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गाय का दूध बढ़ाने के लिए कौन सा चारा खिलाएं : Gaay Ka Doodh Badhaane Ke Liye Kaun Sa Chaara Khilayen

गाय का दूध बढ़ाने के लिए कौन सा चारा खिलाएं : Gaay Ka Doodh Badhaane Ke Liye Kaun Sa Chaara Khilayen, वर्तमान में पशुओं की दूध उत्पादन क्षमता बहुत ही कम होते जा रहा है। जो पशुपालकों के लिए बहुत बड़ी चिंता का विषय है। पशुओं के लिए पर्याप्त चरागाह, चारा, दाना, पशु आहार आदि की उपलबधता कम होने की वजह से पशुपालकों में बहुत ही समस्या हो रहा है।

Gaay Ka Dudh Badhane Ke liye Kya khilayen
Gaay Ka Dudh Badhane Ke liye Kya khilayen

इससे पशुओं में दूध उत्पादन क्षमता।, मांस उत्पादन कम होने के कारण, पशुपालकों का पशुपालन के प्रति रुझान काम होते जा रहा है। आज हम पशुपालकों के लिए पशुधन की अपर्याप्त चारा की कमी को दूर करने की कोशिश करेंगे, इसके लिए आप इस पोस्ट पर बने रहने की सलाह दिया जा रहा है ताकि आपको पशुधन से जुडी समस्याओं का निदान मिल सके।

यदि आप मछली पालन, मुर्गी पालन, बत्तख पालन, डेयरी फार्मिंग आदि से जुडी कोई भी समस्या है तो यह पोस्ट आपके लिए बहुत ही बेस्ट है। आज हम आपको एक ऐसी जलीय पौधे के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे आप खिलाकर मछलियों में वजन बढ़ा सकते हैं और गाय, भैंस में दूध उत्पादन क्षमता में वृध्दि कर सकते है।

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Gaay Ka Dudh Badhane Ke liye Kya khilayen

इसमें सबसे बड़ी खास बात यह है कि आपको पशुओं के आहार के लिए अतिरिक्त व्यय/खर्च नहीं कारण पड़ेगा। इसके लिए आप अंजोला जलीय पौधा को आप अपने खेत, बाड़ी, या फिर छोटे से गड्डे में आसानी से ऊगा सकते है।

एक्सपर्ट की सलाह

पशु वैज्ञानिकों का मानना है कि 100 ग्राम अंजोला में 30 प्रतिशत प्रोटीन कि मात्रा होती है। इसे आप पशुओं आहार के रूप में गाय, भैंस, मुर्गी, मछली आदि को दे सकते हैं। यह आपके दुधारू पशुओं में दूध कि मात्रा, फैट, ऐस्नेप्स को बढ़ानेमें में बहुत मदद करता है। इसमें गौर करने वाली बात यह है कि पशुओं में खरीदी और बिक्री करते समय फैट और ऐस्नेप्स को ध्यान रखकर ही खरीदी-बिक्री कि जाती है।

अंजोला में पशुओं के लिए पोषक तत्व की मात्रा

एक्सपर्ट के मुताबिक पशुओं के चारे, दाने के साथ आप प्रतिदिन दो किलो अंजोला घास को भी सम्मिलित कर सकते हैं। वहीं इसे मुर्गे -मुर्गियों के लिए प्रतिदिन ग्राम तक आहार में सम्मिलित कर सकते है। जहा तक बात करें मछलियों कि तो आप किसी भी मात्रा में तालाब में अंजोला का छिड़काव कर सकते है। क्योंकि मछलियां जरुरत के हिसाब से स्वयं इसे अपने आहार में ले सकती हैं।

अंजोला कल्चर को कैसे उगाये?

  • एक्सपर्ट बताते हैं कि इसे आप अपने घरों में एक छोटे से गड्ढे में भी आसानी से ऊगा सकते है।
  • इसके लिए आपको मात्र १ फिट का गड्ढा खोदना पड़ेगा, गड्ढे के तल में पॉलीथिन बिछा दें।
  • उसके बाद इसमें 5-7 किलो चाली हुई मिटटी, पांच किलो गोबर और 60 ग्राम एसएसपी मिलकर फैला दे।
  • अब गड्ढे में कम से कम 10 सेंटीमीटर के ऊपर पानी डालकर अच्छे से मिला लें।
  • इतना करने के पश्चात् उसमें आवश्यकता अनुसार अंजोला कल्चर दाल दे।
  • ठीक १५ दिन के बाद आप देखेंगे कि उसमें अंजोला कल्चर स्वयं उगने लगेगा।
  • इसमें ध्यान देने वाली बात यह है कि गड्ढे का निर्माण किसी छायादार वाली जगह पर करें, क्योंकि अंजोला घांस छायादार वाली जगह पर ही अच्छे से उगता है और उत्पादन भी अच्छा होता है।
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पशुओं को अजोला खिलाने के फायदे

  • अजोला का उत्पादन पशुपालक कम खर्च, कम समय, कम स्थान एवं बिना किसी आधुनिक तकनीक के साथ अनुकूल परिस्थितियों में वर्ष भर कर सकता है।
  • इसमें अधिक पोषक तत्व होने के कारण इसे पूरक रूप से खिलाया जा सकता है, जो उत्पादन की लागत को कम व पशुपालकों की शुद्ध आय को बढ़ाने का काम करता है।
  • इसे खिलाने से पशुओं में आवश्यक अमीनो अम्ल, विटामिन (विटामिन ‘ए’, विटामिन ‘बी’ तथा बीटा कैरोटीन) एवं खनिज लवण जैसे-कैल्शियम, फॉस्फोरस, 12 पोटेशियम, आयरन की आवश्यकता की पूर्ति होती है. इससे पशुओं का शारीरिक विकास अच्छा होता है।
  • पशुओं को प्रतिदिन आहार के साथ अजोला खिलाने से शारीरिक वृद्धि के साथ-साथ दूध के उत्पादन में भी वृद्धि देखी गई है. जबक‍ि मुर्गियों को आहार के साथ प्रतिदिन अजोला खिलाने से उनके वजन तथा अंडा उत्पादन क्षमता में वृद्धि आंकी गयी है।

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