबर से लिपाई किया जाता है वह स्थान शुद्ध हो जाता है. ऐसे में लिपाई किये जाने वाले स्थान पर कोई भी शुभ कार्य जैसे पूजा, पाठ, हवन आदि कार्य करने के लिये शुभ होता है.

Religious Importance of Cow Dung
Religious Importance of Cow Dung

पशुधन से जुड़ी ख़बरें :-

इन्हें भी पढ़ें :- हरा चारा भण्डारण की ‘हे’ विधि क्या है?

इन्हें भी पढ़ें :- बकरीपालन और बकरियों की प्रमुख नस्लें.

इन्हें भी पढ़ें :- ई-गोपाला मोबाइल ऐप क्या है? जाने ऐप से जुड़ी सभी जानकारी.

इन्हें भी पढ़ें :- पशु नस्ल सुधार की IVF तकनीक और ‘टेस्ट ट्यूब बछड़ा’ क्या है?

इन्हें भी पढ़ें :- पशुओं का INAPH और Animall एप्प क्या है?

इन्हें भी पढ़ें :- गाय भैंस में फिमेल बछिया पैदा करने की सेक्स सॉर्टेड सीमेन टेक्नोलॉजी क्या है?

इन्हें भी पढ़ें :- दुधारू पशुओं को खली खिलाने के फायदे तथा सोयाबीन की खली से दूध उत्पादन कैसे बढ़ाएं?

इन्हें भी पढ़ें :- पशुशाला निर्माण के लिये स्थान का चयन ऐसे करें.

इन्हें भी पढ़ें :- ‘राष्ट्रीय गोकुल मिशन’ योजना, गोकुल ग्राम और गोपाल रत्न पुरस्कार क्या है?

गाय के गोबर से घर की लिपाई और महत्व

1 . प्राचीन समय से गाय के गोबर से घर की लिपाई करना शुभ माना जाता है और आज भी इसे शुभ माना जाता है. हिन्दू धर्म के अनुसार गाय के गोबर में देवी लक्ष्मी का वास होता है. इसलिए महिलाएं घर के मुख्य द्वार में गोबर से लिपाई या आर्ट या चित्रकारी बनाती हैं या पूरी दीवार को ही गोबर से लिपाई कर देते है.

2. आज भी अनेक घरों में दीवार पर गोबर से चौक बनाकर उसकी पूजा की जाति है. वही गाँव देहातों में गोबर से गोबर से दीवार, छत, और जमींन भी लिपि जाति है.

3. शहर में भी कई लोग अपने मुख्य द्वार के दोनों ओर थोड़ा सा गोबर लगाकर उस पर कलावा चिपका देते है. इसे भी हिन्दू धर्म में एक शुभ चिन्ह माना जाता है.

Use of Cow Dung
Use of Cow Dung

गाय के गोबर के कंडे से हवन और लाभ

1 . घर में धन की कमी हो या फिर परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा हो तो घर में गोबर के कंडे जलाने मात्र से आपको समस्या का समाधान नजर आने लग जायेगा.

2. गोबर के कंडे से हवन करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती है. इतना ही नहीं, ऐसा करने से आपको श्री हरि विष्णु भगवान का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.

3. गोबर के कंडे से हवन करने पर घर में सकारात्मक उर्जा का प्रवेश होता है और नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है.

गाय के गोबर का वास्तु

1 . वास्तु के हिसाब से शुक्रवार के दिन गाय के गोबर को घर लाने से आर्थिक समस्याएं हल होती है.

2. यदि घर में कोई बीमार है, तो रोजा सुबह पूजा करने के बाद गाय के गोबर के कंडो से अग्यारी करने पर रोगी की सेहत को लाभ पहुँचता है और रोगी का स्वास्थ्य को जल्दी आराम मिलता है.

3. वास्तु हे हिसाब से घर के मुख्य द्वार की दीवार या फिर फर्श को गोबर से लिपाई करने पर देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती है.

