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गौशालाओं के लिए लांच हुआ जीसीसीआई पोर्टल : GCCI Portal Launched for Gaushalas

गौशालाओं के लिए लांच हुआ जीसीसीआई पोर्टल : GCCI Portal Launched for Gaushalas, गौशालाओं की कमाई बढ़ाने के लिए जीसीसीआई का पोर्टल हुआ लॉंच. केंद्रीय पशुपालन मंत्री ने डॉ वल्लभभाई के नेतृत्व में आयोजित गऊ टेक एक्सपो 2023 की सराहना. ग्लोबल कंफीग्रेशनआफ कॉउ बेस्ड इंडस्ट्रीज (जीसीसीआई) के द्वारा आयोजित “गऊ टेक एक्सपो 2023” पहले दिन की शुरुआत पूजा अर्चना एवं हवन कार्यक्रम से प्रारंभ हुई. इस आयोजन में जहां एक और गौ संरक्षण संवर्धन के दिशा में “गऊ टेक एक्सपो 2023” में जीसीसीआई ने व्याख्यान का आयोजन किया गया वहीं पर देशभर से आई गो उत्पाद बनाने और बेचने वाली प्रतिष्ठानों की नई नई जानकारी देने वाली स्टाल गौ सेवा से संबंध आगंतुकों का आकर्षण केंद्र बने हुए थे.

GCCI Portal Launched for Gaushalas
GCCI Portal Launched for Gaushalas

आयोजन में केंद्रीय मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला ने जीसीसीआई के पोर्टल का लोकार्पण किया तो लोगों में एक नया जोश देखने को मिला. उन्होंने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि आज देश भर की गौशालाये दवाओं से लेकर घरेलू सामान जैसे अगरबत्ती तक बना रही है. गाय के गोबर – गोमूत्र को हम पवित्र मानते हुए उसका पूजा-अर्चना में प्रयोग करते हैं जो आज विज्ञान की कसौटी पर खरा उतर रहा है. गाय का गोबर गोमूत्र ही ऐसा अपशिष्ट है जो सदियों से स्वच्छता और पवित्रता प्रतीक बना हुआ है. जबकि विश्व की किसी ऐसे प्राणी की अपशिष्ठ में विशेषता नहीं होती. इस आयोजन में गुजरात के कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री श्री विजय भाई रुपाणी, कर्नाटक के पूर्व राज्यपाल श्री विजूभाई वाला और पूर्व मंत्री , इफको के चेयरमैन श्री दिलीप भाई संघाणी तथा जल क्रांति के अग्रदूत कार्यकर्ता श्री भूपेंद्र सिंह जुड़ा के साथ-साथ कई साधु संत उपस्थित थे.

केंद्रीय मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला के जीसीसीआई के पोर्टल का लोकार्पण करने से पहले, पोर्टल की विशेषताओं को बताने के लिए जीसीसीआई के जनरल सेक्रेटरी श्री पुरीश कुमार आए और उन्होंने कहा कि देश भर की गौशालाओं में गोबर गोमूत्र से कई तरह के सामान बनाए जा रहे हैं. लेकिन गौशाला संचालकों को यह नहीं पता है कि उनका सामान कैसे बाजार जाए और गोबर गोमूत्र से कमाई की जा सके. इस समस्या के निदान के लिए जीसीसीआई एक ऐसा प्लेटफार्म बनाने का निर्णय लिया जहां उन्हें सामान बनाने, बेचने और सही दाम प्राप्त करने में आसानी हो. जीसीसीआई का यह प्रयास है कि गौशाला में बनाए गए विभिन्न तरह के सामानों को ग्लोबल प्लेटफॉर्म मिल सके. उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए जीसीसीआई के पोर्टल पर सभी जानकारी उपलब्ध है और गौशाला कर्मी तथा संबंधित व्यक्ति जाकर अपना पंजीकरण कर सकता है. एक्सपो मैं भी यह व्यवस्था प्रदान करने के लिए अलग से काउंटर बनाया गया है. आगे उन्होंने बताया कि यह पोर्टल गौशाला से संबंधित प्रोडक्ट को अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतारने के लिए उसी तरह से कार्य करेगा जैसे अमेजॉन, फ्लिपकार्ट या अन्य दूसरी मार्केटिंग एजेंसी काम करती है लेकिन इसमें अंतर इस बात का होगा कि जीसीसीआई सभी गौशाला उत्पाद के विक्रेताओं का विशेष ध्यान देगा और उनसे गहरा तालमेल रखेगा.

कार्यक्रम का शुभारंभ हैदराबाद से आई गौ सेविका एवं गौशाला कार्यक्रम की युवा संचालिका गौ महिमा गायन से आरंभ हुआ. कार्यक्रम का सबसे मुख्य आकर्षण था साधु संतों का सम्मिलित होना. कुल मिलाकर के कार्यक्रम अत्यंत प्रेरक बन गया था. मुख्य अतिथि के रूप में श्री श्री परषोत्तम रूपाला जीने गाय की महिमा को बताते हुए कहा कि आज गौशालाओं में गोबर गोमूत्र सैकड़ों सामान बनाए जा रहे हैं जो रोजमर्रा की जिंदगी में काम आती है. गोबर गोमूत्र से सिर्फ दवाएं ही नहीं बन रही है बल्कि उनसे अगरबत्ती जैसे घरेलू सामान तैयार किए जा रहे हैं. गोपालन की व्यवस्था को भगवान कृष्ण के युग से समझा जा सकता है जहां उन्होंने गाय के पालन से जन कल्याण का संदेश दिया था. उसी परंपरा को कायम रखते हुए गोबर गोमूत्र भारत की सबसे पवित्र तथा पूजा-पाठ में प्रयोग की जाने वाली सामग्री है. यह बात विज्ञान की कसौटी पर भी आज सही हो रही है.

