डेयरी फ़ार्मिंगकृषि और पशुपालनपशुधन संसारपशुपालन से आर्थिक लाभभारत खबर

भैंस की कौन सी नस्ल ज्यादा दूध और वसा देती है : Bhains Ki Kaun Si Nasl Jyada Dudh Aur Vasa Deti Hai

भैंस की कौन सी नस्ल ज्यादा दूध और वसा देती है : Bhains Ki Kaun Si Nasl Jyada Dudh Aur Vasa Deti Hai, भारत भैंस के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है. अन्य देशों की तुलना में भारत सबसे अधिक दूध का उत्पादन करता है और दूध का खपत भी करने में भारत पहले नंबर पर आता है.

Bhains Ki Kaun Si Nasl Jyada Dudh Aur Vasa Deti Hai
Bhains Ki Kaun Si Nasl Jyada Dudh Aur Vasa Deti Hai

भारत में कुल दूध उत्पादन का लगभग 55 प्रतिशत अर्थात 20 मिलियन टन दूध भैंस पालन से ही प्राप्त होता है.यही कारण है की आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में भैंस पालन को अधिक प्राथमिकता दी जाती है. इतना ही नहीं भैंस का दूध भी लोंगो को ज्यादा पसंद आता है. भारत में बहिंस के दूध का उपयोग विशेष रूप से खीर, दही, पेड़ा तथा हिन्दू धर्म में पूजा-पाठ में उपयोग किया जाता है. इसके पीछे कारण यह है कि भैंस का दूध गाढ़ा होता है और इसमें वसा की मात्रा भी अधिक होती है.

बाजारों में भैंस की दूध में वसा की मात्रा अधिक होने के कारण, दूध की कीमत भी अधिक होती है, जिससे किसानों को अधिक मुनाफा भी मिलाता है. ऐसे में अगर आप भी भैंस पालना चाहते हैं और दूध में अधिक वसा की मात्रा चाहते हैं तो भदावरी नस्ल की भैंस पालन कर सकते हैं. इस नस्ल के भैंस के दूध में वसा की मात्रा 14-18 प्रतिशत तक होती है. तो आइये इस भदावरी नस्ल के भैंस की खासियत के बारे में जानते हैं.

आदर्श डेयरी फार्मिंग पशुधन योजनायें
पशुधन ख़बर बकरीपालन
Bhains Ki Kaun Si Nasl Jyada Dudh Aur Vasa Deti Hai

भदावरी भैंस का जन्म कहाँ हुआ?

भदावरी आजादी से पहले से ही भारत में पाई जाने वाली नस्ल है. इस नस्ल का जन्म स्थान एक छोटा सा राज्य था जिसे भदावर के नाम से जाना जाता था, जिसमें आगरा, इटावा, भिंड, मुरैना और ग्वालियर जिले के कुछ हिस्से शामिल थे, ऐसा माना जाता है कि भैंस की इस नस्ल का विकास भदावर राज्य से हुआ था इसलिए इसका नाम भदावरी पड़ा है.

भदावरी नस्ल की भैंसें अधिकतर आगरा क्षेत्र के भदावर जिले में पाई जाती है. इसके अलावा यह भैंस यमुना की चम्बल घटी में स्थित इटावा और ग्वालियर में भी पाया जाता है. इस भैंस की मुख्य पहचान इसका लाल भूरा रंग है.

किन क्षेत्रों में यह नस्ल पाई जाती है?

वर्तमान की बात करें तो भदावरी भैंस मध्यप्रदेश के भिंड, मुरैना, ग्वालियर और उत्तर प्रदेश के आगरा, इटावा, औरैया और जालौन के कुछ इलाकों में पाई जाती है. अब सवाल उठता है कि अगर किसान भदावरी नस्ल की भिनस को पालना चाहें तो इसकी विशेषताएं क्या-क्या है? भदावरी भैंस का आहार, भदावरी भैंस और मुर्रा भैंस में अंतर, भदावरी भैंस 1 दिन में कितने लीटर दूध देती है? भदावरी भैंस का रख-रखाव और भदावरी भैंस को कहाँ से खरीदें, इसकी कीमत क्या है.

शारीरिक संरचना

भदावरी भैंस की शरीर का आकार मध्यम आगे से पतला और पीछे से चौड़ा होता है. इसके सींग चपटे, मोटे और पीछे तथा अन्दर की ओर मुड़े हुए होते हैं. इसके नर पशुओं का वजन 400 से 500 किलोग्राम और मादा पशुओं का वजन 350 से 400 किलोग्राम होता है.

भदावरी नस्ल की खासियत

भदावरी नस्ल की भैंस की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह अपने आप को हर प्रकार की जलवायु के अनुकूल ढाल सकती है. जिसके कारण इस नस्ल की मांग हर राज्य के है. यदि कोई पशुपालक दूध से अधिक वसा घी प्राप्त करना चाहता है तो इस नस्ल की भैंस का पालन कर सकता है.

