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बकरी का दूध भैंस के दूध से कितना ताकतवर है । Bakari Ka Doodh Bhains Ke Doodh Se Kitana Takatwar Hai

बकरी का दूध भैंस के दूध से कितना ताकतवर है। Bakari Ka Doodh Bhains Ke Doodh Se Kitana Takatwar Hai , अक्सर लोगों के मन में सवाल उठता है कि क्या गाय-भैंस के दूध कि तुलना में बकरी का दूध ज्यादा ताकतवर है ? ऐसे में बकरी का दूध खुलेआम क्यों नहीं बिकता है?

Bakari Ka Doodh Bhains Ke Doodh Se Kitana Takatwar Hai
Bakari Ka Doodh Bhains Ke Doodh Se Kitana Takatwar Hai

साल 2001 से दुनियाभर में 1 जून 2023 को वर्ल्ड मिल्क डे मनाया जाता है। यह दिन डेयरी इंडस्ट्री और दूध के महत्व के बारे में बताने के लिए सेलिब्रेट किया जाता है। भारत में सबसे ज्यादा भैंस और गाय का दूध पीया जाता है। जो कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन डी आदि जरूरी पोषण देता है।

लेकिन अगर हम कहें कि बकरी का दूध पोषण के मामले में गाय-भैंस के दूध से ज्यादा ताकतवर है तो शायद आप नहीं मानेंगे। लेकिन अमेरिका के सरकारी फूड डाटा सेंट्रल भी बकरी के दूध में कैल्शियम-प्रोटीन को ज्यादा बताता है। आइए जानते हैं कि यह किन 5 बड़ी बीमारी में दवा की तरह काम आ सकता है?

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क्या गाय या भैंस किसका दूध ज्यादा बेहतर है? एक्सपर्ट कि माने तो इसका जवाब हाँ है। क्योंकि बकरी के दूध कि खासियत जानने के बाद आप यही कहेंगे कि बकरी का दूध गाय भैंस कि तुलना में अधिक फायदेमंद है। इस विषय पर लोगो में चर्चा होते रहती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गाय और भैंस तुलना में बकरी का दूध ज्यादा बेहतर माना जाता है।

बकरी के दूध में कैल्शियम, प्रोटीन जैसे कई पोषक तत्व अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें फाइट कि मात्रा काम होती है, जिसे पचाना आसान है। वेटनरी डॉक्टरों कि माने तो बकरी का दूध कई तरह कि बिमारियों के लिए भी कारगर है।

कई पशु चिकित्सा एक्सपर्ट का मानना है कि बकरी का दूध अत्यधिक फायदेमंद है। लेकिन, उत्पादन कम होने कि वजह से बाजार में उपलब्ध नहीं है। इसलिए लोग गाय या भैंस के दूध का उपयोग ज्यादा करते हैं। अन्यथा प्रचुर मात्रा में बकरी का दूध होने लगे तो अधिकांश लोग इसे ही उपयोग में ले लेंगे।

बकरी के दूध में पोषक तत्व और फायदे

बकरी के दूध में कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम कि मात्रा ज्यादा रहती है, क्योंकि खनिज लवण शरीर के लिए बेहद जरुरी है। गाय के दूध में 4 से 5 प्रतिशत, भैंस के दूध में 7 से 8 प्रतिशत तक वसा होती है। जबकि बकरी के दूध में केवल 3.5 प्रतिशत फैट होता है जो कि गाय भैंस कि तुलना में काफी पतला होता है। इसलिए इसे आसानी से पचाया जा सकता है।

पशु चिकित्सा एक्सपर्ट डॉक्टर बताते हैं कि बकरी के दूध का सेवन करने से ह्रदय रोग, किडनी, डायबिटीज, एलर्जी से जुडी समस्याओं में काफी रहत मिलती है। इसके अलावा शारीरिक रोगों से लड़ने कि क्षमता को भी बढ़ाने में सहायक है।

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बकरी का दूध महिला के दूध के सामान

एक्सपर्ट डॉक्टर के अनुसार, प्राचीन समय से ही नवजात शिशुओं को बकरी का दूध सेवन करने की सलाह दी जाती रही है। आज भी जब प्रसव के बाद माँ का दूध कम बन रहा हो या शिशु का पोषण नहीं हो रहा है तो उसे बकरी का दूध पिलाया जाता है।

क्योंकि बकरी का दूध माँ के दूध के सामान ही होता है, जिसे बच्चा आसानी से पाचन कर लेता है। बड़े शहरों में ६ से ७ महीने बाद नवजातों को अतिरिक्त दूध के लिए बकरी का दूध पिलाने कि सलाह दी जाती है।

उपलब्धता बढ़ाने साँची ने बनाई योजना

बता दें कि बकरीपालन कम होने से बाजार में दूध कि उपलब्धता कम रहती है, लेकिन दुकानों पर पाउडर के रूप में उपलब्ध है। हलाकि कुछ पिछले साल साँची ने भी बकरी का दूध संकलन और उपलब्ध करने के लिए कार्य योजना बनाई थी, जो फिलहाल अभी मूर्त रूप नहीं ले पायी है। साँची दुग्ध संघ इसके लिए प्रयासरत है।

5 बीमारी में काम आता है बकरी का दूध

  • ऑस्टियोपोरोसिस
  • बार-बार इंफेक्शन होना
  • हाथ-पैर सुन्न होना
  • कमजोरी-दुबलापन
  • डेंगू बुखार

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