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विलुप्त हो रहे विशाल आकार के काले गिद्ध : Giant Black Vultures are Becoming Extinct

विलुप्त हो रहे विशाल आकार के काले गिद्ध : Giant Black Vultures are Becoming Extinct, इंटरनेट पर छाया विलुप्त हो रहे काले गिद्ध का वीडियो में गिद्ध का विशाल आकार देखकर लोगों का पसीना छुट रहा है. सोशल मिडिया पर गिद्ध के तमाम वीडियो देखें होंगे, लेकिन इस वायरल वीडियो में गिद्ध को पिंजड़े के अन्दर घूमते देखा जा सकता है जिसका विशाल आकार देखकर लोग हैरान हैं.

Giant Black Vultures are Becoming Extinct
Giant Black Vultures are Becoming Extinct

सोशल साईट पर एक विशाल गिद्ध का वीडियो काफी देखा जा रहा है. ये गिद्ध काले रंग का है, इसमें इसकी बड़ी-बड़ी आँखें, नुकीली चोंच, पंखों से घिरी गर्दन और मजबूत पंजे काफी करीब से नजर आ रहे हैं. इस गिद्ध को सिनेरियास गिद्ध के नाम से जाना जाता है. यह वीडियो चिड़ियाघर का है, जिसे इस ख़तरनाक के पिंजड़े के करीब से सूट किया गया है. इस वायरल क्लिप में गिद्ध को पिंजड़े के अन्दर घूमते देखा गया है और इसके विशाल आकार को देखने में लोगों को हैरान करने वाली है.

यह वीडियो 15 सेकण्ड का है जिसे देखने पर आपके अन्दर सिरहन पैदा कर देगा. इसमें उसकी बड़ी-बड़ी आँखें, नुकीली चोंच, पंखों से घिरी गर्दन और मजबूत पंखें काफी करीब से नजर आ रही है. इया विशाल पक्षी का इतना करीब से सूट किया गया वीडियो अपने आप में अनोखा और अविश्वसनीय है.

वायरल हुआ काले गिद्ध का वीडियो

इस क्लिप को कैप्शन दिया है, “सिनेरियास गिद्ध की चाल”. ये वीडियो के व्यूज हर घंटे बढ़ रहे है और अभी तक इसे 53 लाख से भी ज्यादा लोगों ने देखा है. 81 हजार लोगों ने इस पर हार्ट रिएक्ट किया है. वीडियो का कमेंट बॉक्स गिद्ध के उड़ान के वीडियो से भार चूका है. कई लोगों ने इसे काल्पनिक तो कई ने डरावना बताया.

वीडियो लिंक

धरती का सबसे बड़ा शिकारी पक्षी है

बता दें कि सिनेरियास गिद्ध जिसे ‘यूरेशियन ब्लैक गिद्ध’ के नाम से भी जाना जाता है. यह गिद्ध सबसे बड़ी शिकारी पक्षियों में से एक है. ये यूरोप और एशिया का मूल निवासी है और पहाड़ी तथा जंगली इलाकों में रहता है. इसका आकार 10 फीट तक हो सकता है. और ये अपने पंखों को फैलाकर 3 मीटर तक कर सकते हैं. जो इसे धरती का सबसे बड़ा उड़ने वाला पक्षी बनाता है.इनके आकर्षक काले पंख और सिर तथा गर्दन पर स्लेटी रंग के पंख होते हैं.

पिछले 200 वर्षों से सिनेरियास गिद्धों की संख्या में कमी आई है, जिसका एक कारण जहरीला चारा खाने से हो रही इनकी मौत है. दूसरी बड़ी वजह इनके खाने के लिए उपलब्ध मांस में कमी है. वर्तमान में इस पक्षी को विलुप्ति के करीब संकटग्रस्त पक्षी के सूची में रखा गया है.

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मंगलग्रह पर 378 दिन बिताकर वापस लौटे एस्ट्रोनाट्स

मंगलग्रह पर भविष्य के मिशन के लिए नासा ने चार वैज्ञानिकों को 378 दिन के लिए भेजा था. इन 4 सदस्यों में केलि हेस्टन (कमांडर), रास ब्राकवेल (फ्लाईट इंजीनियर), नाथन जोन्स (चिकित्सा अधिकारी) और एन्का सेलारियु (विज्ञान अधिकारी) शामिल है.चारों वैज्ञानिक 25 जून 2023 को मंगल ग्रह के वातावरण में प्रवेश कर गये थे. नासा ने मंगल सिमुलेशन मिशन के तहत मंगल ग्रह जैसे एक नकली आवास में रहने के बाद 4 वैज्ञानिक वापस लौटे.

हेस्टन ने बताया अपना अनुभव

इस मिशन पर गये 4 सदस्यों के दल के हेस्टन ने बताया कि इस मिशन ने उनके दृष्टिकोण को बदला और उन्होंने काम और जीवन के बीच अलग तरह से संतुलन बनाया. नकली आवास में सूट पहनना और नकली मार्शवाक पर जाना, सब्जियां उगाना और काटना, अपना स्वास्थ्य डाटा इकठ्ठा करना, अपने आवास और अपने उपकरणों को बनाये रखना और आमतौर पर सिमित संसाधनों और बाहर के किसी भी व्यक्ति के साथ अधिकतम 22 मिनट तक संचार के साथ हर दिन गुजारा करना था.

कैसी थी उनकी दिनचर्या

हेस्टन ने अपना अनुभव बताते हुए कहा, “आप अपने कमरे से बाहर निकलते हैं और आप काम पर होते हैं.” “उन्होंने कहा, “हर दिन मै उठती और जैसे ही मैं चलती, मैं अपना वजन मापती, मै अपने व्यक्तिगत स्वास्थ्य या अपने काम के बारे में डाटा लेना शुरू कर देती.” उन्होंने आगे कहा, ” चालक को घर जैसा महसूस हुआ, क्योंकि हम एक दुसरे से जुड़ गये और एक यूनिट बन गए एक अजीब परिवार की तरह.”

एस्ट्रोनाट ने बताया अपना अनुभव

इस प्रोजेक्ट में जोन्स चालक दल के चिकित्सा अधिकारी के रूप में शामिल थे. नासा की एक प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि यात्रा ने उन्हें धीमा होना, वर्तमान में जीना और ड्राइंग के माध्यम से अपनी रचनात्मकता का पता लगाना सिखाया. उन्होंने कहा, “मैंने वर्तमान मौसम का आनंद लेने और आने वाले मौसम के लिए धैर्य रखने के लिए समय निकलना सीखा. मैंने इस दौरान खुद को भी आश्चर्यचकित किया है.”

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ब्राकवेल ने अपने अनुभव को लेकर क्या कहा?

इस मिशन के फ्लाईट इंजीनियर ब्राकवेल ने कहा कि इस अनुभव ने उन्हें पृथ्वी पर सभी के लाभ के लिए जीने का महत्व सिखाया. उन्होंने कहा, “मैं इस विचार को जीने के अवसर के लिए आभारी हूँ कि हमें संसाधनों का उपयोग अधिक तेजी से नहीं करना चाहिए.” अमेरिकी नौ सेना में माइक्रोबायोलॉजिस्ट सेलारियु ने भी इस मिशन को लेकर ख़ुशी जताई और कहा कि अंतरिक्ष हमें एकजुट कर सकता है और हमारे अन्दर की सर्वश्रेष्ठता को सामने ला सकता है.

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