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कृत्रिम गर्भाधान के लिए मानक प्रोटोकाल क्या है : Artificial Insemination Ke Liye Manak Protocol

कृत्रिम गर्भाधान के लिए मानक प्रोटोकाल क्या है : Artificial Insemination Ke Liye Manak Protocol, कृत्रिम गर्भाधान को विनियमित करने के लिए न्यूनतम मानक प्रोटोकॉल (एमएसपी) और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की गई है.

Artificial Insemination Ke Liye Manak Protocol
Artificial Insemination Ke Liye Manak Protocol

डेयरी पशुओं और गोवंशों के कृत्रिम गर्भाधान को विनियमित करने और जांचने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर लोकसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने सदन को सूचित किया कि, प्रयासों को पूरक और पूरक करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने डेयरी पशुओं और गोवंश के कृत्रिम गर्भाधान को विनियमित और जांचने के लिए भारत सरकार ने देश में कृत्रिम गर्भाधान को विनियमित करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए हैं….

कृत्रिम गर्भाधान के लिए मानक प्रोटोकाल

  • वीर्य उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार के लिए वीर्य उत्पादन के लिए न्यूनतम मानक प्रोटोकॉल (एमएसपी) तैयार किया गया है और देश के सभी वीर्य स्टेशनों को उपलब्ध कराया गया है.
  • निजी एजेंसियों सहित सभी एजेंसियों के नियंत्रण में वीर्य स्टेशनों के मूल्यांकन के लिए केंद्रीय निगरानी इकाई (सीएमयू) का गठन किया गया है.
  • केंद्रीय निगरानी इकाई एमएसपी के कार्यान्वयन के आधार पर सभी वीर्य स्टेशनों का मूल्यांकन और ग्रेडिंग करती है.
  • राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे प्रजनन कार्यक्रम के तहत केंद्रीय निगरानी इकाई द्वारा ए और बी के रूप में वर्गीकृत वीर्य स्टेशनों से उत्पादित वीर्य खुराक का ही उपयोग करें.
  • कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण संस्थानों के लिए न्यूनतम मानक प्रोटोकॉल (एमएसपी) और मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) तैयार की गई हैं.
  • देश में सभी एजेंसियों के नियंत्रण के तहत सभी कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण संस्थानों के मूल्यांकन और ग्रेडिंग के लिए केंद्रीय निगरानी इकाई का गठन किया गया है.
  • राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियनों का प्रशिक्षण केवल केंद्रीय निगरानी इकाई द्वारा वर्गीकृत प्रशिक्षण केंद्रों पर ही करें.
  • वीर्य के माध्यम से फैलने वाले संक्रामक और संक्रामक रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए वीर्य स्टेशनों पर न्यूनतम मानक प्रोटोकॉल के कार्यान्वयन के लिए जानवरों में संक्रामक और संक्रामक रोगों की रोकथाम और नियंत्रण अधिनियम 2009 की धारा 39 के तहत राज्यों को निर्देश जारी किए गए हैं.
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कृत्रिम गर्भाधान के लिए बायोसिक्योरिटी का सामान्य मानदंड

  • पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान करने वाले स्थान साफ-सुथरा होनी चाहिए.
  • डेयरी फार्म पर कार्य करने वालों को फार्म में प्रवेश करने से पहले स्नान करके साफ़ सुथरा कपड़े पहन लेना चाहिए.
  • डेयरी फार्म में काम करने वाले मजदूरों के कपड़े की नियमित धुलाई की जानी चाहिए, ताकि बीमारी के प्रसार को रोका जा सके.
  • पशुपालक द्वारा डेयरी फार्मों में काम करने वाले मजदूरों और अधिकारिओं की टीबी. जैसे संक्रामक बीमारी की नियमित जाँच करानी चाहिए.
  • फार्मों में काम करने वाले मजदूरों या दूध निकालने वाले ब्यक्ति की ब्याक्तिगत स्वच्छता जैसे नाख़ून, बाल, स्वास्थ्य आई की नियमित जाँच होनी चाहिए.
  • डेयरी फार्मों में किसी भी आगंतुकों का सीधा प्रवेश वर्जित होना चाहिए. आवश्यकता अनुसार आगंतुकों को डेयरी फार्म में प्रवेश करने से पहले उनके हाथों और जूतों को कीटनाशक घोल से साफ़ करना चाहिए या पोलीथिन बूट कवर का उपयोग कराना चाहिए.
  • डेयरी फार्मों के लिए नये जानवर केवल विश्वशनीय स्थानों या स्रोतों से ही खरीदनी चाहिए.
  • सभी नये जानवर को डेयरी फार्म में प्रवेश देने से पहले संगरोधक स्टेशनों में 21 दिनों के लिए रखनी चाहिए.
  • पशुओं के संगरोधक अवधि में नये जानवरों विभिन्न प्रकार के बिमारियों के लिए जाँच करवानी चाहिए. इनमें जैसे टी.बी., जे.डी., ब्रुसेलोसिस, आई.बी.आर., कम्पाईलोबैक्टीरियोसिस, ट्रायकोमोनियासिस इत्यादि.
  • कृत्रिम गर्भाधान के लिए अच्छे से साफ ब्रीडिंग कीट का उपयोग करना चाहिए.
  • कृत्रिम गर्भाधान से पहले हमेशा एपरान और ग्लोब्स पहनना चाहिए तथा प्रत्येक गर्भाधान के लिए नये ग्लोब्स का उपयोग करना चाहिए.
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कृत्रिम गर्भाधान वीर्य के लिए आवश्यक सावधानियाँ

  • कृत्रिम गर्भाधान करते समय लिक्विड नाइट्रोजन पात्र या BA-3 ऐसी जगह पर रखें जहाँ आसपास के वातावरण शुद्ध, साफ, धूलमुक्त, धुपमुक्त तथा वायुसंचार उपयुक्त हो.
  • कृत्रिम गर्भाधान के लिए प्रयुक्त AI गन, कैंची इत्यादि को उपयोग के तुरंत बाद गरम पानी या साफ़ पानी से धोना चाहिए.
  • पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान के लिए प्रयुक्त AI गन, कैंची और अन्य दुसरे उपकरणों को हप्ते में एक बार गर्म पानी से उबालकर हवा में सुखाना चाहिए.
  • कृत्रिम गर्भाधान करने से पहले गर्भाधान कार्यकर्ता को सर्वप्रथम डेटोल, साबुन या एंटीसेप्टिक लिक्विड से हाथ धो लेने चाहिए.
  • वीर्य को थाविंग करने से पहले प्लास्टिक ग्लोब्स, AI गन, कैंची या स्ट्रा कटर, चिमटी, टिशू पेपर और साफ़ तौलिया की ब्यवस्था कर लेवें.
  • हमेशा सीमेन स्ट्रा को BA-3 या LN2 पात्र से चिमटी की मदद से निकालें.
  • वीर्य के स्ट्रा को हमेशा साफ तौलिये से पोंछ कर उपयोग में लावें.

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