यह कम पौष्टिक भोजन में भी अच्छी गुणवत्ता वाला दूध पैदा कर सकती है. इसके भोजन पर अन्य भैंसों की तुलना में कम खर्च होता है. सबसे बड़ी खासियत यह है कि भदावरी नस्ल के भैंसों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत अधिक अच्छी होती है. इस नस्ल में कठिन से भी कठिन परिस्थितियों में जीवित रहने की क्षमता इस भैस की मुख्य विशेषता है.

भदावरी नस्ल की एक और सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह अपने आप को हर प्रकार की जलवायु के अनुकूल ढाल सकती है. जिसके कारण इस नस्ल की मांग हर राज्य में है. यदि कोई पशुपालक दूध से अधिक वसा या घी चाहता है तो पशुपालक भदावरी नस्ल का ही भैंस खरीदें. यह कम भोजन में भी अच्छी गुणवत्ता वाला दूध दे सकती है. इसके भोजन पर अन्य भैंसों की तुलना में बहुत कम खर्च आते हैं.भदावरी नस्ल के पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत अच्छी होती है.

भदावरी नस्ल एक दिन में कितने लीटर दूध देती है?

भदावरी नस्ल की दूध देने की बात करें तो भदावरी भैंस प्रतिदिन 6-8 लीटर दूध देती है. उच्च गुणवत्ता वाला घी पैदा करने वाली भदावरी भैंस और मुर्रा नस्ल के भैंस के बीच अंतर यह है कि यह मुर्रा भैंस की तुलना में कम दूध देती है, लेकिन इस भैंस की दूध में दुनिया के अन्य भैंसों की नस्लों की तुलना में अधिक वसा पाया जाता है.

भदावरी भैंस की दूध में अधिकतम वसा 14 से 18 प्रतिशत प्राप्त होती है. यह भैंस प्रति ब्यात में औसतन 1300-1500 लीटर दूध का उत्पादन करती है. हालाकि इसको उचित पोषक आहार दिया जाये तो इसकी दूध देने की क्षमता और अधिक बढ़ सकता है.

मत्स्य (मछली) पालनपालतू डॉग की देखभाल
पशुओं का टीकाकरणजानवरों से जुड़ी रोचक तथ्य
Bhains Ki Kaun Si Nasl Jyada Dudh Aur Vasa Deti Hai
Bhadawari
Bhadawari

भदावरी भैंस का पालन कैसे करें?

भदावरी भैंस को अन्य नस्ल के भैंसों की तुलना में बहुत आसानी से पाला जा सकता है. आपको बता दें कि भदावरी भैंस का वजन कम और आकार छोटा होता है. भूमिहीन किसान और गरीब पशुपालक भी कम संसाधनों में भदावरी भैंस को आसानी से पाल सकते हैं.

भदावरी भैंस किसी भी जलवायु में आसानी से ढल जाती है और इस नस्ल के जानवर कम खाना खाकर भी अच्छी गुणवत्ता वाला दूध दे सकती हैं. हालाकि की पशुपालन के दौरान कुछ बातों का अवश्य धयान रखना चाहिए जैसे पशुओं का रहने का स्थान अच्छी तरह ब्यवस्थित और हवादार होना चाहिए, पशु शेड में साफ सफाई रखनी चाहिए और इसके अलावा उनके भोजन और पानी की भी उचित व्यवस्था करनी चाहिए.

इन्हें भी पढ़ें : किलनी, जूं और चिचड़ीयों को मारने की घरेलु दवाई

इन्हें भी पढ़ें : पशुओं के लिए आयुर्वेदिक औषधियाँ

इन्हें भी पढ़ें : गाय भैंस में दूध बढ़ाने के घरेलु तरीके

इन्हें भी पढ़ें : ठंड के दिनों में पशुओं को खुरहा रोग से कैसे बचायें

प्रिय पशुप्रेमी और पशुपालक बंधुओं पशुओं की उपर्युक्त बीमारी, बचाव एवं उपचार प्राथमिक और न्यूनतम है. संक्रामक बिमारियों के उपचार के लिये कृपया पेशेवर चिकित्सक अथवा नजदीकी पशुचिकित्सालय में जाकर, पशुचिकित्सक से सम्पर्क करें. ऐसे ही पशुपालन, पशुपोषण और प्रबन्धन की जानकारी के लिये आप अपने मोबाईल फोन पर गूगल सर्च बॉक्स में जाकर सीधे मेरे वेबसाइट एड्रेस pashudhankhabar.com का नाम टाइप करके पशुधन से जुड़ी जानकारी एकत्र कर सकते है.

Most Used Key :- पशुओं की सामान्य बीमारियाँ और घरेलु उपचार

किसी भी प्रकार की त्रुटि होने पर कृपया स्वयं सुधार लेंवें अथवा मुझे निचे दिए गये मेरे फेसबुक, टेलीग्राम अथवा व्हाट्स अप ग्रुप के लिंक के माध्यम से मुझे कमेन्ट सेक्शन मे जाकर कमेन्ट कर सकते है. ऐसे ही पशुधन, कृषि और अन्य खबरों की जानकारी के लिये आप मेरे वेबसाइट pashudhankhabar.com पर विजिट करते रहें. ताकि मै आप सब को पशुधन से जूडी बेहतर जानकारी देता रहूँ.

-: My Social Groups :-