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गाभिन गाय को जनने के 30 दिन पहले क्या खिलाएं । Gabhin Gaay Ko Janane Ke 30 Din Pahle Kya Khilayen

गाभिन गाय को जनने के 30 दिन पहले क्या खिलाएं। Gabhin Gaay Ko Janane Ke 30 Din Pahle Kya Khilayen, पशुपालक को पशुओं के दुग्ध उत्पादन में वृद्धि और अधिक मुनाफा कमाने के लिए पशुओं का समय पर उचित पोषण और प्रबंधन करना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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भारत में ज्यादातर किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन करते हैं। ऐसे में जरुरी है कि पशुपालक अपने पशुओं का अच्छे से ध्यान रखें ताकि अच्छा दूध उत्पादन मिल सके। पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टर ने गाभिन पशुओं की देखभाल कैसे करना चाहिए, इस आर्टिकल के माधयम से विस्तारपूर्वक बताया गया है।

एक्सपर्ट की सलाह

पशु चिकित्सा एक्सपर्ट डॉक्टर ने बताया कि गाभिन भैंस 310 दिन में बच्चा देती है, जबकि गाय 280 दिन में बच्चा देती है। ऐसे में गाभिन पशु को अतिरिक्त खुराक (खाना) कि आवश्यकता होती है, ताकि वह एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे और अच्छा दूध उत्पादन भी मिले।

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पशु के गर्भ के 6 महीने तक कैसे रखने ध्यान ?

एक्सपर्ट डॉक्टर के अनुसार शुरुवाती 3 महीने तक और रूटीन में दिए जाने वाला चारा देते रहें लेकिन मिनरल मिक्सचर की मात्रा को बढ़ा देना चाहिए। उसके बाद 3 से 6 महीने तक प्रोटीन वाला आहार देना शुरू कर दें तथा उसके साथ मिनरल मिक्सचर भी देते रहें।

पशु के गर्भ के 7 महीने बाद कैसे रखने ध्यान ?

उन्होंने कहा कि पशु के सातवें महीने कि गर्भावस्था के दौरान विशेष ध्यान दने कि आवश्यकता होती है। यदि गाय या भैंस दूध दे रही है तो और भी सावधानी बरतनी चाहिए तथा सातवे महीने के बाद से पशुओं को दुहना (लेना) बंद कर देना चाहिए। क्योंकि 7 महीने कि गाभिन पशु से दूध लेना (दुहना) बंद नहीं करेंगे तो वह बच्चा देने के बाद अच्छा दूध उत्पादन नहीं दे पायेगा।

एक्सपर्ट ने कहा कि जब पशु के गर्भावस्था के दिन पुरे होने वाले हो तो पशु के आवास को साफ सुथरा और हवादार बनाये रखना चाहिए। इसके आलावा जहां गाभिन पशु को बांधा जाता हो वहां के जगह को पशु के खड़े होने कि स्थिति अनुसार पिछला हिस्सा ऊँचा और अगला हिस्सा निचला रखना चाहिए। ताकि पेट में पल रहे बच्चे का वजन पीछे कि और न पड़े।

इसके आलावा गाभिन पशु को ज्यादा इधर उधर चलाना फिराना भी नहीं चाहिए। इसके साथ पशु को 20 से 25 किलो हरा चारा और 4 से 5 किलो सूखा चारा देना चाहिए। इसके आलावा कैल्शियम और मिनरल मिक्सचर पशुओं को देते रहना चाहिए।

एक्सपर्ट के मुताबिक पशुओं को ब्याने के बाद मिल्क फीवर, कीटोसिस जैसे गंभीर बीमारी होने की सम्भावना होती है ऐसे में रोग से बचाने के लिए जब पशु के ब्याने के करीब 1 से डेढ़ माह पहले (पहले), गाभिन पशु को मेटाबोलाइट पाउडर का एक-एक पाउच रोजाना 20 दिन तक देना चाहिए।

यह पाउडर पशुचिकित्सा कि दवाई मिलने वाली हर मेडिकल स्टोर पर मिल जाती है, नहीं मिलने पर मेडिकल संचालक से बात करके आर्डर पर मांगा सकते हैं। इसकी कीमत करीब 20 रूपये प्रति पाउच होती है।

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पशु चिकित्सकों की सलाह

ब्याने के बाद कैसे रखें पशुओं का ध्यान?

