चीटियाँ और दीमक से छुटकारा का सीक्रेट तरीका : Chitiya Aur Dimak Se Chhutkara Pane Ka Sikret Tarika
चीटियाँ और दीमक से छुटकारा का सीक्रेट तरीका : Chitiya Aur Dimak Se Chhutkara Pane Ka Sikret Tarika, गर्मियों में हम सभी को अपने पौधों को बचाने और देखभाल की विशेष जरुरत होती है. पौधे अक्सर तेज धुप और अधिक तापमान को सहन नहीं कर पाने के चलते मर जाते हैं. लेकिन गर्मियों में एक और चीज का ध्यान हम सभी को रखना होता है वे हैं चीटियाँ, दीमक या अन्य कीड़ों का.

गर्मियों के दिन में तपतपाती धुप से राहत के लिए पेड़-पौधे, जीव-जंतु सभी को पानी की विशेष आवश्यकता होती है. ऐसे में दीमक, चीटियाँ और अन्य कीड़े जमींन के अन्दर अपनी आवास में गर्मी से राहत के लिए पौधों के जड़ों में ठंडकता का एहसास करते हैं और पौधों के जड़ों में अपना आवास बनाने लगते है. इसलिए गर्मियों के दिनों में पौधों पर चीटियाँ, फंगस, कीड़े, मिलीबग और दीमक बहुत ही जल्दी लगने की सम्भावना होती है. जिससे हमारे फसल या पौधे को बहुत ही ज्यादा नुकसान होता है.
आज इस आर्टिकल के माध्यम आपको बताने जा रहें हैं कि किस तरह से आप अपने पौधों पर आने वाले चीटियाँ, फंगस, कीड़े और दीमक जैसे समस्याओं दूर कर सकते हैं. तो चलिए इस पर विस्तार से बात कर सकते हैं……..
आदर्श डेयरी फार्मिंग | पशुधन योजनायें |
पशुधन ख़बर | बकरीपालन |
चीटीं और दीमक
प्रायः यह समस्या हमरे प्लांट या बाड़ी के मिट्टी में आती है, क्योंकि नमी की वजह से चीटियाँ और दीमक मिट्टी में अपना घर बना लेते हैं. इसलिए हमें अपने प्लाट को रोज चेक करते रहना चाहिए कि कही मिलीबग या फंगस या कीड़े या चीटियाँ हमारी मिट्टी में तो नहीं हो रही हैं. और पत्तियों पर नजर रखना चाहिए कि पत्तियां भी ख़राब नहीं हो रहीं हैं.
चीटीं और दीमक भागने का उपाय
अगर आपके गमले के मिट्टी में चीटियाँ और दीमक का अटैक हो गया है तो उसे जल्दी से जल्दी ठीक करना अति आवश्यक होता है. नहीं तो आपका फसल या पौधा खराब होना शुरू हो जाता है….
इसके लिए सबसे पहले आपको अपने गमले से मिट्टी को बाहर निकाल लेना है, उसके बाद इसे आपको 1 या 2 घंटे के लिए धुप में छोड़ देना है. फिर गमले में अपने किचन का एक स्पेशल चीज इस्तेमाल करना होता है.
किचन के इस चीज का करें इस्तेमाल
अब आपको सबसे पहले अपने किचन से हिंग लेना है क्योंकि हम अपने गमलों में यहीं इस्तेमाल करने वाले हैं. हींग जितना हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है, वह पौधों के लिए भी उतना ही असरदार साबित होता है.
मत्स्य (मछली) पालन | पालतू डॉग की देखभाल |
पशुओं का टीकाकरण | जानवरों से जुड़ी रोचक तथ्य |
इसमें सबसे पहले आपको 1/4 स्पून हींग लेकर लगभग 200ml पानी में भिगो कर एक घंटा के लिए छोड़ देना है, उसके बाद जब यह अच्छे से घुल जायेगा तो आपके पानी का भी रंग थोड़ा बदल सा जायेगा.
अब आपको इस लिक्विड को किसी स्प्रे करने वाली बोतल में डालकर स्प्रे करना है या फिर इसे डायरेक्टली अपने गमले में डाल सकते हैं. इसके सुगंध से आपके बाड़ी, गमला, घर और दुकान इत्यादि में चीटियाँ, दीमक, कीड़ा, फंगस प्रकोप और रहवास बंद हो जायेगा.
इन्हें भी पढ़ें : किलनी, जूं और चिचड़ीयों को मारने की घरेलु दवाई
इन्हें भी पढ़ें : पशुओं के लिए आयुर्वेदिक औषधियाँ
इन्हें भी पढ़ें : गाय भैंस में दूध बढ़ाने के घरेलु तरीके
इन्हें भी पढ़ें : ठंड के दिनों में पशुओं को खुरहा रोग से कैसे बचायें
प्रिय पशुप्रेमी और पशुपालक बंधुओं पशुओं की उपर्युक्त बीमारी, बचाव एवं उपचार प्राथमिक और न्यूनतम है. संक्रामक बिमारियों के उपचार के लिये कृपया पेशेवर चिकित्सक अथवा नजदीकी पशुचिकित्सालय में जाकर, पशुचिकित्सक से सम्पर्क करें. ऐसे ही पशुपालन, पशुपोषण और प्रबन्धन की जानकारी के लिये आप अपने मोबाईल फोन पर गूगल सर्च बॉक्स में जाकर सीधे मेरे वेबसाइट एड्रेस pashudhankhabar.com का नाम टाइप करके पशुधन से जुड़ी जानकारी एकत्र कर सकते है.
Most Used Key :- पशुओं की सामान्य बीमारियाँ और घरेलु उपचार
किसी भी प्रकार की त्रुटि होने पर कृपया स्वयं सुधार लेंवें अथवा मुझे निचे दिए गये मेरे फेसबुक, टेलीग्राम अथवा व्हाट्स अप ग्रुप के लिंक के माध्यम से मुझे कमेन्ट सेक्शन मे जाकर कमेन्ट कर सकते है. ऐसे ही पशुधन, कृषि और अन्य खबरों की जानकारी के लिये आप मेरे वेबसाइट pashudhankhabar.com पर विजिट करते रहें. ताकि मै आप सब को पशुधन से जूडी बेहतर जानकारी देता रहूँ.