जेर खा लेने पर गाय भैंस का घरेलु उपचार : Gaay Ko Jer Kha Lene Par kya dava Khilayen
जेर खा लेने पर गाय भैंस का घरेलु उपचार : Gaay Ko Jer Kha Lene Par kya dava Khilayen, पशुपालक ध्यान देवें, पशु का जेर खाना कोई घबराने की बात नहीं है। यदि आपका पशु जेर खा लेता है तो जेर भी किसी आहार की तरह पेट में पच जाती है। यह गोबर बनकर निकल जाती है। इसके खाने से न ही पशु के खाने-पीने में कोई फर्क पड़ता है व न ही उसके दूध में कोई कमी आती है।

जेर/आंवर खाने पर होने वाली समस्या
सामान्यतः पशुओं में जेर या आंवर ब्याने के 8-10 घंटे के अन्दर में गिर जाता है। कभी-कभी पशु ब्याने के 8-10 घंटे के अन्दर में भी आंवर नहीं गिराता है, जो पशु के पशु के शारीरिक कमजोरी या पशु को आवश्यक पोषक तत्व की कमी के वजह से ऐसा होता है। कभी-कभी जेर पशु के ब्याने के साथ-साथ या आधे से 1 घंटे में जेर गिर जाता है। यदि पशु रात में ब्या जाती है तो पशु आंवर गिराकर खुद खा लेती है या कुत्ते, बिल्ली या लोमड़ी उसे खा जाते है। अक्सर देखा गया है कि गाय, भैंस रात के समय बच्चे जनने के बाद, जेर/आंवर को गिराकर खुद खा लेता है। ऐसे में जब पशुपालक सुबह गाय को ब्याये हुए देखने पर जेर के प्रति चिंतित हो जाता है। पशुपालक घबराने लगता है कि उसका पशु जेर को खा लिया है तो पशु को किसी भी प्रकार से शारीरिक समस्या हो सकती है।
समस्या – पशु का जेर एक तरह का मांस है, परन्तु गाय, भैंस एक शाकाहारी जानवर है. यदि पशु जेर खा लेती है तो कभी-कभी पशु के पाचन क्रिया में गड़बड़ी हो सकती है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि पशु द्वारा जेर का कितना बड़ा हिस्सा खाया गया है. यसी पशु जेर का छोटा टुकड़ा खाया है तो तकलीफ नहीं होती है।
यदि पशु जेर का बड़ा या पूरा हिस्सा खा लिया है तो अपचन, दस्त या कब्ज, भूख कम लगना, बच्चे पर कम ध्यान देना और दुग्ध उत्पादन में कमी जैसे सामान्य समस्याएं दिखाई दे सकती है।
समाधान – यदि जेर खाने के बाद उपरोक्त समस्या दिखाई दे तो गाय, भैंस की पाचन क्रिया को सामान्य करने के लिये हिमालयन बत्तीसा आयुर्वेदिक पाउडर, खाने का सोडा व पाचन में सहायक जीवाणुओं की संख्या बढ़ाने के लिए बाजार में उपलब्ध दवाएं दें। यदि जरूरत पड़े तो डॉक्टरी सलाह से कब्ज निवारण की दवा दें।
वैसे भैंस आमतौर पर 2-3 दिन में ठीक हो जाती है। ऐसे में गाय-भैंस जेर खा लेती है तो उसके पाचन तंत्र में समस्या होना स्वाभाविक है। पाचन क्रिया सामान्य बनाने के लिए आयुर्वेदिक बत्तीसा पाउडर, 100-150 ग्राम खाने का सोडा एवं पाचन में सहायक जीवाणुओं की संख्या बढ़ाने के लिए (प्रोबायोटिक्स) पाउडर या गोली खिलाएं।
यदि पशु का भांड/गर्भाशय बाहर आ जाये तो क्या करें?
यदि पशु के मूत्र/योनी वाली जगह से पेट निकालता है वह असल में उसकी बच्चेदारी का मुंह है। इसको भांड भरना/दंदी देना कहते हैं। इसके कई कारण हैं, परंतु मुख्य कारण है पशु (मां) की कमजोरी है।
आपका पशु भांड इसलिए दिखा रहा है क्योंकि प्रसूति से पूर्व जो आपने अपने पशु की सेवा की है वह अपर्याप्त थी। अर्थात जितनी आपके पशु को पोषक तत्व की आवश्यकता थी वह आप प्रसूति के पहले पूर्ण नहीं कर सके हैं। इसी वजह से आपके पशु में भांड/दंदी दिखाई दे रहा है।
इसका सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि इस ब्यांत में आपका पशु जितना दूध दे सकता था अब वह उतना नहीं देगा। अभी आप अपनी गाय, भैंस को पेट के कीड़ों की दवाई दें। अगर प्रसूति को 21 दिन नहीं हुए हैं तो उसे दलिया दें, परंतु अगर 21 दिन से ऊपर हो गए हैं तो पशु आहार दो किलो सुबह व दो किलो शाम को दें। साथ में खनिज मिश्रण 50 ग्राम प्रतिदिन देंवें
उपचार – गोलो प्रोलैप्स इन पांच गोली सुबह व पांच गोली शाम को देशी घी, मक्खन में तीन दिन खिलाएं। अगर तीन दिन गोलियां खिलाने के बाद कोई भी फर्क न पड़े तो आप अपने निकटतम पशु चिकित्सक से संपर्क करके उसको कैल्शियम नाड़ी में चढ़वाएं।
आगे से ध्यान रखें कि जब भी आप अपने पशु का कृत्रिम गर्भाधान करवाएं। उसका अढ़ाई-तीन महीने बाद गर्भ परीक्षण पशु चिकित्सा अधिकारी से अवश्य करवाएं। अगर वह गाभिन है तो आप उनसे गाभिन पशु की देखभाल व उसके आहार के बारे में अवश्यक जानकारी, सलाह लें, ताकि आपका पशु फिर से दंदी/भांड न दिखाई दे।
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