गाभिन पशु अन्य पशुओं के मुकाबले काफी संवेदनशील होते हैं। क्योंकि इनमें कई प्रकार के हारमोनल परिवर्तन होते हैं। गाय गाभिन होने के 9 माह 9 दिन में और भैंस गाभिन होने के 10 माह 10 दिन में बच्चा देती है। इसलिए पशु के गाभिन होने की तारीख का पता होना जरुरी होता है।

लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा पशु विज्ञान विश्वविद्यालय हिसार के पशु चिकित्सा विकृति विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक रेनू सिंह, गौरी चंद्रात्रे आद्रय प्रकाश के अनुसार पशु पालकों को कई जरुरी बातों का ध्यान रखना चाहिए।

ब्याने के बाद यूं रखें पशु का ध्यान – ब्याने के बाद पशु को गुनगुने पानी से भीगे कपड़े द्वारा साफ करें, ब्याने के बाद पशु को कार्बोहाइड्रेटस युक्त चारे खिलाएं। पशु को गेहूं का दलिया, सोंठ, गुड़ अजवायन पकाकर खिलाएं। ब्याने के 10 घंटे तक पशु जेर नहीं गिराए तो पशु चिकित्सक से संपर्क करें और जेर को तुरंग गड्ढे में दबा दें।

  • गर्भाधान के दो माह बाद पशु के गर्भ की जांच पशु चिकित्सक से करा लें।
  • प्रथम तीन महीने में भ्रूण का विकास धीरे-धीरे होता है। अत: इन तीन माह में आहार व्यवस्था में ज्यादा परिवर्तन की जरुरत नहीं होती। खनिज लवण प्रोटीन की मात्रा थोड़ी बढ़ा देनी चाहिए।
  • तीन से छह माह के गाभिन पशु के चारे में प्रोटीन, विटामिन एवं खनिज लवण की मात्रा बढ़ा दें।
  • गाभिन पशु साफ एवं स्वच्छ वातावरण में रखें एवं उक्त स्थान पर हर रोज सफाई करें।
  • छह माह के गाभिन पशु को पाचक प्रोटीन, 10 से 12 ग्राम कैल्सियम, 7-8 ग्राम फास्फोरस एवं विटामिन दें।
  • कैल्शियम की पूर्ति के लिए दाने में कैल्शियम कार्बोनेट मिलाएं।
  • जिस स्थान पर गाभिन पशु रखा गया हो वहां शांति माहौल होना चाहिए।
  • गाभिन पशु को बेवजह दौड़ाया जाए, उसे साधारण व्यायाम ही कराएं।
  • ब्याने के 60 दिन पहले गाभिन पशु का दूध निकालना बंद कर दें।
  • जहां गाभिन पशु रखा गया हो वहां पशु के खड़े एवं बैठने सही जगह हो पशु घर का फर्श चिकना एवं ढलानदार हो।
  • गाभिन गाय या भैंस को साधारणतया 25 से 30 किलोग्राम हरा चारा, दो से चार किलोग्राम सूखा चारा, दो से तीन किलोग्राम दाना एवं 50 ग्राम नमक रोज दें।
  • गाभिन पशु के ब्याने के करीब दो सप्ताह पहले अन्य पशुओं से अलग कर दें। अच्छी गुणवत्ता के शीघ्र पाचक चारों में चोकर अलसी मिलाकर दें।
  • कई बार गाभिन पशु के ब्याने से पहले दूध उतर जाता है, ऐसे में पशु का दूध निकालें।
  • गाभिन पशु को गर्मी, सर्दी एवं बरसात से बचाएं।
  • पशुओं का बिछावन रोज बदलें।

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