गाय के गोबर का आर्थिक महत्व

1 . छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी द्वारा गाय के गोबर खरीदी की एक योजना जुलाई 2020 को शुरू की गयी है जिसका नाम है छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना है.यह योजना किसानों और पशुपालकों के लिए बनायीं गयी है. योजना के तहत राज्य में जितने भी किसान व पशुपालक गाय पालते है उन लोगों से गाय का गोबर खरीदा जायेगा. गाय के गोबर का इस्तेमाल सरकार वर्मी कम्पोस्ट खाद्य को बनाने के लिए करेगी, जिससे असली खाद्य बन पायेगी जो की खेती व पेड़-पौधे के लिए बहुत ही अच्छी होगी.

2. छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना मा. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी का महत्वपूर्ण और महत्वकांक्षी योजना है. छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना के माध्यम से सरकार पशु पालकों से गोबर खरीदने का कार्य करेगी. इससे किसानों व पशुपालकों को लाभ मिलेगा, इससे उनकी आय में भी वृद्धि हो सकेगी. योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार ने दो स्टेज (चरण) बनाये है. पहले स्टेज में 2240 गोशालाओं को योजना के अंतर्गत शामिल किया जायेगा और दूसरे स्टेज में पशुपालकों से गाय का गोबर खाद्य बनाने हेतु खरीदा जायेगा. सरकार गाय के गोबर का उपयोग कई कामों में कर सकती है. वह इसका इस्तेमाल अच्छा फ्यूल (ईंधन) बनाने में भी कर सकती है, इसके अलावा गोबर का इस्तेमाल उपले बनाने में भी किया जा सकता है. सरकार पशुपालकों से 2 रुपये प्रति किलों के अनुसार गोबर खरीदेगी.

Economical Importance of Cow Dung
Economical Importance of Cow Dung

3. जो आवेदक छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना में रजिस्टर्ड हो गए है उन गौ पशुपालकों से सरकार ने गोबर को खरीदना आरम्भ कर दिया है. राज्य भर में अब तक 65,694 पशुपालकों ने योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूरा कर लिया है. जिसमे से 46,764 लाभार्थियों से 82,711 क्विंटल गोबर की खरीद की जा चुकी है. पशुपालक किसानों से ख़रीदे गए गोबर की धनराशि लाभार्थियों को सहकारी बैंक के जरिये DBT माध्यम से उनके बैंक खाते में ट्रांसफर किये जायेंगे. इसके लिए आवेदक का स्वयं का बैंक अकाउंट होना जरुरी है जो की आधार कार्ड से लिंक होना अनिवार्य है. अभी तक राज्य के किसान पशुपालकों द्वारा 1 करोड़ लाख रुपये का गोबर बेचा जा चुका है.

4. इस योजना के अंतर्गत किसानों को कई फायदे मिल रहे है. इसमें ग्रामीण एवं पशुपालकों के आय में वृद्धि होने के साथ ही वर्मी कंपोस्ट और सुपर कंपोस्ट के उपयोग से खाद्य की गुणवत्ता में सुधार आया है. इसके अलावा इस योजना के माध्यम से महिला स्व सहायता समूह से जुड़ी लगभग 80000 महिलाओं को आजीविका प्राप्त हुई है और अब तक महिलाओं को 27.78 करोड़ रुपए की राशि मिली है.

5. बता दे कि इस योजना के अंतर्गत खरीद की राशि का वितरण 10 जुलाई 2021 को किया गया है. इस मौके पर यह भी जानकारी प्रदान की गई कि राज्य में अभी 5590 गौठान सक्रिय हैं और 9950 गौठान का निर्माण की स्वीकृति सरकार द्वारा प्रदान की जा चुकी है. इन गौठान के माध्यम से 3,06,770 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन किया गया है, जिसमें से 1,44,320 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट की बिक्री की जा चुकी है.

