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बच्चा देने के तुरंत बाद पशुओं का ख्याल कैसे रखें : Bachcha Dene Ke Turant Baad Pashuon Ka Khyal Kaise Rakhen

बच्चा देने के तुरंत बाद पशुओं का ख्याल कैसे रखें । Bachcha Dene Ke Baad Pashuon Ka Khyal Kaise Rakhen, पशुपालक को गाय, भैंस के बच्चा देने के बाद पशुओं की विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। क्योंकि बच्चे को जन्म देने के बाद, पशुओं की उचित देखभाल ही उत्पादन क्षमता को बढ़ाता है।

Bachcha Dene Ke Baad Pashuon Ka Khyal Kaise Rakhen
Bachcha Dene Ke Baad Pashuon Ka Khyal Kaise Rakhen

आज आपको पशुओं के ऐसी सावधानियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो बच्चा देने के तुरंत बाद करनी चाहिए।

हमारे देश की बहुत बड़ी आबादी खेती और पशुपालन से जुडी हुई है। एक समय था जब गांव के किसान पशुपालन को अपनी अतिरिक्त आय का जरिया बनाते थे, लेकिन आज ये जबरदस्त मुनाफे का कारोबार बन गया है।

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गांव के बहार नए-नए और अच्छी खासी नौकरी वाले लोग भी पशुपालन से जुड़ रहे हैं। इस क्षेत्र में कमाई का सबसे अच्छा और आसान तरीका डेयरी फार्मिंग को माना जाता है। अगर आपके पास भी दुधारू पशु हैं तो ये पशुधन खबर आपके लिए है। अगर आपके गाय भैंस बच्चा देने वाले हैं तो उनकी देखभाल और बच्चा देने के तुरंत बाद की सावधानी जान लेते हैं।

बच्चा देने के बाद रखें ये सावधानियां

जब गाय या भैंस नए बछड़े को जन्म देती है तभी गाय दूध देना शुरू करती है। नए बच्चे को जन्म देने के तुरंत बाद पशुओं को पीड़ा होती है। ऐसे में उनके स्वास्थ्य की देखभाल करना जरुरी होता है। आइये जान लेते हैं कि बच्चा के तुरंत बाद पशुओं कि देखभाल कैसे करनी चाहिए।

साफ कपड़े का इस्तेमाल करें

बच्चा देने के तुरंत बाद साफ-सुथरे और सूखे कपडे कि मदद से गाय, भैंस और उनके बच्चे को साफ करना चाहिए। किसी भी तरह कि गन्दगी होने से संक्रमण का खतरा बन सकता है। बछड़े के मुंह के भीतर कपडे कि मदद से जमा हुआ गन्दगी साफ करना न भूलें। जरुरत पड़ने पर हल्का गुनगुना पानी से भी सफाई करें।

पशु को खिलाएं यह चीज

बच्चा देने के तुरंत बाद पशु को असहनीय पीड़ा भी होती है इसलिए उनको रहत देने के लिए खुराक पर ध्यान देने कि जरुरत है। गांव-देहात में बच्चा देने के तुरंत बाद पशु को बांस और आम के पत्ते खिलाये जाते हैं। इसके साथ ही जौ और गेहूं की दलिया खिलाना चाहिए। बछड़े को भी तुरंत दूध पिने के लिए छोड़ देना चाहिए।

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भीड़ और शोरगुल न करें

हमने पहले भी बताया कि पशुओं को बच्चा देने के बाद काफी पीड़ा होती है, इसलिए उन्हें बिल्कुल असहज न महसूस कराएं। पशुओं को आराम और शांति भरा वातावरण दें। अधिक शोरगुल या भीड़ होने पर वे तनाव में आ जाते हैं जिससे उनके स्वभाव में बदलाव आ जाता है। फिर वे पशु दूध देते समय लात मारने लगते हैं।

पशु चिकित्सकों से मिलें

गाभिन होने के बाद से ही उनकी देखभाल करने कि ज्यादा जरुरत होती है। कई बार डिलीवरी के समय बच्चा फंस जाता है, ऐसी स्थिति में कोई भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए, खुद से बच्चे को खींचकर बाहर निकालने की कोशिश न करें। बच्चा फंसने या अधिक ब्लीडिंग होने पर पशु चिकित्सक से मिलें।

अन्य सावधानियां

बच्चा देने के लिए वातावरण और साफ़-सफाई में भी विशेष ध्यान देने की जरुरत होती है। जहां पर पशु बच्चा देने वाला है, वहां की साफ सफाई बहुत जरुरी है। उस स्थान में किसी भी तरह का गन्दा पानी, जानवरों के मल-मूत्र या मच्छर, मक्खी नहीं होने चाहिए।

फर्श पर बेवजह के नमीं है तो जुट के बोरे बिछा दीजिये। रातके समय डिलीवरी होने पर पशु के नजदीक ही 100 वॉट वाला बल्ब जला देना चाहिए। क्योंकि उस बल्ब से गर्म ताप निकलता है जिससे शेड में गर्मी बनी रहती है।

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