बरसीम के साथ यह घास कैसे खिलाएं । Barasim Ke Sath Yah Ghaas Kaise Khilayen
बरसीम के साथ यह घास कैसे खिलाएं। Barasim Ke Sath Yah Ghaas Kaise Khilayen, आमतौर पर सर्दी के मौसम में पशुओं से पशुपालकों को ज्यादा दूध उत्पादन मिलता है। लेकिन पशुपालक अगर बेहतर तरीके से पशुओं की देखभाल करे तो उत्पादन और अधिक लिया जा सकता है।

एक्सपर्ट का मानना है कि अगर दुधारू पशुओं को सर्दियों में बरसीम के साथ ये फ्री का घास खिलाएं तो पशुओं के दूध उत्पादन में बढ़ोतरी होना संभव है। हम बात कर रहे हैं फ्री में मिलने वाले दुब घास की, इसे पशुओं के आहार में बरसीम घास के साथ मिलाकर खिलाने से बूढी से बूढी गाय भी बाल्टी भर दूध देगी।
दुब घास जिसे आमतौर पर ‘दूर्वा’ या ‘हरी दुब’ के नाम से जाना जाता है। ये घास पशुओं के लिए अत्यंत पौष्टिक और पसंदीदा चारा है। इस घास में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह घास पशुओं के सेहत के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। यही कारण है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी पशुओ को चराने की परंपरा देखी जाती है।
पशुधन एक्सपर्ट ने बताया कि दुब घास में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। इनमें उच्च मात्रा में प्रोटीन होता है जो पशुओं के मांसपेशियों के विकास के लिए आवश्यक होता है। दुब घास में विटामिन ए, बी, और सी के साथ-साथ कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन जैसे पोषक तत्वों की प्रचुर प्रधानता होती है।
ये पोषक तत्व पशुओं की हड्डियों की मजबूती और स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। इस दुब घास में फाइबर की उच्च मात्रा होती है जो पशुओं के पाचन तंत्र को स्वस्थ रखती है और पाचन सम्बन्धी समस्याओं को दूर करती है।
दुब घास उगाने के लिए किसी रासायनिक उर्वरक या कीटनाशक की जरुरत नहीं होती है। रासायनिक तरीके से उगाई गई घांसों में अक्सर हानिकारक रसायनों के अवशेष रह जाते हैं जो पशुओं की सेहत के लिए नुकसानदायक होते हैं।
प्राकृतिक रूप से उगाने वाली दुब घास में पोषण मूल्य अधिक मात्रा में होती है। रासायनिक घासों में पोषण तत्वों की मात्रा कमहो सकती है क्योंकि रसायनों का उपयोग मिटटी की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचा सकता है।
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दुब घास पर्यावरण के लिए भी लाभकारी होती है, क्योंकि इसे उगाने में किसी भी प्रकार के रसायनों का उपयोग नहीं होता है। यह मिटटी की उर्वरकता को बनाये रखने में भी मदद करती है।
यह न केवल पौष्टिक होती है बल्कि पशुओं की सेहत को भी बनाये रखती है। दुब घास आसानी से उपलब्ध होती है और इसे उगानाभी आसान है, जिससे यह एक किफायती विकल्प बन जाती है।
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