पशुओं में सूजन और शोथ के कारण : Causes of Inflammation and Swelling in Animals
पशुओं में सूजन और शोथ के कारण : Causes of Inflammation and Swelling in Animals, जब कभी ऊतकों पर किसी भी प्रकार का आघात पहुंचता है तब प्रकृति उस आघात से स्वयं बचाव करती है तथा नष्ट होने वाले ऊतकों की मरम्मत करती है. जब ऊतकों में खाली स्थान या तरल गुहिका में असामान्य रूप से द्रव पदार्थ जमा हो जाता है. तब इसे शोथ कहा जाता है, इसका अन्य नाम इन्फ्लेमेशन और ड्राप्सी है.

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कारण – बाहरी आघात, चोट-मोच, संधि शोथ (गठिया), अनीमिया, एलर्जी, पैरासाइट्स एवं जीवाणु भी हो सकते हैं.
उपचार –
- सूजन और शोथ का उपचार इसके कारण के अनुरूप किया जाता है. यदि सूजन चोट-मोच के कारण है तो उस पर आयोडीन ऑइंटमेंट या आयोडेक्स लगाया जा सकता है.
- इसके लिये मसलेक्स ऑइंटमेंट अथवा रिलैक्सिल का प्रयोग किया जाता है. इसके लिये मेडीक्रीम तथा रुमालिया क्रीम भी उपयुक्त रहती है.
- यदि पशु सेँकने दे रहा हो तो गर्म पानी में मैगसल्फ़ अथवा नमक या बोरिक एसिड डालकर सिकाई करनी चाहिए. सिकाई के लिये इस औषधी मिले गर्म पानी में कपड़ा या रुई भिगोकर और निचोड़कर सेंकना चाहिए.
- सूजन की स्थिति में पेनिसिलिन, स्ट्रेप्टोपेनिसिलिन, वेटोपेन, म्युनोमायासिन, विस्ट्रीपेन, टेरामाइसिन, स्टेक्लिन, नियोमाइसिन आदि में से किसी भी इन्जेक्शन को मांस में देनी चाहिए एवं होस्टाकार्टिन-एच 5-10 ml अथवा एस्जीपायरिन 10-20 ml मांस में रोज 3-4 दिन लगानी चाहिए.
- छोटे पशुओं और कुत्तों को पेंडिट्स सेप्ट्रान, सुगानरील इत्यादि की 1-2 टिकिया दिन में 2-3 बार खिलानी चाहिए. ब्रुफेन-400 अथवा ब्रुफेन 600 की 1-2 टिकिया दी जा सकती है. इसे भी दिन में 2-3 बार दें.
लाक्षणिक चिकित्सा
1 . दर्द की स्थिति में – एनाल्जिन, सेमिजोल, इस्जीपायरिन, नोवाल्जिन 15-30 ml मांस में बड़े पशुओं को देना चाहिए तथा छोटे पशुओं को 5-10 ml देना चाहिए. साथ ही दर्द कम करने के लिये लाक (Loc) स्प्रे को दिन में तीन से चार बार लगाना चाहिए.
2. यदि सूजन संधि शोथ या गठिया के कारण हो – पशु के लंगड़ाने की स्थिति में नोवाल्जिन, रोनाल्जिन, एनाल्जिन आदि किसी एक दवा का 20-30 ml दो बार तीन सप्ताह तक लगायें अथवा रोजाना ठीक हो जाने तक लगायें. साथ ही न्यूरोबियान/वेत्न्युरिन या ट्राईरेडिसोल-एच आदि किसी एक दवा का 10 ml सप्ताह में दो बार तीन सप्ताह तक मांस में लगावें.
3. यदि शोथ या सूजन जीवाणुओं या पैरासाइट्स के कारण रक्त की कमी तथा पेशाब की कमी के साथ हो तो – मैगसल्फ़ 250 ग्राम, पोटाश नाइट्रेट (कल्मी शोरा) 4 ग्राम, 500 ml पानी में घोलकर पिलावें. साथ ही डेक्सट्रोस या ग्लूकोज अथवा रिन्टोज 200-500 ml अन्तः शिरा (I.V.) दें एवं लासिक्स (Lasix) 2-4 ml मांस में लगायें. साथ ही बेलामाईल या लिवोजोन या पालीबियान, मेरीटोन आदि 5-10 ml मांस में सप्ताह में दो बार लगायें.