प्रिय किसान भाइयों पशुओं की उपर्युक्त बीमारी, बचाव एवं उपचार प्राथमिक और न्यूनतम है. संक्रामक बिमारियों के उपचार के लिये कृपया पेशेवर चिकित्सक अथवा नजदीकी पशुचिकित्सालय में जाकर, पशुचिकित्सक से सम्पर्क करें. ऐसे ही पशुपालन, पशुपोषण और प्रबन्धन की जानकारी के लिये आप अपने मोबाईल फोन पर गूगल सर्च बॉक्स में जाकर सीधे मेरे वेबसाइट एड्रेस pashudhankhabar.com का नाम टाइप करके पशुधन से जुड़ी जानकारी एकत्र कर सकते है.

जाने :- लम्पी वायरस से ग्रसित पहला पशु छत्तीसगढ़ में कहाँ मिला?

किसी भी प्रकार की त्रुटि होने पर कृपया स्वयं सुधार लेंवें अथवा मुझे निचे दिए गये मेरे फेसबुक, टेलीग्राम अथवा व्हाट्स अप ग्रुप के लिंक के माध्यम से मुझे कमेन्ट सेक्शन मे जाकर कमेन्ट कर सकते है. ऐसे ही पशुधन, कृषि और अन्य खबरों की जानकारी के लिये आप मेरे वेबसाइट pashudhankhabar.com पर विजिट करते रहें. ताकि मै आप सब को पशुधन से जूडी बेहतर जानकारी देता रहूँ.

पशुधन खबरपशुधन रोग
इन्हें भी पढ़ें :- बटेर पालन बिजनेस कैसे शुरू करें? जापानी बटेर पालन से कैसे लाखों कमायें?
इन्हें भी पढ़ें :- कड़कनाथ मुर्गीपालन करके लाखों कैसे कमायें?
इन्हें भी पढ़ें :- मछलीपालन व्यवसाय की सम्पूर्ण जानकारी.
इन्हें भी पढ़ें :- सायलेज क्या है? पशुओं को सायलेज खिलाकर दूध उत्पादन कैसे बढ़ाएं?
इन्हें भी पढ़ें :- गोधन न्याय योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इन्हें भी पढ़ें :- नेपियर घास बाड़ी या बंजर जमीन पर कैसे उगायें?
इन्हें भी पढ़ें :- बरसीम चारे की खेती कैसे करें? बरसीम चारा खिलाकर पशुओं का उत्पादन कैसे बढ़ायें?
इन्हें भी देखें :- दूध दोहन की वैज्ञानिक विधि क्या है? दूध की दोहन करते समय कौन सी सावधानी बरतें?
इन्हें भी पढ़े :- मिल्किंग मशीन क्या है? इससे स्वच्छ दूध कैसे निकाला जाता है.
इन्हें भी पढ़े :- पशुओं के आहार में पोषक तत्वों का पाचन कैसे होता है?
इन्हें भी पढ़ें :- पशुओं में अच्छे उत्पादन के लिये आहार में क्या-क्या खिलाएं?
इन्हें भी पढ़ें :- पशुओं में रासायनिक विधि से गर्भ परीक्षण कैसे करें?
इन्हें भी पढ़ें :- पशुशेड निर्माण करने की वैज्ञानिक विधि
इन्हें भी पढ़ें :- दुधारू पशुओं में किटोसिस बीमारी और उसके लक्षण
इन्हें भी पढ़ें :- बकरीपालन और बकरियों में होने वाले मुख्य रोग.
इन्हें भी पढ़ें :- नवजात बछड़ों कोलायबैसीलोसिस रोग क्या है?
इन्हें भी पढ़ें :- मुर्गियों को रोंगों से कैसे करें बचाव?
इन्हें भी पढ़ें :- गाय, भैंस के जेर या आंवर फंसने पर कैसे करें उपचार?
इन्हें भी पढ़ें :- गाय और भैंसों में रिपीट ब्रीडिंग का उपचार.
इन्हें भी पढ़ें :- जुगाली करने वाले पशुओं के पेट में पाचन क्रिया