चराने का झंझट भी नहीं और ज्यादा खर्चा भी नहीं : Charane Ka Jhanjhat Bhi Nahi Aur Kharcha Bhi Nahi
चराने का झंझट भी नहीं और ज्यादा खर्चा भी नहीं : Charane Ka Jhanjhat Bhi Nahi Aur Kharcha Bhi Nahi, आज हम आपको बकरी के ऐसे नस्ल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसको न चराने का झंझट होगा और स्टॉल फीडिंग में ज्यादा खर्चा भी नही होगा. यह नस्ल की बकरी आपको रातों-रात बना देगा धन का राजा, मिलेंगे इतना मुनाफ़ा की आपको नोट गिनने के लिए मशीन खरीदनी पड़ जाएगी.

भारत में किसानों का कृषि के साथ-साथ पशुपालन भी एक मुख्य व्यवसाय है. जिसमें डेयरी के लिए गाय, भैंस का पालन किया जाता है तो वही मांस के लिए मुर्गी, बकरी और सूअर पालन किया जाता है. जिसमें कम भूमि की आवश्यकता होती और अच्छी आमदनी भी होती है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इन सभी की बिक्री के लिए बाजार का इंतजार करना तथा दूर नही जाना पड़ता है. बकरी पालन के लिए आज विदेशी नस्ल की बकरी के बारे में बात करेंगे, जिसका पालन करते ही कमाई डबल हो जाएगी.
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न ही चराने का झंझट, न ही ज्यादा खर्च का झंझट
अफ्रीकन बोअर बकरी का पालन से छोटे किसानों के इनकम में बढ़ोतरी हो रही है. इसी वजह से बकरीपालन बिजनेस का रूप ले रहा है. वही केंद्र सरकार, राज्य सरकार भी बकरी पालन को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए वह किसानों को प्रोत्साहित कर रही है और कई राज्य सरकारें बकरीपालन को बढ़ावा देने या शुरू करने के लिये योजना के तहत सब्सिडी प्रदान कर रही है.
इसके बावजूद कई किसान को बकरी पालन के व्यवसाय से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. क्योंकि न ही अच्छी नस्ल की बकरियां मिल पाती है और उनको न ही ज्यादा पशुपालन के बारे में ज्यादा जानकारी होता है. इस विषय में अब किसानों चिंता करने की कोई जरुरत नहीं है, आज हम आपको ऐसी बकरी के नस्ल के बारे में बताते है जिसके पालन से आपके नकारात्मक सोंच, सकारात्मक सोंच में बदल जायेगा.
अफ्रीकन बोअर बकरी की ख़ासियत
इस बकरी की ख़ासियत यह है कि ये देखने में भी बहुत सुन्दर लगते हैं, इस बकरी की त्वचा भी सफ़ेद होती है तथा गर्दन लाल होता है. इसके कान लम्बे-लम्बे होते हैं. इस बकरी की मांस सप्लाई बड़े-बड़े होटलों में होती है. किसान इस नस्ल की बकरी का पालन कर दोगुनी कमाई कर सकते हैं.
सबसे बड़ी बात यह है कि यह बकरी अपने वजन के लिए भी जानी जाती है. इस नस्ल के नर बकरा का वजन 110 किलोग्राम से 135 किलोग्राम तक होता है और वही मादा बकरी का वजन 90 किलोग्राम से 100 किलोग्राम तक होती है. इसके नर बकरा की लम्बाई 70 सेंटीमीटर और मादा बकरी की लम्बाई 50 सेंटीमीटर तक होती है.
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अफ्रीकन बोअर बकरी का आहार
इस नस्ल के बकरी का सिर्फ खाना से ही वजन नहीं बढ़ाता है बल्कि इस नस्ल के बकरी की प्रजाति ही ऐसी है जिससे इसका वजन बढ़ाता है. बोयर गोट के लिए सुबह दलहन के भूंसा (मसूर, चना, मुंग इत्यादि) दिया जाना चाहिए, 11 बजे मक्का की दाना दोपहर को हरा चारा, मक्का की कुट्टी, शाम को हरा चारा और रात में भूंसा हरा चारा मिक्स पानी दिया जाना जरुरी होता है. बकरी के पास पिने के लिए 24 घंटे पानी रहना चाहिए.
अफ्रीकन बोअर बकरी की कीमत
इस प्रजाति की बकरी वर्ष में दो बार बच्चा भी देती है. इस तरह से अगर एक वर्ष में 2 बच्चा भी देती है to एक वश में एक बकरी से 1 लाख से ज्यादा रूपया भी कमाया जा सकता है. अफ्रीकन बकरी, बकरी के नस्ल में बेहद बेहतरीन नस्ल कहा जाता है. इनके बारे में कहा जाता है की इसकी मार्केट में बहुत अधिक डिमांड है. मार्केट में 3500 रूपये किलोग्राम में इस नस्ल की बकरी का मांस बिकता है. विदेश में अफ्रीकन बोअर बकरी का मांस का बहुत अधिक मांग है. अगर आप इसका पालन करते है तो आप बहुत अधिक कमाई कर सकते हैं.
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