जीसीसीआई के द्वारा आयोजित “गऊ टेक एक्सपो 2023” प्रणेता एवं संरक्षक डॉ. वल्लभभाई कथीरिया ने अपने व्याख्यान में कहा कि आज गौशालाओं में ढेर सारे काम किए जा रहे हैं. गौ संरक्षण के लिए उनका स्वाबलंबन होना अत्यंत आवश्यक है. गोधन एक बहुत बड़ी संपत्ति है. आज तमाम संस्थाएं एक मॉडल के रूप में काम कर रही है और तमाम तरह की सामान बना रहे हैं. लेकिन उनके पास में एकत्रित रूप में बेचने और आमदनी के लिए कोई प्लेटफार्म नहीं है. जीसीसीआई इसके लिए कटिबद्ध है. उन्होंने हवाला देते हुए कहा कि पिछले दिनों में उर्वरक प्रयोग पर उन्हें बताया गया कि गोबर गोमूत्र से बनी खाद के प्रयोग से देश में तकरीबन 144 करोड़ की सब्सिडी बचाई जा चुकी है. आज गोबर गोमूत्र के प्रयोग ने एक नई टेक्नोलॉजी का भी जन्म दिया है जिससे यह काम और आसान हो गया है. इस को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के अधीन सभी मंत्रालयों में कई तरह की स्कीम है जो लोग नहीं जानते हैं, उसे बताने और जोड़ने की भी जिम्मेदारी जीसीसीआई ने अपने ऊपर ली है ताकि देश भर के गौशालाओं को एक सूत्र में जोड़ा जा सके.

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कार्यक्रम में शरीक विशिष्ट व्यक्तियों में कर्नाटक के पूर्व राज्यपाल श्री विजूभाई वाला वालों ने कहा कि गोरक्षा देश की अस्मिता से ही नहीं जुड़ी हुई है बल्कि मानव तथा धरती की पोषण से लेकर उसकी कुदरती स्वभाव बनाए रखने और प्रकृति की रक्षा से भी जुड़ा हुआ है. गौ संरक्षण के कार्य में विघ्न डालने वाले लोगों के ऊपर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. इसलिए देश में गौ हत्या निषेध जरूरी है. गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री श्री विजय भाई रुपाणी ने “गऊ टेक एक्सपो 2023” आयोजन की प्रशंसा करते हुए डॉक्टर वल्लभभाई कथीरिया के प्रयास की सराहना की और कहा कि डॉक्टर कथीरिया भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान के पथ पर चल रहे हैं. कार्यक्रम में इफको के चेयरमैन श्री दिलीप भाई संघाणी जमीन की उर्वरता बनाए रखने के लिए गोबर गोमूत्र के प्रयोग को बढ़ावा देने की बात कही तो गुजरात में जल क्रांति के प्रतिष्ठित एक्टिविस्ट श्री भूपेंद्र सिंह जूड़ा ने गाय को सुख शांति का आधार बताया. इस अवसर पर उपस्थित संतो ने भी गाय की महिमा की बखान की और देश में गौ संरक्षण संवर्धन के लिए गौशालाओं के विकास के उपाय बताये.

प्रथम दिन बड़ा ही उत्साह से भरा था और जब आयोजन के लिए समर्पित कार्यकर्ताओं में कुछ लोगों से बात की गई तो सबसे पहले गुजरात प्रदेश के बीजेपी के मीडिया प्रभारी श्री राजू ध्रुव ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सपनों के भारत को साकार करने के लिए गौशालाओं से अतिरिक्त कमाई के अभियान की माता बताते हुए प्रधानमंत्री जी के आम आदमी के दुख दर्द और उसके समस्याओं से निपटने के लिए उनकी चिंतन और काम करने के तरीके की याद किया और कहा कि गाय किसी भी घर की एक बहुत बड़ी संपत्ति होती है. वह परिवार की सदस्य भी जैसे होती है. इसलिए गाय को आत्मनिर्भर भारत के सपने से जोड़ने और उसे साकार करने की अत्यंत आवश्यकता है. जीसीसीआई के वरिष्ठ पदाधिकारी श्री अमिताभ भटनागर ने गौशाला अभियान को घर-घर और जन-जन से जोड़ने की बात कही. गौ भक्त तथा गौ संरक्षण संवर्धन के विशेषज्ञ डॉ. केपी सिंह भदौरिया ने भारत सरकार से अपील की है कि जीसीसीआई के अभियान को केंद्र सरकार द्वारा विशेष सहयोग तथा संरक्षण दिया जाना चाहिए. क्योंकि, देश भर की गौशालाएं केंद्र सरकार के ऊपर बहुत बड़ा भरोसा रखती हैं. इसलिए माननीय पशुपालन मंत्री यही नहीं बल्कि प्रधानमंत्री जी गौ संरक्षण संवर्धन पर विशेष ध्यान दे.

“गऊ टेक एक्सपो 2023” के कार्यक्रम के मनमोहक संचालन की भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के कोआपटेड मेंबर तथा केंद्रीय पशुपालन मंत्रालय के सलाहकार, श्री मित्तल खेतानी जी ने किया. जिन्होंने मंच की भव्यता तथा गरिमा को बनाए रखते हुए कार्यक्रम संचालन व्यवस्था में चार चांद लगा दिया. एक्सपो के पहले दिन के समापन पर स्थानीय कलाकारों के सहयोग से लोकप्रिय गुजराती गीत एवं नृत्य की व्यवस्था गई थी जिससे आए सभी आगंतुकों ने आनंद लिया. साथ ही साथ गुजरात की लोक संस्कृति से परिचित भी हुए.

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