4. यदि सूजन, एलर्जी अथवा अन्य किसी कारण (कीड़े-मकोड़े के काटने, चोट या रासायनिक कारण) से हों तो – एविल या हेस्टाकार्टिन-एच 5-10 ml मांस में लगायें. छोटे पशुओं को 1-2 ml मांस में अथवा इसी की टिकिया 5-10 की मात्रा में बड़े पशुओं को और 1-2 टिकिया छोटे पशुओं को दिन दो-तीन बार खिलाएं.
इंजेक्शन कुराल 2-5 ml बड़े पशुओं को, 1-2 ml छोटे पशुओं को तथा 0.5-1 ml कुत्ते को मांस में लगायें. डेक्सामेथासोंन अथवा डेकाड्रान या डेक्सोना 5 ml की मात्रा बड़े पशुओं को देवें.
5. यदि घोड़े के पीठ पर असावधानी से जीन कसने पर सूजन हो गई हो तो – सिवाजाल या नियोस्पोरिन-एच ऑइंटमेंट आक्रान्त स्थान पर लगायें. स्ट्रेपटोपेनिसिलिन (ई.डी.सी. या विस्ट्रेपेन) 1 ग्राम की सुई मांस में तीन-चार दिन तक लगावें एवं कोट्रीमक्साजोल (ओरिप्रिम बोलस) की 1-2 टिकिया पांच दिन तक खाना चाहिए.
6. यदि खुनी पेचिस के बाद घातक रक्तअल्पता के कारण शोथ और मूत्र की कमी हो तो – लासिक्स इंजेक्शन 2-4 ml मांस में तथा मैक्राविन 1000 माइक्रोग्राम और 50 ml डैक्स्ट्रोज सबको मिलाकर धीरे-धीरे अन्तः शिरा (IV) देना चाहिए. साथ ही लीवर एक्सट्रेक्ट इंजेक्शन 2-5 ml 1 दिन के अन्तराल में मांस में देवें एवं लासिक्स की 4 टिकिया+मैक्राफोनिल विद आयरन की 2-4 टिकिया दिन में दो बार चारे के साथ मिलाकर देवें.
7. यदि किसी भी कारण शोथ से पशु लंगडाकर चलता हो तो – एस्जीपायरिन 4-6 टिकिया दें. न्यूरोबियान की 5 टिकिया मिलाकर दिन में दो बार देवें. साथ ही एस्जीपायरिन का इंजेक्शन 10-20 ml की मात्रा में मांस में लगावें एवं न्यूरोबियान 6 ml की सुई शिरा में 1 दिन छोड़कर लगावें.
अनुभूत चिकित्सा व्यवस्था
- सूजन/शोथ पर आयोडेक्स या रिलैक्सिल की मालिश दिन में दो बार करें.
- अथवा मैगसल्फ़ या नमक या बोरिक एसिड मिले गर्म पानी से भीगे कपड़े को निचोड़कर सिकाई करें.
- चोट-मोच, कारण होने पर लिनिमेंट अमोनिया की मालिश करें तथा कंडे से सिकाई करें.
- स्ट्रेपटोपेनिसिलिन/विस्ट्रीपेन/डी.सी./ टेरामायसिन इंजेक्शन द्वारा या छोटे पशुओं को कोट्रीमाक्साजोल (सेपट्रान्/ओरीप्रिम), सुगानरिल – कोई एक दवा की 1-2 टिकिया दिन में 2-3 बार देवें.
- एस्जीपायरिन या एनाल्जिन 10-15 ml मांस में देवें.
- न्यूरोबियान/वेटन्यूरान/ट्राईरेडीसोल-एच कोई एक दवा का इंजेक्शन 10 ml मांस में तीन सप्ताह तक देवें.
- मैगसल्फ़ 250 ग्राम + सोडीसल्फ़ 250 ग्राम + पोटाश नाइट्रेट 4 ग्राम आधा लीटर पानी में मिलाएं.
- लासिक्स या रिडेमा 5-10 ml मांस में देवें.
- इंजेक्शन बेलामाईल/लिवोजेन/लीवर एक्सट्रेक्ट +बी काम्प्लेक्स 5-10 ml मांस सप्ताह में दो बार दो-तीन सप्ताह तक देवें.
- इंजेक्शन एविल या होस्टाकार्टिन-एच 5-10 ml मांस में रोजाना/या डेक्सामेथासोंन अथवा इसकी टिकिया 5-10 ml की मात्रा में दिन में दो बार बड़े पशुओं को देना चाहिए.
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